दिल्ली सरकार टीका लगने योग्य सभी दिल्ली वासियों को तीन महीने के अंदर कोरोना का टीका लगाने की योजना में पिछड़ गई है। अब तक दिल्ली की आधी आबादी को कोरोना टीके की पहली खुराक लग चुकी है, जबकि दिल्ली सरकार ने जुलाई तक दिल्ली में सभी को टीका लगाने का लक्ष्य रखा था। सरकारी अनुमान के मुताबिक दिल्ली में 149 लाख लोगों को कोरोना टीका लगना है। इसमें 92 लाख लोग 18 से 44 आयु वर्ग वाले, जबकि 57 लाख लोग 45 व इससे ज्यादा आयु वर्ग वाले हैं।
दिल्ली में अब तक 73.50 लाख लोगों को कोरोना टीके की पहली खुराक लग चुकी है, जो दिल्ली में लगने वाली कुल पहली खुराक का करीब 49 फीसदी हिस्सा है। इस तरह दिल्ली में टीके लगने वाली आधी आबादी को टीके की पहली खुराक लग चुकी है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अप्रैल महीने के अंतिम सप्ताह में कहा था कि दिल्ली में सभी का तीन महीने के अंदर यानी जुलाई तक टीकाकरण कर दिया जाएगा। इस हिसाब से देखा जाए तो जुलाई तक दिल्ली में टीका लगने योग्य आधी आबादी को टीके की पहली ही खुराक लगी है। 45 आयु वर्ग में 53 फीसदी, जबकि 18-44 आयु वर्ग में करीब 40 फीसदी आबादी को पहली खुराक लगी है। पूर्णरूप से टीकाकरण यानी दोनों खुराक के संदर्भ में बात की जाए तो दिल्ली में अब तक करीब 25.60 लाख लोगों को टीेके की दोनों खुराक लग चुकी है, जो पूर्ण रूप से टीकाकरण का करीब 17 फीसदी हिस्सा ही है। हालांकि कुल लगने वाली 298 लाख दोनों खुराक का 10 फीसदी हिस्सा भी नहीं है।
लक्ष्य से काफी कम टीके की खुराक लगने के बारे में दिल्ली सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि इसकी वजह केंद्र सरकार व टीका निर्माता कंपनियों से पर्याप्त मात्रा में टीके की खुराक नहीं मिलना है। सरकार ने दिल्ली में रोजाना 3 लाख से अधिक टीके की खुराक लगाने की तैयारी की थी। इन दिनों दिल्ली में 1.50 लाख से अधिक टीके की खुराक लगाने की क्षमता है, जबकि टीके की कम उपलब्धता को देखते हुए रोजाना करीब 50 से 70 हजार टीके ही लग पा रहे हैं।
