पर्यावरण के लिए गंभीर समस्या बनती जा रही पॉलिथीन का इस्तेमाल अब सड़क बनाने में किया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने पर्यावरण को इस समस्या से बचाने की योजना बनाई है। विभाग ने सड़क निर्माण में प्लास्टिक कचरे का इस्तेमाल करने के साथ ही सीमेंट की भट्टी में इसका प्रसंस्करण कि या जाएगा।
हिमाचल प्रदेश के निदेशक (पर्यावरण) नगीन नंदा ने बताया कि इस परियोजना के परीक्षण के लिए चार सड़कों की पहचान कर ली गई है। राज्य में साल 204 में ही 70 माइक्रोन्स से अधिक मोटाई वाले पॉलिथीन बैग के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है।
राज्य में पर्यटकों, डिस्पोसिबल उत्पाद और खाद्य पदार्थों की पैकिंग के जरिए प्लास्टिक आती है। राज्य में प्लास्टिक प्रसंस्करण संयंत्र होने के बावजूद प्लास्टिक कचरे का प्रसंस्करण नहीं किया जाता है और यह ढेर के रूप में बढ़ता जाता है।
विभाग के अधिकारियों ने बताया कि नगर निगम और औद्योगिक कचरे से आने वाली प्लास्टिक उत्पादों का प्रबंधन चिंता का सबब बनता जा रहा था। इस कचरे का प्रबंधन करने के लिए ही सड़क निर्माण में इसके इस्तेमाल का विकल्प ढूंढा गया है।
इस परियोजना का परीक्षण करने के लिए कुल्लू, चंबा, हमीरपुर और शिमला की सड़कों का निर्माण इसी तकनीक से क रेंगे। इन चार सड़कों की निर्माण लागत लगभग 26 लाख रुपये आने की संभावना है। यह प्रस्ताव केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को वित्तीय मदद के लिए भेजा है।
