विकराल रूप धारण कर रही महंगाई के विरोध में भारतीय जनता पाटी द्वारा आयोजित बंद का मिलाजुला असर देखने को मिला।
बंद का दिल्ली, राजस्थान और केरल में व्यापक असर दिखाई दिया जबकि पंजाब और हरियाणा में बंद असरहीन रहा। इसके अलावा उत्तर प्रदेश, गुजरात, बिहार, उड़ीसा, जम्मू-कश्मीर और पश्चिम बंगाल में बंद का मिलाजुला असर दिखाई दिया।
दिल्ली: पार्टी की ओर से मंहगाई के खिलाफ आज की गई देशव्यापी हड़ताल को सफल बताते हुए भाजपा प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि आज मंहगाई की दर 7. 57 पर पंहुचना इस बात का प्रमाण है कि कांग्रेस नीत यूपीए सरकार मंहगाई रोक पाने में पूरी तरह असफल रही है। उन्होंने दावा किया कि ‘मंहगाई रोको या गद्दी छोड़ों’ के नारे के साथ पार्टी के आहवान पर आज की देशव्यापी हड़ताल पूरी तरह सफल रही।
पंजाब और हरियाणा: भाजपा के देशव्यापी बंद का हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ में कोई असर नहीं पड़ा। हरियाणा में पंचकुला, हिसार, रोहतक और अम्बाला सहित कई स्थानों पर दुकानें और व्यवसायिक प्रतिष्ठान खुले रहे। पंजाब में पार्टी के एक प्रवक्ता ने बताया कि 12 मई को पंचायती राज संस्थाओं के लिए होने वाले चुनाव के नामांकन के लिए आज अंतिम दिन होने के कारण उन्होंने इससे छूट ली है।
राजस्थान: राजस्थान में आज व्यावसायिक प्रतिष्ठान पूरी तरह से बंद रहे। पुलिस सूत्रों ने बताया कि बंद के दौरान फिलहाल किसी स्थान से अप्रिय वारदात की सूचना नहीं है। सूत्रों के अनुसार, व्यापारियों ने हड़ताल के आह्वान को देखते हुए अपने प्रतिष्ठान नहीं खोले। भाजपा कार्यकर्ताओं को जयपुर के मुख्य बाजारों में जाकर दूकाने बंद करवाने का आग्रह करते देखा गया। जयपुर में नगरीय बस सेवा पर भी बंद का असर पड़ा।
गुजरात: राज्य में हड़ताल का आह्वान आज सुबह से दोहपर दो बजे तक के लिए किया गया था। हड़ताल से यातायात और जरूरी सेवाओं को अलग रखा गया। अहमदाबाद में कई व्यापारिक प्रतिष्ठान खुले रहे। शहर के अन्य प्रमुख इलाकों पालदी, सी जी रोड़ और आश्रम रोड़ की दुकानें और प्रतिष्ठान आम दिनों की तरह काम करते रहे।
बिहार: बंद का बिहार में इसका मिला जुला असर दिखा। एक घंटे के बाजार बंद दौरान राजधानी पटना सहित प्रदेश के विभिन्न भागों में प्रमुख व्यवसायिक स्थानों पर दुकानें जहां दिन के ग्यारह बजे तक एक घंटे के लिए बंद रहीं जबकि अन्य इलाकों में व्यवसायिक प्रतिष्ठान और दुकानें सहित पेट्रोल पम्प आमतौर पर खुले रहे।