प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जाट बहुल क्षेत्र के किसानों से संपर्क साधने की कोशिश की जहां किसानों का व्यापक विरोध-प्रदर्शन देखने को मिला और आखिरकार सरकार को तीन कृषि कानून वापस लेने पड़े। मेरठ जिले में करीब 700 करोड़ रुपये की लागत वाले मेजर ध्यान चंद स्पोटर््स यूनिवर्सिटी के शिलान्यास के बाद एक जनसभा को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि केंद्र ने छोटे किसानों के हित में कृषि क्षेत्र के बुनियादी ढांचा में विस्तार करने, भंडारण केंद्र बनाने और कोल्ड चेन नेटवर्क में तेजी लाने के लिए करीब 1 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया है। उन्होंने कहा, ‘हमने कृषि बुनियादी ढांचा में सुधार को प्राथमिकता दी है और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को बढ़ावा दिया है।’ उन्होंने जोर देते हुए कहा कि दोहरी इंजन वाली सरकार पश्चिमी उत्तर प्रदेश और इस क्षेत्र के युवाओं के विकास पर जोर देगी। पश्चिमी उत्तर प्रदेश गन्ना क्षेत्र माना जाता है। मोदी ने कहा कि पिछली सरकारों ने गन्ने जैसी नकदी फसल के भुगतान में देरी की। उन्होंने कहा, ‘योगी आदित्यनाथ की सरकार के नेतृत्व में अब तक किया गया कुल भुगतान, पिछली दो सरकारों के कार्यकाल के दौरान किए गए भुगतान के मुकाबले अधिक है।’ प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि पहले उत्तर प्रदेश में चीनी की मिलें मनमानी कीमतों पर बेच दी गईं हालांकि अब योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में नई मिलें शुरू की जा रही हैं और बंद हो चुकी मिलें फिर से शुरू की जा रही हैं।