धनतेरस और दीपावली की रौनक से बाजार पूरी तरह से गुलजार हैं। बाजारों में खरीदारों की उमड़ी भीड़ से छोटे-बड़े सभी दुकानदारों के चेहरे पर मुस्कुराहट दिखाई दे रही है। कपड़ा, सोना, मिठाई, बर्तन, ड्राई फ्रूट्स, सजावट के सामना व गिफ्ट आइटम वाले बाजारों में भारी भीड़ दिख रही है। कोरोना महामारी के जख्मों को दरकिनार करके लोग जमकर खरीदारी के मूड में दिख रहे हैं। लोगों को उत्साहित रुझान को देखते हुए कारोबारी दावा कर रहे हैं कि यह दीवाली पिछले साल के अपेक्षा बेहतर रहेगी।
धनतेरस के मौके पर सोना-चांदी, बर्तन एवं रसोई सामान के व्यापारी बड़े कारोबार की उम्मीद कर रहे हैं। ग्राहकों को रिझाने के लिए दुकानदारों ने कई लुभावनी पेशकश भी शुरू की है। इंडियन बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (मुंबई) के अध्यक्ष कुमार जैन कहते पिछले साल की अपेक्षा सोना महंगा जरुर है, इसके बावजूद लोग सोने की तरफ आकर्षित हुए हैं धनतेरस, दीवाली और शादियों के लिए मिल रही बुकिंग के साथ दुकानों में आ रहे ग्राहक इस बात प्रमाण है कि इस बार पिछले साल की अपेक्षा बिक्री अधिक होने वाली है। पिछले साल धनतेरस के दिन मुंबई में करीब 500 करोड़ रुपये के सोने का कारोबार हुआ था। जिसमें इस बार 50 फीसदी तक का इजाफा हो सकता है। सोना महंगा होने के बावजूद ग्राहक धनतेरस एवं दिवाली पर खरीदारी कर सकें, इसलिए जौहरियों ने हल्के और कम कैरेट के आभूषण तैयार किए हैं। अधिकांश जौहरियों ने इस बार 14 से 18 कैरेट के आभूषणों की रेंज उतारी हैं। उनका दावा है कि इस त्योहारी सीजन में प्री बुकिंग पिछले साल के मुकाबले 30 फीसदी अधिक है।
कपड़ों की दुकानों एवं शोरुमों में ग्राहक जमकर खरीदारी कर रहे हैं। कपड़ा बाजार की नब्ज पकड़ने वाले बड़े कपड़ा कारोबारी राजीव सिंगल कहते हैं कि पिछले आठ महीनों का दौर किसी बुरे सपने से कम नहीं थी कारोबारियों को भारी नुकसान हुआ है। लेकिन दीवाली पर खरीदारी बढ़ी है। दीपावली सप्ताह में बिक्री अच्छी है हालांकि पुरे सीजन की बात करेंगे तो स्थिति बहुत खराब रही है। कपड़ा कारोबारियों का कहना है कि वह अपना पुराना स्टॉक खत्म करना चाह रहे हैं इसीलिए त्योहार पर 30 फीसदी तक की छूट दी जा रही है जिसके कारण लोग खरीदारी कर रहे हैं। त्योहारी सीजन में भी थोक बाजारों रौनक वापस नहीं आ सकी लेकिन खुदरा बाजार गुलजार है इसकी सबसे बड़ी वजह चीनी उत्पादों की बाजार में उपलब्धता बहुत कम होना माना जा रहा है।
बर्तन कारोबार दिनेश सरावगी कहते हैं कि धनतेरस के अवसर पर जो लोग सोना-चांदी नहीं खरीद पाते, वह बर्तन जरुर खरीदते हैं। दीपावली पर बर्तन खरीदने का चलन बहुत पुराना है। पिछले आठ महीने से लोग घरों से निकलने से बच रहे थे लेकिन त्योहारों पर अपने को नहीं रोक पाएं जिसके कारण बाजार गुलजार दिख रहे हैं। सरावगी कहते हैं कि इस बार सभी जगह ग्राहक दिख रहे हैं, लोकल ट्रेन का सफर अभी भी सभी के लिए सुलभ नहीं है जिसके कारण लोग अपने आस पास के बाजार, दुकानों से खरीदारी कर रहे हैं। बाजार में सबसे ज्यादा मांग इलेक्ट्रॉनिक सामनों की दिख रही है।
मीरा रोड़ इलाके के विजय सेल्स स्टोर्स में ग्राहकों की उमड़ी भीड़ से गदगद इसके संचालक कहते हैं कि कोरोना का भय अब पूरी तरह निकल चुका है, लोग लंबे समय से अपने को रोककर रखे हुए थे, इस त्योहारी सीजन में ग्राहक अपनी पूरी खरीदारी करने के मूड में हैं। हमारी सभी डिलिवरी वैन ओवरटाइम काम कर रही है बिक्री के सही आंकड़े तो अभी नहीं कहे जा सकते हैं लेकिन ग्राहकों के उत्साह को देखकर कह सकते हैं कि इस बार बिक्री पिछले साल से ज्यादा रहने वाली है।
त्योहारी मौसम में ड्राई फ्रूट्स (सूखे मेवे) उपहार में देने का चलन रहा है, लेकिन इस बार इनकी भी बिक्री कमजोर है। सूखे मेवे की आपूर्ति करने वाले संदीप दोषी कहते हैं कि दूसरे सामानों की अपेक्षा ड्राई फ्रूट्स का कारोबार बेहतर है क्योंकि लोगों को लग रहा है कि इससे उनकी रोक प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने वाली है। लेकिन लोग सिर्फ अपने लिए खरीदारी कर रहे हैं, उपहार के लिए नहीं जिस कारण दुकानों में रौनक होने के बावजूद बिक्री पिछले साल से बहुत कम रहने वाली है। जोधपुर स्वीट्स के मालिक आर चौधरी कहते हैं कि दीवाली और धनतेरस के दिन अच्छी बिक्री होने की उम्मीद है लेकिन इस बार पहले से मिलने वाले ऑर्डर में 80 फीसदी की कमी है। मिठाई और दूसरे उपहार के सामनों को पैक करने के लिए गिफ्ट बॉक्स की सप्लाई करने वाली नवीन पाठक कहते हैं कि इस बार हाल बहुत बुरा है। हर साल हम करीब पांच लाख बॉक्सों की आपूर्ति करते थे लेकिन इस बार पांच हजार भी बाक्स गए। क्योंकि मिठाई या दूसरे सामनों की सिर्फ काउंटर बिक्री है पहले से मिलने वाले ऑडर्ऱ न के बराबर है। इसीलिए दुकानों में भीड़ तो दिख रही है लेकिन बिक्री पिछले साल के अपेक्षा करीब 80 फीसदी कम होने वाली है।
कार-बाइक के शोरुम भी ग्राहक से गुलजार है। मुंबई और आसपास के इलाकों के कार एवं बाइक के बड़े डीलर्स बाफना फोर्टप्वाइंट ऑटोमोटिव के चेयरमैन संदीप बाफना कहते हैं कि इस त्योहारी सीजन में मांग बहुत बेहतर हैं लेकिन हम मांग के अनुसार गाड़ियां नहीं दे पा रहे हैं। जिसके कारण पिछले साल की अपेक्षा गाड़ियों की डिलिवरी करीब 30 फीसदी कम रहने वाली है। लॉकडाउन के चलते कार कंपनियों में विनिर्माण का काम कुछ महीनों तक ठप पड़ा था और अभी भी मजदूरों व कर्मचारियों की कमी के चलते काम की रफ्तार पहले जैसे नहीं है इसीलिए हम ग्राहकों से दीवाली की जगह नये साल में डिलीवरी लेने का अनुरोध कर रहे हैं जिससे कई बार ग्राहक नाराज भी हो रहे हैं लेकिन हमारी मजबूरी है कि हमारे पास गाड़ियां न होने के कारण हम सबकी मांग पूरी नहीं कर पा रहे हैं। बाफना कहते हैं कि पिछले त्योहारी सीजन में हमने करीब 500 गाडि़यों की बिक्री की थी जबकि इस बार मांग करीब 600 की है लेकिन डिलीवरी मुश्किल से 300-350 के करीब ही हो पाएगी। दोपाहिया गाड़ियों की भी डिलीवरी पिछले साल के अपेक्षा कम होने वाली है।
मुंबई और आसपास के इलाकों में बेहतरीन त्योहारी मांग देखने को मिल रही है। रीयल एस्टेट डेवलपर्स का शीर्ष संगठन नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल (नारेडको) की उपाध्यक्ष एवं नाहर ग्रुप की चेयरपर्सन मंजू याग्निक कहती है कि बढ़ती मांग को दर्शाने वाले सकारात्मक बिक्री के आंकड़ों के साथ अच्छी रिकवरी देखने को मिल रही है। चल रहे त्योहारों और डेवलपर्स के ऑफ़र खरीदारों को प्रोत्साहित करेंगे, जिसके परिणामस्वरूप अच्छी बिक्री होगी। भवन निर्माताओं की मानी जाए तो इस दीवाली में पिछले साल की अपेक्षा 20-30 फीसदी अधिक घरों की बिक्री होने वाली है। किफायती और आलीशन घरों के बिक्री के आंकड़े भी भवन निर्माताओं के दावों पर मुहार लगाते नजर आ रहे हैं
