महाराष्ट्र सरकार ने आगामी 1 दिसंबर से राज्य में स्कूलों को खोलने के लिए दिशानिर्देश जारी कर दिए हैं। इन सभी दिशा निर्देशों का कड़ाई से पालन करना स्कूलों के लिए अनिवार्य होगा। जिसके मुताबिक शिक्षकों और विद्यालय कर्मचारियों का पूर्ण रूप से टीकाकरण होना और विद्यार्थियों को मास्क पहनना अनिवार्य किया गया है।
महाराष्ट्र के ग्रामीण इलाकों में पहली से चौथी और शहरी इलाकों में पहली से सातवीं तक की कक्षाओं को विद्यालय परिसर में फिर से बहाल करने से पहले कोविड-19 उपयुक्त व्यवहार में शिक्षकों और विद्यालय कर्मचारियों का पूर्ण रूप से टीकाकरण होने समेत कई दिशानिर्देशों का पालन करना जरूरी है।राज्य सरकार द्वारा जारी किए गए निर्देशों में दो छात्रों के बीच में कम से कम 6 फुट की दूरी और सभी छात्रों को स्कूल में मास्क पहनना अनिवार्य है। बच्चों से यह अपील भी की गई है कि वे बार-बार अपने हाथ को धोएं और स्कूल को भी साफ रखने में मदद करें। राज्य में प्राथमिक विद्यालय परिसर में व्यक्तिगत कक्षाएं महामारी के मार्च, 2020 में दस्तक देने के बाद से ही बंद हैं। राज्य स्वास्थ्य सेवा निदेशक ने सभी जिलों और निकायों के स्वास्थ्य अधिकारियों को लिखे पत्र में विद्यालयों में कोविड-19 उपयुक्त व्यवहार में छह फुट की सामाजिक दूरी, अनिवार्य तौर पर मास्क पहनना और हाथ धोने जैसे नियमों का पालन होना अनिवार्य किया है।
दिशानिर्देश में कहा गया है कि विद्यार्थियों को हाथ धोने, मुंह और नाक को छींकते या खांसते समय रूमाल या टिशू पेपर से ढंकने के बारे में बताना चाहिए। विद्यालयों में मास्क और सैनिटाइजर की पर्याप्त खेप मौजूद होनी चाहिए। वहीं यह भी कहा गया कि अगर किसी विद्यार्थी में संक्रमण के लक्षण दिखें तो उसके साथ भेदभाव न किया जाए और तत्काल उसके अभिभावक को सूचना दी जाए तथा इस बीच उसे एक अलग कमरे में बैठाया जाना चाहिए। महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने पिछले सप्ताह गुरुवार को ग्रामीण इलाकों में पहली से चौथी और शहरी इलाकों में पहली से सातवीं तक की कक्षाओं को एक दिसंबर से विद्यालय परिसर में फिर से खोलने का निर्णय लिया था।
