उत्तर प्रदेश में सार्वजनिक क्षेत्र के सभी बैंकों ने कृषि ऋण माफी और ऋण राहत योजना के क्रियान्वयन के लिए प्रारंभिक काम शुरू कर दिया है।
बैंक अधिकारी लाभान्वित किसानों की पहचान करने और अंतिम सूची तैयार करने की कवायद में जुटे हैं। बैंक का कहना है कि वे रिजर्व बैंक द्वारा तय 30 जून की तारीख से पहले सूची को अंतिम रूप दे देंगे। कर्ज माफी योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को अपनी तरफ से आवेदन करने की जरुरत नहीं है।
कई बैंकों ने घोषणा के तहत आने वाले कर्जदारों की पहचान करने और सूची बनाने के लिए अपनी डेडलाइन तय की है जो रिजर्व बैंक की अंतिम तिथि से पहले है। यूको बैंक ने उत्तर प्रदेश में 61 शाखाओं में 20,000 किसानों की पहचान की है जिन्हें कर्ज माफी का फायदा मिलेगा। बैंक ने बताया है कि वह लाभार्थियों की पहचान और जांच करने के बाद 25 जून तक सूची को नोटिस बोर्ड पर लगा देगा।
यूको बैंक द्वारा राज्य में कुल 90 करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया जाएगा। उत्तर प्रदेश में बैंक आफ बडौदा ने बहराइच जिले में 100 किसानों को कर्ज माफी का प्रमाण पत्र दे भी दिया है। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में बीओबी की 615 शाखाएं हैं जिनमें से 478 शाखाओं में कर्ज माफी योजना को लागू किया गया है।
बैंक अंतिम सूची तैयार करने का लगभग 25 प्रतिशत काम पूरा कर चुका है और उम्मीद है कि बाकी 75 प्रतिशत काम को एक सप्ताह के भीतर पूरा कर लिया जाएगा। बैंक ऑफ बड़ौदा उत्तर प्रदेश में कर्ज माफी के लिए गठित समिति की संयोजक भी है। इंडियन ओवरसीज बैंक उत्तर प्रदेश में 51.75 करोड़ रुपये का कर्ज माफ करेगा।
ग्रामीण बैंक नहीं हैं पीछे
कर्ज माफी को अमली जामा पहनाने में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक और सहकारी ऋण संस्थान भी पीछे नहीं हैं। नाबार्ड (लखनऊ) के मुख्य महा प्रबंधक सुखबीर सिंह ने बताया कि ‘कर्ज माफी योजना का क्रियान्वयन काफी तेजी से किया जा रहा है और 20 से 25 प्रतिशत काम पूरा किया जा चुका है। हम तयशुदा समय में इसे पूरा कर लेंगे।’
उत्तर प्रदेश में नाबार्ड के तहत 12 आरआरबी और 50 सहकारी बैंक काम करते हैं। बैंक ने बीते महीने की 30 तारीख को आरआरबी के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक कर तैयारियों का जायजा लिया था। आरआरबी और कोऑपरेटिव बैंक के जरिए कर्ज माफी के लिए नाबार्ड नोडल एजेंसी है। जबकि रिजर्व बैंक वाणिज्यिक बैंकों और शहरी कोऑपरेटिव बैंकों के लिए नोडल एजेंसी की तरह काम कर रहा है।
.. अब चलते हैं महाराष्ट्र
महाराष्ट्र में को-ऑपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी केंद्र सरकार की ऋण माफी योजना के तहत लाभ पाने की योग्यता रखने वाले किसानों की सूची तैयार करने में जुटी हैं। सबसे पहले सीमांत किसानों की सूची तैयार की जा रही है।
ज्यादातर सोसाइटी ने यह सूची तैयार कर ली है और अगले सात दिनों में यह सूची सोसाइटी के कार्यालय नोटिस बोर्ड पर लगा दी जाएगी। नाबार्ड के जिला विकास प्रबंधक एस एन पोकले ने कहा कि कई ऐसी सोसाइटी हैं, जिसमें कर्ज लेने वाले की संख्या काफी (500 से 1000) है। इसके अलावा एक या दो आदमियों और एक सचिव मिलकर एक सोसाइटी चलाते हैं।
आम तौर पर किसान तीन चार तरह का लोन लेते हैं और हरेक लोन की अपनी प्रकृति होती है। किसानों की ऋण माफी के लिए अलग-अलग मानदंड है। कर्ज माफी के दायरे में अनाज के लिए ऋण, मध्यम अवधि का कृषि निवेश ऋण, सिंचाई के लिए ऋण शामिल है। घर कर्ज को माफी के दायरे में शामिल नहीं किया गया है, हालांकि ब्याज छूट दी जाएगी।