उत्तर प्रदेश से निर्यात को प्रोत्साहन देने और स्थानीय विनिर्माताओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए फेडरेशन आफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशन (फियो) उत्तर प्रदेश निर्यात संवर्धन ब्यूरो के साथ मिलकर एक दिवसीय कार्यशाला की आयोजन कर रहा है।
इस कार्यशाला के दौरान लखनऊ स्थित भारतीय उद्योग संघ (आईआईए) में कारोबारियों को बताया जाएगा कि किस तरह इंटरनेट पर संभावित खरीदार की तलाश की जा सकती है।
फियो के उत्तरी क्षेत्र के अध्यक्ष आर के धवन ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि ‘अपने उत्पादों की समुचित ब्राडिंग करने के बाद निर्यात में अपने आप बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। इसके लिए निर्यातकों और स्थानीय विनिर्माताओं को शिक्षित करना जरूरी है ताकि वे अपनी वेबसाईट का विकास कर सके और वैश्विक खरीदारों को अपनी ओर खींच सकें।’
दुनिया भर में इंटरनेट का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है। पिछले साल वर्षो के दौरान वैश्विक स्तर पर इंटरनेट का इस्तेमाल 266 प्रतिशत बढ़ा है। इस कार्यशाला का उद्देश्य निर्यातकों की क्षमता को बढ़ाने के उपायों पर चर्चा करना है ताकि वे बेहतर ढंग से विदेशी खरीदारों के साथ सौदे करने के साथ ही और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धी बन सकें।
उत्तर प्रदेश सरकार के संयुक्त निर्यात आयुक्त प्रभात कुमार ने बताया कि इसमें कोई शक नहीं हैं कि हाल के वर्षो में इंटरनेट का इस्तेमाल तेजी से बढ़ा है, हमारी कोशिश है कि विनिर्माताओं द्वारा निर्यात को बढ़ाने के लिए इसका अधिक से अधिक इस्तेमाल हो सके। धातु के सामान, सिल्क, चिकन और जरी उत्पादों के निर्यात की काफी संभावनाएं हैं।उत्तर प्रदेश में लखनऊ का चिकन, भदोई की कालीन, मुरादाबाद के बर्तन, और मेरठ में खेल उद्योग काफी प्रसिद्ध है।
लेकिन इनमें से ज्यादातर छोटे कारोबारी हैं और यहां मोटे तौर विपणन के पुराने ढंग को ही अपनाया जाता है। इस कारण कारोबार अच्छा मुनाफा देने वाले खरीदारों और विदेशी बाजारों तक पहुंच कायम नहीं कर पाते हैं। उन्होंने बताया कि फियो की इस पहल से कारोबारी विपणन के नए तरीकों से परिचित हो सकेंगे और उनके मुनाफे में बढ़ोतरी होगी।