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उत्तर प्रदेश में उद्योगों के लिए सुविधाजनक बनेंगे कानून

Last Updated- December 07, 2022 | 1:05 AM IST

निवेशकों के अनुकूल माहौल तैयार करने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए उत्तर प्रदेश सरकार औद्योगिक सरलीकरण कानून को अंतिम रूप दे रही है।


राज्य में स्थापित की जाने वाली नई औद्योगिक इकाइयों के लिए इस कानून के तहत निर्धारित समय सीमा का प्रावधान किया जाएगा। उत्तर प्रदेश में  निर्यात और लघु उद्योग विकास के मुख्य सचिव जैकब थॉमस ने बताया कि बुंदेलखंड क्षेत्र में विकास के लिए निवेश बोली को आकर्षित बनाने के लिए राज्य सरकार ‘प्रोत्साहन पैकेज’ की घोषणा करने की जुगत में है।

औद्योगिक सुविधा कानून के बारे में विस्तार से बताते हुए थामस ने कहा कि इस कानून के तहत किसी भी नई परियोजना के लिए एकल खिड़की निपटान का प्रावधान होगा और सूचना प्रौद्योगिकी का व्यापक इस्तेमाल पारदर्शिता लाने के लिए किया जाएगा। इसके अलावा औद्योगिक इकाइयों को आवश्यक सेवाएं भी मुहैया कराई जाएंगी।

राज्य में हुए अन्य विकास कार्य की चर्चा करते हुए थामस ने बताया कि गंगा एक्सप्रेसवे के कार्यान्वयन से कृषि आधारित उद्योगों और सामान्य उद्योगों के लिए हर दृष्टि से फायदा मिलेगा। यह परियोजना ग्रेटर नोएडा से लेकर पूर्वी उत्तर प्रदेश के बलिया को आपस में जोड़ेगी। इसके अलावा नए विकसित क्षेत्रों के साथ एक्सप्रेसवे को मुंबई और गुजरात से भी जोड़ा जाएगा। ये दोनों राज्य विदेश व्यापार की दृष्टि से काफी उन्नत हैं।

इस एक्सप्रेसवे को दिल्ली मुंबई औद्योगिक कॉरिडोर (डीएमआईसी) से भी जोड़ा जाएगा जो उत्तर प्रदेश से होता हुआ गुजरेगा। इन सब विकास कार्यों से उद्यमी उत्तर प्रदेश में निवेश करने की ओर अग्रसर होंगे। उन्होंने बताया कि कृषि के विकास के लिए यह बहुत जरूरी है कि बाजार को ध्यान में रखते हुए विशेष रूप से निर्मित और मांग पर आधारित कृषि उत्पादों का निर्माण किया जाए। थामस ने यह जानकारी पीएचडी चैंबर ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री द्वारा आयोजित गोष्ठी के दौरान दी।

First Published - May 23, 2008 | 11:00 PM IST

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