छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी की रणनीतियों को जानने के लिए हमारे संवाददाता आर कृष्णा दास ने मुख्यमंत्री रमन सिंह से मुलाकात की। बातचीत के मुख्य अंश:-
क्या आगामी चुनावों के लिए आपको छत्तीसगढ़ में सत्तासीन भाजपा सरकार की योग्यता के खिलाफ कोई सवाल दिखाई देता है?
बिल्कुल नहीं, मुझे नहीं लगता है कि छत्तीसगढ़ में सत्तासीन भाजपा सरकार को आगामी चुनाव जीतने में किसी तरह का संदेह हो। पिछले पांच साल में छत्तीसगढ़ में लोगों ने जितना विकास देखा है, शायद ही कभी देखा हो।
पिछले चुनाव में भय, असुरक्षा को मुख्य मुद्दा बनाया गया था। लेकिन इस बार विकास को चुनाव का मुख्य मुद्दा बनाया जा रहा है। अब यह लोगों के ऊपर निर्भर करता है कि वे फिर से भय और असुरक्षा के राज को चुनते हैं या विकास की नई संभावनाओं को देखने के लिए भाजपा को।
अगर सत्तासीन भाजपा विरोधी ताकतों का सवाल नहीं है तो पार्टी ने अपने निर्वाचित विधायकों में से लगभग 40 फीसदी को आगामी चुनावों के लिए मैदान में क्यों नहीं उतारा है?
चुनाव में भाग लेने वाले प्रत्याशियों का चुनाव पार्टी संगठन द्वारा प्रत्याशियों द्वारा जमीनी स्तर पर किये गये काम के आधार पर किया गया है। चालीस फीसदी निर्वाचित विधायकों को अगले चुनाव में न उतारने का निर्णय पार्टी संगठन ने कुछ नए चेहरों को भी मौका देने के लिए उठाया है।
क्या आपको लगता है कि आपकी सरकार द्वारा किये गए विकास कार्यो को देखते हुए जनता आपको अगली बार भी चुन लेगी?
हो सकता है कि कोई व्यक्ति भाजपा सरकार द्वारा किये गए कार्यो से संतुष्ट न हो लेकिन हमारी सरकार से पहले सत्तासीन हुई कांग्रेस सरकार ने राज्य को नकारात्मक विकास की राह में धकेल दिया था। यह भाजपा सरकार ही है जो राज्य को फिर से सकारात्मक विकास की पटरी में लेकर आई है।
पिछले चुनावों की तुलना में इस बार के चुनावी संघर्ष को आप किस नजर से देखते है?
पिछले चुनावों के समय राज्य के हालात गंदी राजनीति, कुकुरमुत्ते की तरह फैलते निजी विश्वविद्यालयों और नकारात्मक विकास के कारण काफी दयनीय थे। लेकिन अब छत्तीसगढ़ पर्याप्त बिजली सुविधा, निवेश के सैकड़ों प्रस्तावों और अन्य विकास कार्यो के लिए जाना जाने लगा है।
लेकिन कहा जा रहा है कि भविष्य में कोई भी औद्योगिक समूह छत्तीसगढ़ में भारी निवेश के लिए नहीं आ रहा है?
वैश्विक मंदी से राज्य में होने वाले निवेश सीधे तौर पर प्रभावित हुआ है। लेकिन सीमेंट और ऊर्जा क्षेत्र की दिग्गज कंपनियां जैसे भिलाई स्टील प्लांट , जिंदल और बाल्को बड़े स्तर पर प्रसार करने की योजना बना रही है। बस्तर में तो एनएमडीसी ने स्टील प्लांट लगाने का काम शुरू भी कर दिया है।
कांग्रेसी नेताओं का आरोप है कि आपकी सरकार ने निजी कंपनियों को खदानें सौंपकर सूबे की खनिज संपदा को भारी नुकसान पहुंचाया है?
राज्य के क्षेत्रीय औद्योगिक समूहों और निवेशकों को देखते हुए राज्य सरकार खदानों का प्रयोग पूंजीगत लाभ के लिए करती रहेंगी। रही आरोप की बात तो राज्य सरकार खदानों के आवंटन के समय केवल सलाह दे सकती है। आवंटन का पूरा जिम्मा तो केंद्र सरकार का होता है।
इस चुनाव में जनजातीय सहयोग मिलने की आपको कितनी उम्मीद है?
राज्य की भाजपा सरकार ने जनजातियों के लिए काफी काम किया है। नक्सल समस्या से ग्रस्त बस्तर और सरगुजा में शंति स्थापित करने में भाजपा सरकार ने अहम भूमिका निभाई है। इन इलाकों में नए विश्वविद्यालयों को भी स्थापित किया गया है। बुनियादी विकास के लिए भी आदिवासी बहुल इलाकों को प्रथम स्थान दिया गया है।