होटल ऐंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया (एचआरएडब्लूआई) ने राज्य में होटलों और रेस्तरां पर प्रतिबंध लगाने के खिलाफ नाराजगी व्यक्त की है। रेस्तरां को शनिवार और रविवार सहित सप्ताह के दौरान सुबह 7 बजे से रात 12:30 बजे तक संचालित किए जाने की मांग की गई है। महाराष्ट्र कोविड कार्यबल की बैठक में रेस्तरां संचालित करने की समय सीमा बढ़ाने पर चर्चा हुई। माना जा रहा है कि सरकार इस पर जल्द निर्णय ले सकती है।
एसोसिएशन ने विरार के एक होटल व्यवसायी की दुर्भाग्यपूर्ण मौत का हवाला दिया है, जिसने कुछ दिनों पहले आजीविका के नुकसान के कारण आत्महत्या कर ली थी। देनदारों द्वारा होटल व्यवसायी का पीछा किया जा रहा था और उसे चुकाने के लिए कोई साधन या आय का स्रोत नहीं था। ऐसे में उसे अपना जीवन खत्म करने के लिए मजबूर होना पड़ा। यह सिर्फ एक घटना है पर ऐसी कई घटनाएं हुई हैं जहां आतिथ्य प्रतिष्ठानों के मालिकों को वित्तीय नुकसान के चलते मानसिक तनाव का सामना करना पड़ रहा है। होटल और रेस्तरां मालिकों के आजीविका के अधिकार को सीमित किया जा रहा है। एसोसिएशन ने अनुरोध किया है कि उन्हें या तो अपने व्यवसाय को हमेशा की तरह चलाने की अनुमति दी जाए, नहीं तो कम से कम सरकार द्वारा उन्हें वैधानिक वित्तीय दायित्वों से मुक्त करने के लिए राहत और छूट दिया जाए।
एचआरएडब्लूआई के अध्यक्ष शेरी भाटिया ने कहा कि यह जानकर बहुत दुख हुआ कि एक होटल व्यवसायी ने आर्थिक नुकसान के कारण आत्महत्या करने का फैसला किया। दुर्भाग्य से यह एक ही घटना नहीं है, पिछले डेढ़ साल में, इसी तरह की कई घटनाएं हुई हैं। लॉकडाउन से हुए आर्थिक नुकसान और इसको लेकर जारी पाबंदियों ने रोजी-रोटी कमाने का अधिकार छीन लिया है। उद्योग बहुत कठिन दौर से गुजर रहा है और किसी भी तरह की कोई राहत नजर नहीं आ रही है। होटल और रेस्तरां मालिक कई परेशानियों का सामना कर रहे हैं, जिनमें व्यवसाय का नुकसान, वेतन का भुगतान, संपत्ति का रखरखाव और किराए का अतिरिक्त बोझ, लाइसेंस शुल्क, कर, वैधानिक शुल्क, उपयोगिता बिल शामिल हैं। यह होटल व्यवसायियों के मानसिक तनाव का कारण बन रहा है और उन्हें कठोर कदम उठाने के लिए मजबूर कर रहा है। किसी भी व्यक्ति को ऐसी स्थिति में नहीं होना चाहिए जहां उसे लगे कि जीवन समाप्त करना ही उसके संकटों का समाधान है। इससे पहले की परिस्थिति और संकटमय हो सरकार को इस मुद्दे को गंभीरता से लेना चाहिए।
एचआरएडब्लूआई ने कहा है कि रेस्तरां को शनिवार और रविवार सहित सप्ताह के दौरान सुबह 7 बजे से रात 12:30 बजे के बीच संचालित करने की अनुमति दी जाए। जिन शहरों और जिलों में बहुत कम कोविड-19 के मामले हैं, वहां प्रतिबंधो के बिना रेस्तरां संचालित करने के लिए समय और प्रोटोकॉल में बदलाव का अनुरोध किया है। स्तर 1 या 2 के अंतर्गत आने वाले रेस्तरां को संबंधित लाइसेंस के तहत स्वीकृत समय के अनुसार संचालित करने की अनुमति दी जाए। एचआरएडब्लूआई के वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रदीप शेट्टी ने कहा कि हमने सरकार को उद्योग की दुर्दशा से अवगत कराने के कई प्रयास किए हैं। पिछले 15 महीनों में हमने सभी दरवाजे खटखटाए हैं और सरकार को हर संभव सिफारिशें पेश करते हुए कई ज्ञापन दिए हैं। दुर्भाग्य से सरकार की तरफ से बहुत कुछ नहीं हुआ। होटल व्यवसायियों द्वारा व्यवसायिक नुकसान के चलते अपना जीवन समाप्त करने वाली घटनाओं को चेतावनी के रूप में लेना चाहिए। महामारी की शुरुआत के बाद से हुए नुकसान के लिए लाइसेंस शुल्क और अन्य वैधानिक दायित्वों के संदर्भ में उद्योग को वित्तीय राहत देनी चाहिए। वर्तमान में ऐसा कोई कारण नहीं है जिससें हमें अनुमति नहीं दी जा रही है।
महाराष्ट्र आपदा प्रबंधन विभाग की कोविड कार्यबल बैठक में शामिल होने के बाद राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि कुछ विशेषज्ञों ने दुकानों और अन्य सेवाओं का समय शाम 4 बजे (वर्तमान प्रतिबंध समय) से आगे बढ़ाने का भी सुझाव दिया है। इस पर जल्द निर्णय लिया जाएगा। मुंबई के पालक मंत्री असलम शेख ने कहा कि मेरा मानना है कि रेस्तरां का समय भी बढ़ाया जाना चाहिए। जल्द ही इस पर भी निर्णय लिया जाएगा।