राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के पड़ोस में स्थित हरियाणा में 2008 के दौरान सुख संमृद्धि की बरसात हुई। इस दौरान औद्योगिक मोर्चे पर हरियाणा का प्रदर्शन जोरदार रहा और कृषि क्षेत्र में भी अच्छी प्रगति रही।
वित्त वर्ष 2007-08 के दौरान राज्य में कृषि क्षेत्र की विकास दर 4.5 प्रतिशत थी। यह आंकड़ा 2.6 प्रतिशत के राष्ट्रीय औसत के मुकाबले काफी बेहतर है।
इस दौरान लगभग सभी प्रमुख फसलों का उत्पादन बढ़ा। राज्य के एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि सरकार ने इस साल सितंबर में न्यूनतम दैनिक मजदूरी को बढ़ाकर 135 रुपये कर दिया है, जो देश में सबसे अधिक है।
राज्य सरकार ने अगले चार वर्षो के दौरान विभिन्न परियोजनाओं में 66,000 करोड़ रुपये निवेश करने की योजना बनाई है। इसके तहत कुंडली- मानेसर- पलवल एक्सप्रेसवे के करीब विशेष आर्थिक केंद्र के विकास की योजना बनाई गई है।
इसके अलावा फरीदाबाद, रोहतक, जगाधरी और खरखौंदा का विकास औद्योगिक मॉडल टाउनशिप के तौर पर किया जा रहा है। इन टाउनशिप में बड़े उद्योग, आईसीटी पार्क, औद्योगिक प्लॉट, औद्योगिक तथा आवासीय क्षेत्र और मनोरंजन क्षेत्र शामिल होंगे। वित्त वर्ष 2007-08 के दौरान हरियाणा से 30,000 करोड़ रुपये का निर्यात किया गया।
राज्य को अभी तक विशेष आर्थिक क्षेत्र की स्थापना के लिए कुल 94 प्रस्ताव मिले हैं जिनके तहत दो लाख करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा और 20 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा।
पानीपत के पास 35,000 करोड़ रुपये के निवेश से एक पेट्रोकेमिकल केंद्र की स्थापना की जा रही है। इसके अलावा राज्य सरकार ने पानीपत के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को विशेष सहायता पैकेज भी दिया है।
हरियाणा 2008
वित्त वर्ष?2007-08 के दौरान वित्तीय घाटा महज 0.93 प्रतिशत रहा। सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर बढ़कर 10.1 प्रतिशत हुई।
तेजी से औद्योगीकरण के बावजूद जमीन अधिग्रहण को लेकर कोई खास विरोध नहीं रहा।
दिल्ली-गुड़गांव एक्सप्रेसवे की शुरुआत
पानीपत के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए विशेष राहत पैकेज की घोषणा।
हरियाणा में ग्रामीण और शहरी आय का अंतर घटकर देश में सबसे कम हुआ।
दिल्ली मेट्रो को बहादुरगढ़ तक ले जाने की मंजूरी।
फरीदाबाद, रोहतक, जगाधरी और खरखौदा में औद्योगिक मॉडल टाउनशिप को मंजूरी।
आईटी क्षेत्र में निवेश के लिहाज से गुड़गांव ने बेंगलुरु को पीछे छोड़ा।