उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय और बीआईएस द्वारा हॉलमार्किंग उद्योग के खिलाफ लागू नीतियों का विरोध जताते हुए पूरे भारत के हॉलमार्किंग केंद्रों ने 28 सितंबर को सांकेतिक हड़ताल पर जाने का फैसला किया है।
हॉलमार्किंग एक्शन कमेटी के सदस्यों के मुताबिक नए दिशानिर्देशों के अनुसार विनिर्माता के स्तर पर हॉलमार्किंग की जाएगी, इसका मतलब है कि विनिर्माण केंद्र, जो देश में मात्र 10 से 15 हैं, के बाहर वाले केंद्रों के लिए कोई काम उपलब्ध नहीं होगा। ऐसे सभी केंद्र अपने कारोबार को बंद करने को मजबूर हो गए हैं। इसके साथ ही विनिर्माता या थोक व्यापारी, जिनका ग्राहकों से कोई सीधा संपर्क नहीं है, वे हॉलमार्किंग के लिए जिम्मेदार होंगे। गुणवत्ता संबंधी किसी भी तरह की समस्या के मामले में ग्राहकों के पास अपनी शिकायत दर्ज कराने का कोई सीधा विकल्प नहीं होगा। अल्पावधि के लिए खुदरा जौहरी अपने द्वारा बेचे गए हॉलमार्क वाले गहनों की शुद्धता की जिम्मेदारी अपने ऊपर नही रह जाने के कारण संतुष्ट होंगे और बेची जा रही वस्तुओं की गुणवत्ता के संबंध में शायद ही उनकी कोई जिम्मेदारी होगी, लेकिन परेशानी की स्तिथि में दावे के लिए आम ग्राहक को दर दर भटकना पड़ेगा।
एचयूआईडी प्रोसेस में हॉलमार्किंग केंद्र को इस हॉलमार्किंग शुल्क पर काम करना मुश्किल हो रहा है, जहां मशीनरी और मानव संसाधन का अतिरिक्त बोझ है, जिसके परिणामस्वरूप बहुत अधिक निवेश, खराब पोर्टल व्यवस्था और गहनों की डिलिवरी में समय की बर्बाद होता है। हॉलमार्किंग एक्शन कमेटी कम से कम 60 रुपये प्रति नग की मांग करती है।
अनिवार्य हॉलमार्किंग लागू होने के साथ बहुत से विनिर्माता जौहरी अलग-अलग नामों से बेनामी हॉलमार्किंग केंद्र खोल रहे हैं। सरकार का हॉलमार्किंग योजना शुरू करने का एकमात्र उद्देश्य ग्राहकों के हितों की रक्षा करना था। हॉलमार्किंग स्वर्ण मूल्य शृंखला का अभिन्न अंग है और हॉलमार्किंग केंद्र जौहरी तथा उपभोक्ता बीच तीसरे पक्ष की गारंटर एजेंसी के रूप में काम करते हैं।
समिति ने मंत्रालय से कई बार संपर्क किया है लेकिन समिति से मिलने के लिए कोई तैयार नहीं है। इसके अलावा बीआईएस द्वारा हितधारकों के रूप में हमसे परामर्श किए बिना जारी किए गए नए एसओपी को लेकर भी चिंताएं हैं। केंद्रों को यह नया एसओपी स्वीकार नहीं है क्योंकि इन जरूरी शर्तों को पूरा कर पाना सभी केंद्रों के लिए बहुत मुश्किल है, परिणामस्वरूप हॉलमार्किंग केंद्रा स्थायी रूप से बंद हो जाएंगे।
समिति के सदस्यों ने यह भी कहा कि यदि बीआईएस या मंत्रालय इस मुद्दे पर कोई कदम नहीं उठाते हैं, तो सभी हॉलमार्किंग केंद्र अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।
