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यूपी में सरकारी मरहम ठुकराया

Last Updated- December 05, 2022 | 9:20 PM IST

पहले बारिश और अब गिरते दामों के चलते उत्तर प्रदेश सरकार ने आलू किसानों के आंसू पोंछने का फैसला किया है।


हालांकि सरकार के इस कदम से किसानों को कोई राहत मिलती नही दिख रही है। किसानों को राहत पहुंचाने का सरकार का फैसला खुद किसानों के गले नही उतर रहा है।  उत्तर प्रदेश सरकार ने मंगलवार को कृषि विभाग के प्रमुख सचिव हरमिंदर राज सिंह की अध्यक्षता में हुयी बैठक में किसानों से सीधे आलू खरीदने का फैसला लिया गया।


सरकार ने आनन-फानन में इस काम के लिए 10 लाख रुपये की रकम जारी भी कर दी। सरकार मे औद्योगिक विपणन विभाग और प्रादेशिक कोऑपरेटिव विभाग को 30 अप्रैल तक 11000 मीट्रिक टन आलू खरीदने का लक्ष्य दिया है। किसानों की मुश्किलें तब बढ़ गयीं, जब सरकार ने आलू की दर 2.50 प्ति किलो तय की और वह भी उत्तम क्वालिटी के लिए।


बीते दो दिनों से सरकारी एजेंसियां खरीद केंद् खोल कर बैठी हैं जबकि किसान आस-पास फटक भी नही रहे हैं।  किसानों का कहना है कि 2.50 प्ति किलो की दर पर आलू बेचना घाटे का सौदा है। किसानों की नाराजगी की बड़ी वजह आलू की ग्रेडिग करना है, जिसके चलते छंटनी के बाद बचे आलू को बेचना मुश्किल होगा। किसानों की नाराजगी के चलते अभी सरकारी खरीद का खाता भी नही खुला है। लखनऊ के मंडी परिसर में खरीद केंद्र पर एक भी किसान ने अपना माल नही बेचा।

First Published - April 12, 2008 | 1:16 AM IST

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