facebookmetapixel
हर एक शेयर पर मिलेंगे 23 शेयर, स्टॉक की कीमत ₹10 से भी कम; NBFC कंपनी ने मचाया धमाल2025 में चांदी की रिकॉर्ड बढ़त के बाद कियोसाकी का दावा: 2026 में 200 डॉलर तक पहुंचने की संभावना!छिपे फॉरेक्स चार्ज से परेशान? विशेषज्ञ से समझें RBI के नए नियमों के बारे मेंGST सुधार और FDI का असर: बीमा क्षेत्र में फिर आएगी रफ्तार, FY27 में डबल डिजिट ग्रोथ की उम्मीदUpcoming IPOs: Jio, फ्लिपकार्ट, PhonePe से लेकर OYO तक; 2026 में इन बड़े नाम के आएंगे IPOMarket Outlook: नए साल से पहले बाजार की चाल तय करेंगे मैक्रो आंकड़े और वैश्विक संकेतBonus Stocks: 2025 की विदाई और 2026 की शुरुआत में निवेशकों को तोहफा, दो कंपनियां बाटेंगी बोनसStock Split: अगले हफ्ते दो कंपनियां अपने शेयरों का करेंगी बंटवारा, रिकॉर्ड-डेट पर सबकी नजरयूके एफटीए से अमेरिका टैरिफ विवाद तक: 2025 में भारत की ट्रेड पॉलिसी की तस्वीरMCap: सात बड़ी कंपनियों का मार्केट कैप डूबा, SBI सबसे बड़ा नुकसान उठाने वाली

शिल्पग्राम से मिलेगा हर घर को काम

Last Updated- December 05, 2022 | 7:15 PM IST

उत्तर प्रदेश में खादी और ग्रामोद्योग को जरूरी मदद देने और लोकप्रिय बनाने के लिए उत्तर प्रदेश खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड (यूपीकेवीआईबी) ने चालू वित्त वर्ष के लिए एक नया प्रस्ताव तैयार किया है।


जिसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में औद्योगिकरण और रोजगार के मौके तैयार करने पर जोर दिया जाएगा।बोर्ड ने परंपरागत हस्तशिल्प पर्यटन विकास योजना के तहत राज्य भर में खादी ग्राम शिल्प की स्थापना करने का प्रस्ताव रखा है। यूपीकेवीआईबी के सूचना अधिकारी एम टी हमीद ने बताया कि ‘हमने राज्य के  70 जिलों में ग्राम शिल्प की स्थापना करने की योजना बनाई है।


यह एक क्लस्टर के रूप में साझा प्रोत्साहन केन्द्र होगा। इस बारे में एक प्रस्तार राज्य सरकार के पास विचार के लिए भेजा जा चुका है।’इस योजना को वित्त वर्ष 2008-09 के दौरान पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया जाएगा। एक क्लस्टर में एक तरह के हस्तशिल्प में माहिर 25 से 30 गांवों को शामिल किया जाएगा।


प्रत्येक शिल्प ग्राम 8 से 10 एकड़ क्षेत्र में फैला होगा और यहां कारीगरों को प्रशिक्षण और मार्केटिंग की सहायता दी जाएगी। हामिद ने बताया कि इस योजना के दो मुख्य मकसद हैं। पहला परंपरागत हस्तशिल्प उद्योगों को सहेज कर रखना और दूसरा स्थानीय युवकों को रोजगार के अवसर मुहैया कराना।


उम्मीद है कि एक ग्राम से 500 लोगों को रोजगार मिलेगा। परियोजना की अविध पांच साल है और शुरुआती वर्ष के दौरान इसके दायरे में 14 जिलों को शामिल किया जाएगा। परियोजना के लिए शुरुआत निवेश के तौर पर 15 करोड़ रुपये लगाए जाएंगे। इस तरह प्रत्येक क्लस्टर को 1.10 करोड़ रुपये मिलेंगे। हामिद ने बताया कि काशीराम प्रोत्साहन सहायता ग्रांट के तहत प्रत्येक उद्यमी को 1 लाख रुपये की अतिरिक्त सहायता दी जाएगी। 


बोर्ड बैंकों के जरिए मुख्यमंत्री ग्रामोद्योग रोजगार योजना के तहत भी फंड की व्यवस्था करेगा। इसके अलावा खादा ग्रामोद्योग के लिए विशेष तौर से तैयार की गई मार्जिन धन योजना के जरिए भी धन जुटाया जा सकेगा।


हामिद ने कहा कि क्लस्टर में मुख्य तौर से जरदोजी, कुक्कुट उद्योग, चिकनकरी, चमड़ा और पैच वर्क  जैसे उद्योगों को बढ़ावा दिया जाएगा। पूरी योजना के पीछे मकसद इन स्थानों को पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित करना है। यहां पर्यटकों को परंपरागत हस्तशिल्प के साथ ही स्थानीय जीवन शैली को समझने में भी मदद मिलेगी। इससे बिक्री में बढ़ोतरी होगी। उन्होंने बताया कि इसके लिए यूपीकेवीआईबी पर्यटन मंत्रालय के साथ मिलकर काम कर रहा है।

First Published - April 7, 2008 | 10:26 PM IST

संबंधित पोस्ट