वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान भारत का कोयला आयात 1.7 प्रतिशत घटकर 263.56 मिलियन टन रह गया, जबकि पिछले वर्ष यह आंकड़ा 268.24 मिलियन टन था। mjunction सर्विसेज लिमिटेड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, यह गिरावट घरेलू बाजार में कोयले के उच्च स्टॉक स्तर और आत्मनिर्भरता की दिशा में बढ़ते कदमों के कारण देखी गई।
2024-25 में गैर-कोकिंग कोयले का आयात 167.10 मिलियन टन रहा, जो कि 2023-24 में 175.96 मिलियन टन था। वहीं, कोकिंग कोयले का आयात भी घटकर 54.08 मिलियन टन रह गया, जबकि पिछले साल यह 57.22 मिलियन टन था।
मार्च 2025 में कुल कोयला आयात 22.79 मिलियन टन रहा, जो कि मार्च 2024 के 23.96 मिलियन टन से कम है। इस दौरान गैर-कोकिंग कोयले का आयात 14.84 मिलियन टन और कोकिंग कोयले का आयात 4.41 मिलियन टन रहा, जो कि क्रमशः पिछले वर्ष की तुलना में घटे हुए आंकड़े हैं।
Mjunction कंपनी के प्रबंध निदेशक और सीईओ विनया वर्मा ने कहा, “मार्च और पूरे वित्त वर्ष में आयात में गिरावट बाजार की अपेक्षाओं के अनुरूप रही। घरेलू स्तर पर गैर-कोकिंग कोयले का बड़ा भंडार होने के कारण, तब तक आयात में कोई बड़ी तेजी नहीं देखी जाएगी जब तक गर्मियों के पीक सीज़न में मांग नहीं बढ़ती।”
सरकार की नीतियों के चलते घरेलू कोयला उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। वित्त वर्ष 2024-25 में भारत ने 1,047.57 मिलियन टन कोयला उत्पादन किया, जो कि 2023-24 के 997.83 मिलियन टन की तुलना में 4.99 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। यह पहली बार है जब देश का वार्षिक कोयला उत्पादन 1 अरब टन के पार पहुंचा है।
कोयला मंत्रालय ने कहा है कि वह देश को कोयला क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने, आयात पर निर्भरता कम करने और ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने के लिए सतत खनन प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)
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