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डीडीए फ्लैट से बेफ्रिक हैं डेवलपर

Last Updated- December 07, 2022 | 5:46 PM IST

दिल्ली में डीडीए के कम कीमत वाले 5000 मकानों के आने के बाद भी रियल एस्टेट कंपनियों का दावा है कि उनकी बुकिंग पर असर नहीं पड़ेगा।


दूसरी ओर डीडीए द्वारा लाए गये फ्लैटों की बुकिंग के लिए 3 लाख से अधिक फार्म बिक चुके है। डीडीए दिल्ली के दिलशाद गार्डन, वसंतकुंज, नरेला, शालीमार बाग, झिलमिल गार्डन , ईस्ट ऑफ लोनी रोड, नंदनगरी, पीरागढ़ी, सरायखलील, रोहिणी, लोकनायक पुरम, बिंदापुर और जाफराबाद जैसे इलाकों में 7.5 लाख रुपये की कीमत से लेकर 78 लाख रुपये तक के 5000 हजार फ्लैट ला रही है।

क्रासिंग रिपब्लिक की सहायक कंपनी पैरामांउट के विपणन प्रमुख कुलभूषण कहते है कि कम आय वर्ग के लिए तो यह फ्लैट ठीक है लेकिन जो वर्ग मकान खरीदने के लिए 70 लाख रुपये खर्च रहा है, वह मकान की गुणवत्ता के सभी मानदंडों को ध्यान में रखेगा। ऐसे मकान हम उपलब्ध करा रहे हैं। इसलिए हमारी योजनाओं में डीडीए फ्लैटों की वजह से कोई समस्या नहीं होगी।

जिन इलाकों में डीडीए फ्लैट ला रहीं है, वहां के प्रॉपर्टी डीलरों का कहना है कि लोग डीडीए फ्लैटों को लेकर काफी उत्साहित है। रोहिणी, द्वारका, लोकनायकपुरम और वसंतकुंज में प्रॉपटी का काम देखने वाले सतनाम सिंह बताते है कि लोगों ने डीडीए फ्लैटों के आने से इन इलाकों में निजी मकानों को खरीदने की अपनी योजनाओं को स्थगित कर दिया है।

पिछले दो सप्ताह के भीतर ही लगभग 20 पार्टियों ने मकान खरीदने की अपनी योजना स्थगित कर दी है। अब वे डीडीए की स्कीम के समाप्त हो जाने के बाद ही इन इलाकों में मकान खरीदना चाहते है। रियल एस्टेट क्षेत्र की प्रमुख कंपनी अंसल के प्रवक्ता ने बताया कि एनसीआर में लोग ऐसी जगह पर मकान लेना चाहते है जहां से उनका आफिस करीब हो। इसलिए दिल्ली के उपनगरीय इलाकों में लोग भारी संख्या में बसना चाहते है। लेकिन डीडीए ने केवल 5000 हजार मकान ही बनाए है। इसलिए मकानों की पर्याप्त आपूर्ति नहीं हो पायेगी।

First Published - August 20, 2008 | 9:26 PM IST

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