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दिल्ली :निश्चित खर्चो में राहत चाह रहे उद्यमी

Last Updated- December 12, 2022 | 3:47 AM IST

गुजरात सरकार द्वारा एक वर्ष के लिए संपत्ति कर और बिजली बिलों पर फिक्स्ड शुल्क माफ करने की घोषणा के बाद दिल्ली के उद्यमी भी निश्चित खर्चों में सरकार से राहत देने की मांग करने लगे हैं क्योंकि लॉकडाउन के कारण उनकी कमाई ठप रही। ऐसे में उन्हें निश्चित खर्चे मसलन बिजली बिल फिक्स्ड चार्ज, पानी बिल, संपत्ति कर, फैक्टरी लाइसेंस शुल्क आदि भरने में दिक्कत होगी। उद्यमियों ने दिल्ली सरकार और नगर निगम से इन खर्चों में छूट देने की मांग की है। गुजरात के मुख्यमंत्री श्री विजय रूपाणी द्वारा हाल ही में एक वर्ष के लिए गुजरात में संपत्ति कर और बिजली बिलों पर फिक्स्ड शुल्क माफ करने की घोषणा की थी।
बादली इंडस्ट्रियल एस्टेट के महासचिव रवि सूद कहते हैं कि दो महीने तक कारखाने बंद रहे लेकिन उद्यमियों को बिजली बिल में फिक्स्ड चार्ज के रूप में हजारों रुपए भरने पड़ेंगे, जबकि इस दौरान उद्यमियों की कमाई नहीं हुई। मुझे ही मेरे कारखाने के बिजली बिल में फिक्स्ड चार्ज के रूप में 30,000 रूपये से ज्यादा भरने पडेंगे। दिल्ली सरकार को कम से कम लॉकडाउन अवधि का तो फिक्स्ड चार्ज माफ करना चाहिए और आगे भी इस चार्ज में कटौती की जाए। दिल्ली नगर निगमों ने फैक्ट्री लाइसेंस शुल्क में 10 गुना बढ़ोतरी की है। इसे भी वापस लिया जाए।
पटपड़गंज आंत्रप्रन्योर एसोसिएशन के मुख्य संरक्षक संजय गौड ने कहा कि जब सरकार के आदेश पर कारखाने बंद किए गए हैं, तो सरकार को उदयोग के उन निश्चित खर्चों में छूट देनी चाहिए जिनका भुगतान सरकार को किया जाना है। बिजली—पानी बिल में फिक्स्ड चार्ज को माफ करने के साथ ही संपत्ति कर, औद्योगिक क्षेत्रों से लिया जाने वाला रखरखाव शुल्क भी माफ किया जाए। कन्फेडरेशन आफ आल इंडिया ट्रेडर्स ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि वे भाजपा शासित दिल्ली के तीनों नगर निगम को संपत्ति कर और व्यापार लाइसेंस शुल्क में वृद्धि को वापस लेने की सलाह दें। साथ ही इनके भुगतान को अक्टूबर तक के लिए टाल दिया जाए।

First Published - June 10, 2021 | 11:52 PM IST

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