उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि वह लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उठाए कदमों से संतुष्ट नहीं है। साथ ही, न्यायालय ने उससे सवाल किया कि जिन आरोपियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है, उन्हें गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया है। इस मामले में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्र टेनी का बेटा आशीष मिश्र नामजद है।
आशीष मिश्र को शुक्रवार को लखीमपुर खीरी में पुलिस के सामने पेश होना था। पेश न होने के कारण पुलिस ने उसके घर के बाहर दूसरी नोटिस चस्पा कर शनिवार सुबह 11 बजे तक पेश होने का वक्त दिया है।
इस बीच लखनऊ में गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ने अपने बेटे को निर्दाेष बताते हुए कहा कि उनका बेटा अस्वस्थ है और वह शनिवार को पुलिस के सामने पेश होगा।
खीरी लखीमपुर में 3 अक्टूबर को हुई हिंसा की इस घटना में 8 लोग मारे गए थे। प्रधान न्यायाधीश एनवी रमण की अध्यक्षता वाले पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से पेश हुए वकील हरीश साल्वे को शीर्ष पुलिस अधिकारियों को यह बताने को कहा कि मामले में साक्ष्य और संबद्ध सामग्री नष्ट नहीं हों। पीठ में न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली भी शामिल हैं। पीठ ने कहा, ‘आप (राज्य) क्या संदेश दे रहे हैं। न्यायालय ने राज्य सरकार से सवाल किया कि क्या अन्य आरोपी, जिनके खिलाफ भारतीय दंड संहित की धारा 302 (हत्या) के तहत मामला दर्ज किया जाता है, उसके साथ भी ऐसा ही व्यवहार होता है।’
पीठ ने कहा, ‘अगर आप प्राथमिकी देखेंगे, तो उसमें धारा 302 का जिक्र है। क्या आप दूसरे आरोपियों के साथ भी ऐसा ही व्यवहार करते हैं।’ शीर्ष न्यायालय ने इसे बेहद गंभीर अरोप बताया।न्यायालय ने मामले की आगे की सुनवाई के लिए 20 अक्टूबर की तारीख तय की है।
अपुष्ट सूत्रों से ऐसी खबर मिल रही है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री का आरोपी बेटा आशीष नेपाल भाग गया है। इस पर समाजवादी पार्टी (सपा) ने केंद्र सरकार से हस्तक्षेप करने की मांग की है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि शुक्रवार दोपहर बाद उनके घर के बाहर चस्पा नोटिस में कहा गया है, शनिवार को प्रात: 11 बजे अपराध शाखा कार्यालय पुलिस लाइन लखीमपुर खीरी में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर अपना पक्ष प्रस्तुत करें। यदि आपके द्वारा ऐसा नहीं किया जाता है, तो नियमानुसार विधिक कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर की मंत्री के बेटे की गिरफ्तारी की विपक्ष की मांग पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कानून हाथ में लेने की छूट किसी को नहीं होगी, लेकिन किसी के दबाव में कोई कार्वाई नहीं होगी। गोरखपुर में एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में योगी ने कहा कि लखीमपुर खीरी की घटना दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण हैं, सरकार उसकी तह तक जा रही है।