महाराष्ट्र में मंत्रिमंडल विस्तार के साथ ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने संगठन में बड़ा बदलाव करते हुए विधान परिषद सदस्य चंद्रशेखर बावनकुले को महाराष्ट्र इकाई का अध्यक्ष और विधायक आशीष शेलार को मुंबई महानगर इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किया । भाजपा ने 2024 में लोकसभा चुनाव के लिए राज्य में ‘मिशन 48’ और मुंबई महानगरपालिका फतेह करने का लक्ष्य रखा है।
अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से आने वाले बावनकुले ने प्रदेश अध्यक्ष के पद पर चंद्रकांत पाटिल की जगह ली है। पाटिल को पिछले दिनों महाराष्ट्र सरकार में मंत्री बनाया गया था। जबकि मराठा समुदाय से ताल्लुक रखने वाले आशीष शेलार ने मंगल प्रभात लोढ़ा की जगह मुंबई शहर इकाई के अध्यक्ष होंगे। लोढ़ा को भी हाल ही में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री बनाया गया है। बावनकुले की नियुक्ति को 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पिछड़ा वर्ग को लामबंद करने की भाजपा की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। बावनकुले ने कहा कि उनकी कोशिश 2024 के लोकसभा चुनाव में 45 सीटें और महाराष्ट्र विधानसभा की 288 में से 200 सीटें जीतने की होगी। मेरी कोशिश भाजपा को महाराष्ट्र में नंबर एक की पार्टी बनाने की रहेगी।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का करीबी माने जाने वाले बावनकुले 2014 से 2019 तक फडणवीस के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार में ऊर्जा मंत्री थे। हालांकि पिछले विधानसभा चुनाव में उनके पारंपरिक विधानसभा क्षेत्र से पार्टी ने टिकट काट दिया था। उन्होंने कमाठी विधानसभा सीट का तीन दफा प्रतिनिधित्व किया। हाल ही में उन्हें महाराष्ट्र विधान परिषद का सदस्य बनाया गया था। बावनकुले ने जमीनी स्तर की राजनीति की है। वह भाजपा के नागपुर जिला इकाई में महासचिव और जिला परिषद के सदस्य भी रह चुके हैं।
शेलार को मुंबई महानगर के अध्यक्ष पद की जिम्मेवारी सौंपना देश की सबसे बड़ी नगर पालिका परिषद के होने वाले चुनाव के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। वह इससे पहले भी दो बार इस पद पर रह चुके हैं। साल 2017 के मुंबई नगरपालिका के चुनाव में उनके नेतृत्व में भाजपा ने चुनाव लड़ा था लेकिन कांटे की लड़ाई में पार्टी जीत से कुछ ही कदम दूर रह गई थी। शेलार को कुशल संगठन कार्यकर्ता के तौर पर देखा जाता है और उनकी गिनती महाराष्ट्र भाजपा के आक्रामक नेताओं में होती है। उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से अपनी राजनीतिक शुरुआत की थी। वह भाजपा की युवा शाखा भारतीय जनता युवा मोर्चा के पदाधिकारी भी रह चुके हैं। वह दो बार खार पश्चिम से नगरसेवक चुने जा चुके हैं।
शिवसेना में दो फाड़ होने के बाद महाराष्ट्र में हाल ही में सत्ता परिवर्तन हुआ है। बागी विधायकों की अगुवाई कर रहे एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री बने और देवेंद्र फडणवीस को उपमुख्यमंत्री बनाया गया है। सत्ता परिवर्तन के बाद भाजपा का इरादा उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना को खत्म करते हुए शिंदे गुट की मदद से 2024 में राज्य में लोकसभा और विधानसभा चुनाव अकेले दम पर जीतने का है। हाल ही में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे कहा था कि सत्तारूढ़ शिवसेना-भाजपा गठबंधन ने 2024 में लोकसभा चुनाव के लिए राज्य में 48 लोकसभा सीटों के लिए ‘मिशन 48’ का लक्ष्य रखा है। अब हमारे पास राज्य में शिवसेना-भाजपा की सरकार है, तो यह लोगों के कल्याण के लिए नए जोश के साथ काम करेगी।
हालांकि, एक ताजा सर्वे के मुताबिक भाजपा के लिए इस लक्ष्य को पाना मुश्किल है। सर्वे के मुताबिक अगर आज लोकसभा चुनाव होते हैं तो भाजपा और शिंदे गुट को बड़ा झटका लग सकता है। महाविकास अघाड़ी अगर एक साथ चुनाव लड़ती है तो इस बात की प्रबल संभावना है कि शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस को बड़ा फायदा होगा। क्योंकि राज्य के लोगों को भाजपा और शिंदे समूह द्वारा बनाई सरकार पसंद नहीं आई। सर्वे के मुताबिक अगर आज लोकसभा चुनाव होते हैं तो महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों में से यूपीए को 30 सीटें जाती दिख रही हैं। वहीं, भाजपा नीत एनडीए को 18 सीटें मिल सकती हैं। गौरतलब है कि 2019 का लोकसभा चुनाव भाजपा और शिवसेना साथ मिलकर लड़े थे और महाराष्ट्र की 48 लोकसभा सीटों में से 42 सीटों पर जीत हासिल की थी।