बिजली क्षेत्र की दिग्गज कंपनी लैंको इन्फ्राटेक लिमिटेड ने बालाघाट में 1200 मेगावाट की बिजली परियोजना को लगाने का निर्णय लिया है।
कंपनी ने इस परियोजना के लिए इस वर्ष की 17 जनवरी को मध्य प्रदेश सरकार के साथ एक समझौता भी किया था। पहले कंपनी ने यह परियोजना छिदंवाडा में लगाने की योजना बनाई थी, लेकिन परियोजना के लिए पर्याप्त कोयले की व्यवस्था न होने के बाद कंपनी ने इस परियोजना को बालाघाट में लगाने का निर्णय ले लिया।
कंपनी इस परियोजना के लिए लगभग 5 हजार करोड़ रुपये का निवेश कर रही है। कंपनी ने इस परियोजना के लिए सरकारी महकमे से जमीन के अधिग्रहण और जल आपूर्ति हेतु सैद्धांतिक मजूंरी भी प्राप्त कर ली है।
राज्य विद्युत विभाग के सूत्रों ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि 1200 मेगावाट की यह बिजली परियोजना छिदंवाडा में लगाई जा रही थी लेकिन कोयले की पर्याप्त ब्लाकों की प्राप्ति न होने के पश्चात अब कंपनी ने यह परियोजना बालाघाट में लगाने का निर्णय लिया है। कंपनी ने मंडला के उत्तर में स्थित पेंचकान्हा कोयला ब्लाक से कोयले को कंपनी के के न्द्र तक मंगाने की योजना बनाई थी।
लेकिन जेपी ग्रुप द्वारा राज्य सरकार से की गई अनुपूरक सिफारशों के बाद कंपनी को छिदंवाडा कोयला खदान क्षेत्र से कोयला प्राप्त होने की संभावनाओं पर पानी फिर गया। सूत्रों ने यह भी बताया कि लैंको को सैद्धांतिक तौर जमीन अधिग्रहण और जल आपूर्ति के लिए मजूंरी प्रदान कर दी गई है। कंपनी जल्द ही इस परियोजना को क्रियान्वित करने के लिए अपने भावी कार्यक्रम की घोषणा करेगी।
कंपनी ने इस परियोजना के लिए 1200 एकड़ जमीन के अधिग्रहण की मांग की है और अगर राज्य सरकार कंपनी को कोयला आपूर्ति की समुचित व्यवस्था कर देती है तो निश्चित तौर पर इस परियोजना को जल्द ही शुरु किया जा सकेगा। राज्य सरकार ने कंपनी को इन सुविधाओं के देने के बदले में बिजली सुविधाएं लेने की मांग रखी है। मध्य प्रदेश में अपना प्लांट लगाने वाली सभी कंपनियों को 5 से 7.5 फीसदी बिजली राज्य को तयशुदा दरों पर देनी पड़ती है। ये दरें राज्य सरकार द्वारा तय की जाती है।