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कारोबारी सुगमता के मामले में आगे बढ़ रहे यूपी के पिछड़े जिले

Last Updated- December 15, 2022 | 2:25 AM IST

अब तक औद्योगिक विकास के लिहाज से उत्तर प्रदेश के पिछड़े इलाके कारोबारी सुगमता (ईज ऑफ डूइंग बिजनेस) के मामले में तेजी से आगे निकल रहे हैं। उत्तर प्रदेश में उद्योगों के मामले में खासे विकसित पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों को पीछे कर पूर्वांचल व अवध क्षेत्र के जिलों ने जिलावार ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में पहले दस में जगह बनाई है।
औद्योगिक शहर कानपुर से सटे जिले उन्नाव ने बीते तीन महीनों में लगातार ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की जिलावार रैंकिंग में पहला स्थान हासिल किया है। कारोबारी सुगमता के मामले में 178.12 के स्कोर के साथ और सिंगल विंडो पोर्टल निवेश मित्र पर मिले 2000 से ज्यादा उद्योग लगाने के आवेदन के साथ ए श्रेणी के जिलों में उन्नाव प्रदेश भर में सबसे ऊपर रहा है। जबकि औद्योगिक दृष्टि से पिछड़े जिलों में शुमार कौशांबी ने 185.74 के स्कोर पर 2000 से कम उद्योगों के प्रस्ताव पाकर बी श्रेणी के जिलों में सबसे आगे है।
पश्चिमी यूपी के जिलों में बुलंदशहर, गाजियाबाद, शाहजहांपुर व अलीगढ़ की स्थिति बेहतर है जबकि बुंदेलखंड जिलों की स्थिति नाजुक है। राजधानी लखनऊ की स्थिति कारोबारी सुगमता के मामले में बहुत अच्छी नहीं रही है और यह मई से जुलाई तक लगातार 15 वें नंबर पर बना हुआ है।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने इसी साल मई से प्रदेश के सभी 75 जिलों की कारोबारी सुगमता के लिहाज से मासिक रैंकिंग करने की शुरुआत की है। इस रैंकिंग में उन्नाव और कौशांबी शुरुआत से ही ए व बी श्रेणी के जिलों में पहला स्थान बरकरार रखे हैं। इस व्यवस्था में जिलों को व्यवसाय में सहजता के प्रमुख मापदंडों, जैसे उद्यमियों की ओर से किए गए आवेदनों पर मंजूरी, लाइसेंसों आदि के मासिक निस्तारण, शिकायत समाधान और उपयोगकर्ता के संतुष्टिपूर्ण फीडबैक पर मासिक आधार पर रैंकिंग प्रदान की जाती है। रैकिंग का काम निवेश मित्र पोर्टल के जरिए किया जा रहा है।
जिलावार कारोबारी सुगमता की रैंकिंग पर अपर मुय सचिव, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास, आलोक कुमार ने बताया कि इस साल जुलाई  में 75 जिलों में से कुल 64 जिलों ने अपने स्कोर में सुधार किया है। जबकि कानपुर नगर, गोरखपुर, वाराणसी, मेरठ, ललितपुर, और सीतापुर आदि जैसे 15 से अधिक जिलों ने चार से अधिक स्थानों की प्रगति की है। उन्होंने बताया कि डिलावार रैकिंग के चलते प्रदेश में उपयोगकर्ताओं की संतुष्टि की दर अगस्त में बढ़कर 73 फीसदी तो शिकायत निस्तारण दर बढ़कर 75 फीसदी हो गई है। उन्होंने कहा कि इस कवायद के चलते अगले साल की बिजनेस रिफॉर्म ऐक्शन प्लान रैंकिंग में उत्तर प्रदेश के बेहतरीन प्रदर्शन में जिलावार मासिक ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग की विशेष भूमिका होगी।
जुलाई के लिए जारी की गई जिलावार कारोबारी सुगमता की रैकिंग के लिहाज से अयोध्या ने इस महीने ए श्रेणी के जिलों में दूसरा स्थान तो बुलंद शहर ने लगातार तीसरा स्थान हासिल किया है। जिलावार रैंकिंग की बी श्रेणी में प्रदेश के सबसे पिछड़े जिलों में शुमार श्रावस्ती का लगातार तीसरी बार दूसरे स्थान पर कब्जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनकर तैयार हो जाने के बाद लगातार जून व जुलाई में कुशीनगर कारोबारी सुगमता के लिहाज से बी श्रेणी के जिलों में तीसरे स्थान पर रहा है।

First Published - September 9, 2020 | 3:44 PM IST

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