पंजाब सरकार ने वित्त वर्ष 2008-09 के दौरान वैट संग्रह के 8.86 प्रतिशत बढ़कर 6,290 करोड़ रुपये होने का अनुमान जताया है।
चालू वित्त वर्ष के दौरान वैट से 5,778 करोड़ रुपये जुटाए जाने का अनुमान है। अगले वित्त वर्ष के दौरान वैट संग्रह में बढ़ोतरी का अनुमानित लक्ष्य चालू वित्त वर्ष के मुकाबले काफी कम है। वर्ष 2007-08 के दौरान वैट में 19.65 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
राज्य सरकार के बजट प्रावधान के मुताबिक 2008-09 के दौरान कुल राजस्व प्राप्तियों के 14.79 प्रतिशत बढ़कर 11,247 करोड़ रुपये होने का अनुमान जताया गया है। आर्थिक मामलों के एक विश्लेषक ने बताया कि सरकार के लिए चिंता की सबसे बड़ी वजह व्यापारियों द्वारा पूरा-पूरा कर नहीं देना है। पंजाब में छोटे और मझोले उद्योगों की बड़ी संख्या होने के बावजूद कर संग्रह में बढ़ोतरी देखने को नहीं मिल रही है।
संसाधनों के इस्तेमाल की बुरी दशा इस बात से भी जाहिर होती है कि भूमि इस्तेमाल में बदलावों और अलौह धातुओं से मिलने वाली रायल्टी से केवल 40 से 50 करोड़ रुपये ही वसूले जा सके हैं जबकि लक्ष्य 410 करोड़ रुपये का था।
पंजाब के कमजोर माली हालात को इस बात से भी समझा जा सकता है कि राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) के मुकाबले कर संग्रह काफी कम है। बजट दस्तावेजों के मुताबिक पंजाब में जीएसडीपी के मुकाबले कर संग्रह 2005-06 के 8.19 प्रतिशत से गिरकर 2006-07 में केवल 7.91 प्रतिशत रह गया है।
राज्य में आबकारी शुल्क से होने वाली आय भी 6.02 प्रतिशत की मामूली दर से बढ़ रही है। वित्त वर्ष 2008-07 के दौरान शराब विक्रेताओं से 1,830 करोड़ रुपये वसूले गए जबकि 2007-08 के दौरान यह आंकड़ा 1,726 करोड़ रुपये था। वित्त वर्ष 2007-08 के दौरान इसमें 26.20 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी।
चोरी-छिपे टैक्स नहीं लगा रहा है पंजाब
पंजाब में गुपचुप तरीके से नए टैक्स लगाने से इंकार करते हुए राज्य के वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल ने कहा है कि सरकार ने करों के संदर्भ में कोई भी गुप्त अधिसूचना जारी नहीं की है। बादल ने कहा कि यदि उनकी बात गलत साबित होती है तो वह सदन की अधिकारप्राप्त समिति का सामना करने के लिए तैयार हैं।
कांग्रेस के विद्यायक मक्खन सिंह के सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि वह सदन को गुमराह नहीं कर रहे हैं और सरकार ने ताजा टैक्स लगाने के लिए कोई भी अधिसूचना जारी नहीं की है। इससे पहले कांग्रेस विद्यायल ने सरकार द्धारा गुपचुप ढंग से टैक्स लगाने की बात कही थी। उन्होंने एक समाचान पत्र के हवाले से बताया कि सरकार टोल टैक्स के तौर पर सरकारी परिवहन व्यवस्था का इस्तेमाल करने वालों से 6 रुपये अतिरिक्त वसूल रही है।
इससे पहले बजट सत्र के दौरान राज्य के परिवहन मंत्री मोहन लाल ने बताया कि राज्य सरकार टोल टैक्स के तौर पर बसों के किराए में 6 रुपये की बढ़ोतरी करने पर विचार कर रही है। विपक्ष ने सरकार द्धारा शहरी क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति पर टैक्स लगाने का भी दावा किया है। हालांकि बादल ने इन बातों का खंडन किया है।