मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को कहा कि गौण खनिज खदानों के लीज धारकों को कुल रोजगार का 75 प्रतिशत प्रदेश के मूल निवासियों को अनिवार्य रूप से देना होगा। राजधानी भोपाल में गौण खनिज नियम तथा जिला खनिज प्रतिष्ठान नियम में प्रस्तावित संशोधनों पर विचार विमर्श के दौरान उन्होंने यह भी कहा कि खनिज से संबंधित समस्त प्रक्रियाओं को पारदर्शी बनाते हुए ऑनलाइन प्रणाली को मजबूत किया जाएगा। प्रदेश के मु य एवं गौण खनिज रॉयल्टी का बहुत बड़ा स्रोत हैं।
बैठक के दौरान 31 मु य खनिजों को गौण खनिज में शामिल करने, ग्रेनाइट, संगमरमर, फर्शी पत्थर आदि के कचरे के निराकरण, शासकीय भूमि पर पत्थर खदानों को नीलामी के स्थान पर लीज पर आवंटित करने और गौण खनिज की रॉयल्टी दर के पुनरीक्षण पर भी चर्चा की गई। नदी से निकलने वाली रेत के विकल्प के रूप में एम सैंड (निर्मित रेत) की रॉयल्टी दर पर भी चर्चा की गई। एम-सैंड को नए गौण खनिज के रूप में शामिल किया जा रहा है। बैठक में खनिज संसाधन मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह, मु य सचिव इकबाल सिंह और खनिज साधन सचिव सुखवीर सिंह समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे।