उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (यूपीएसआरटीसी) प्रदूषण पर रोक लाने की तैयारी में जुटी हुई है। निगम ने वर्तमान वित्त वर्ष में 350 सीएनजी बसों को लाने का फैसला किया है।
आने वाले तीन महीनों के दौरान इन बसों को लखनऊ, आगरा, कानपुर और नोएडा जैसे शहरों में शुरू किया जाएगा। यूपीएसआरटीसी के मुख्य महाप्रबंधक ए के चतुर्वेदी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘राज्य में प्रदूषण को नियंत्रित करने का यह एक बेहतर विकल्प है। हम लोग इस परियोजना पर काम कर रहे हैं और कुछ ही दिनों में बसें खरीदने के लिए निविदाएं भी पेश की जाएंगी।’
चतुर्वेदी ने बताया, ‘राज्य के चार महत्वपूर्ण शहरों में 242 सीएनजी बसें पहले से ही चल रही हैं। वास्तव में हमारा यह कदम मौजूदा क्षमता को और मजबूत करना है।’ इसके अलावा, गेल इंडिया लिमिटेड भी निगम को आवश्यक मात्रा में सीएनजी आपूर्ति कराने में इच्छुक दिख रहा है।
उन्होंने बताया, ‘गेल ने पर्याप्त मात्रा में सीएनजी आपूर्ति का वादा किया है।’ निगम ने मौजूदा वित्त वर्ष में 2100 नई बसों का लाने का फैसला किया है जिसमें 350 सीएनजी बसें शामिल होंगी। प्रत्येक सीएनजी बस की कीमत करीब 21 लाख रुपये के आसपास होगी। इसके अलावा राज्य में 10 लो फ्लोर बसें भी उतारी जाएंगी। ये बसें नई तकनीक से लैस होंगी। इन लो फ्लोर बसों पर करीब 5.5 लाख रुपये का खर्च आएगा।
यही नहीं ठेके पर निगम 100 एसी बसों को भी लाएगी। उन्होंने बताया कि बसों की आपूर्ति के लिएर् कई प्रमुख कंपनियों ने इच्छा जर्ताई है और जल्द ही इस बारे में खरीद समझौते को अंतिम रूप दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में निगम पूरे राज्य भर में ग्रीन गैस लिमिटेड (जीजीए) और केंद्रीय उत्तर प्रदेश गैस लिमिटेड (सीयूजीएल) के डिपो से सीएनजी लेती है।
निगम ने लखनऊ और अलीगढ़ में टायर की रखरखाव और कारोबार के लिए एक संयंत्र की स्थापना करने का फैसला किया है। इस संयंत्र की स्थापना के लिए 39.40 लाख रुपये का अनुदान देने का फैसला किया है। संयंत्र की स्थापना का काम जल्द शुरू होगा।