मंदी की मार और कपड़ा फर्मों की मांग घट जाने के कारण अहमदाबाद में बड़ी संख्या में पावरलूम इकाइयों पर ताला लग गया है, जबकि बाकी बची 2,500 इकाइयां बदहाली से जूझ रही हैं।
अहमदाबाद पावरलूम ओनर्स एसोसिएशन (एपीओए) के सचिव गंगाराम पटेल ने बताया कि ‘अहमदाबाद में पॉवरलूम इकाइयां धीमे धीमे खत्म हो रही हैं। कुछ समय पहले तक शहर में 5,000 इकाइयां थीं जिनमें से आधी से अधिक इकाइयां पहले ही बंद हो चुकी हैं। और बाकी बची इकाइयां भी बंदी के कगार पर हैं।’
आर्थिक मंदी को बंदी की वजह बताते हुए पटेल ने कहा कि कताई से लेकर कपड़ा विनिर्माताओं तक की उधारी क्षमता खत्म हो चुकी है। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब महंगाई काफी अधिक है और मांग उम्मीद के मुताबिक नहीं बढ़ रही है, कपड़ा विनिर्माताओं ने इस इकाइयों के आर्डर में भारी कटौती की है। इसके अलावा पावरलूम को वाजिब कीमत भी नहीं मिल पा रही है।
ऐसे कठिन हालात में कई इकाइयों ने अपना कारोबार खो दिया है। वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने 2008 के बजट में इरोड और भिवंडी में पावरलूम मेगा-कल्स्टर की स्थापना करने की घोषणा की थी। एसोसिएशन लंबे समय से अहमदाबाद और सूरत के लिए भी अलग क्लसटर की मांग कर रहा है।
पटेल के मुताबिक पावरलूम विकास और निर्यात संवर्धन परिषद ने क्षेत्र में एक क्लसटर के विकास की घोषणा तो की है लेकिन इस दिशा में अभी तक कोई भी कदम नहीं उठाया गया है। परिषद ने सब्सिडी और प्रशिक्षण के तौर पर 70 करोड़ रुपये के लाभों की भी घोषणा की है।