क्या आपको मालूम है कि मिनिऑडियर किस बला का नाम है? मेरा अनुमान है कि ज्यादातर लोग इस शब्द से परिचित नहीं होंगे।
साथ ही शब्दकोष में भी इस शब्द को ढूंढ़ना काफी मुश्किल है। हालांकि गूगल के इस दौर में कोई भी चीज पहेली बनकर नहीं रह सकती। जब आप गूगल पर इस शब्द के बारे में पता करेंगे, आपको पता चलेगा कि इसका इस्तेमाल महिलाओं के हैंडबैग के लिए किया जाता है, जिसका इस्तेमाल वे जेवर, कॉस्मेटिक्स और मोबाइल रखने के लिए करती हैं।
पिछले हफ्ते राष्ट्रीय राजधानी में एक अनोखे हैंडबैग का लॉन्च किया गया। एक ऐसा बैग जिसके बारे में बताने के लिए शायद मुझे काफी हिम्मत जुटानी पड़े। इंडियन थीम का यह बैग गणेश की शक्ल में है। फैशन एक्सेसरीज में गणेश से प्रेरित होकर पहले जेवर आदि बनाए जा चुके हैं, लेकिन गणेश बैग का जुमला हमें थोड़ा हैरान करता है।दुनिया की जानीमानी हैंडबैग डिजाइनर कंपनी लाइबर ने गणेश के आकार वाले इस बैग को बाजार में उतारा है।
इस बैग का डिजाइन फ्रैंक जैमब्रैली नामक शख्स ने तैयार किया है। फ्रैंक ने बताया कि इस बैग की डिजाइन तैयार करने से पहले उन्होंने भगवान गणेश की 700 तस्वीरों का जायजा लिया। इस बैग की कीमत 2.65 लाख रुपये रखी गई है। हालांकि इस बैग की कीमत को जायज ठहराते हुए फ्रैंक कहते हैं कि यह बैग दिखने में पूजा रूम में रखी जाने वाली मूर्ति की तरह लगता है। इस बैग में 30 रंग देखने को मिलते हैं।
लाइबर हैडबैंग की दुनिया में जानामाना ब्रांड है। लग्जरी इंस्टिटयूट के लगजरी ब्रांड स्टेट्स इंडेक्स द्वारा लेबर को हैंडबैंग का सबसे प्रतिष्ठित ब्रांड घोषित किया जा चुका है। यह इंडेक्स फैशन की दुनिया में बाइबल की तरह है। इस अमेकिन ब्रांड को 60 के दशक में लॉन्च किया गया था। लेबर ने जेवर से जड़ित बैंगों की दुनिया में एक नए ट्रेड की शुरुआत की थी।
हालांकि पहले मिनीऑडियर को वैन क्लीफ और अर्पेल्स ने 1930 में बनाया था। अगर आप यह सोचते हैं कि एक हैंडबैग के लिए 2.65 लाख रुपये बहुत ज्यादा हैं, तो जरा फ्रैंक साहब की बात पर भी गौर फरमा लीजिए। उनका कहना है कि इस बैग को बनाने में 10 दिनों की कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। साथ ही इसमें इस्तेमाल की जाने वाली सामग्री मसलन रंगीन क्रिस्टलों पर भी काफी रकम खर्च करनी पड़ती है।
साथ ही हाथ से पीतल के कवर पर सोने का पानी भी चढ़ाया जाता है। भारत में इस बैग के प्रमोटर मदन असमल कहते हैं कि इस बैग की कीमत लाइबर के अन्य बैग के रेंज में ही है। असमल की कंपनी मेरीगोल्ड ग्रुप को लाइबर के बैग को बेचने का अधिकार प्राप्त है।
लाइबर का यह बैग फिलहाल मेरीगोल्ड के स्टोर्स में उपलब्ध है। हालांकि लाइबर जल्द ही भारत में अपना बुटीक खोलेगी। नई दिल्ली के वसंत कुंज में डीएलएफ इंपोरिया के लॉन्च के बाद लाइबर के बुटीक खोलेने की योजना है। रीयल एस्टेट की आसमान छूती कीमतों के मद्देनजर मेरीगोल्ड अपना ज्यादा से ज्यादा स्टोर खोलने में सक्षम नहीं है। कंपनी की सीईओ संगीता असमल का कहना है कि इसेक मद्देनजर लाइबर के हैंडबैग के लिए विभिन्न शहरों में सेल लगाने की योजना पर विचार किया जा रहा है।
कंपनी मुंबई, दिल्ली में पहले भी ऐसी रणनीति पर काम कर चुकी है। अगले महीने चंडीगढ़ में भी ऐसा ही सेल लगाए जाने की योजना है।इस बात में दो राय नहीं हो सकती है कि लाइबर का ब्रांड गूची और लुइ विटन से तनिक भी कम नहीं है और अंतरराष्ट्रीय सेलिब्रिटीज इस ब्रांड की अवहेलना नहीं कर सकते।
गुलाबी और सफेद रंग के हीरे से जड़े लाइबर के बैग की कीमत 50 लाख रुपये तक है। लेकिन इसे खरीदने के लिए कम से कम आपको मिनिऑडियर का मतलब तो जानना चाहिए, भले ही आप इसकी स्पेलिंग न जानें!