facebookmetapixel
LIC की इस एक पॉलिसी में पूरे परिवार की हेल्थ और फाइनेंशियल सुरक्षा, जानिए कैसेStocks To Watch Today: Infosys, Vedanta, IRB Infra समेत इन स्टॉक्स पर आज करें फोकससुप्रीम कोर्ट ने कहा: बिहार में मतदाता सूची SIR में आधार को 12वें दस्तावेज के रूप में करें शामिलउत्तर प्रदेश में पहली बार ट्रांसमिशन चार्ज प्रति मेगावॉट/माह तय, ओपन एक्सेस उपभोक्ता को 26 पैसे/यूनिट देंगेबिज़नेस स्टैंडर्ड के साथ इंटरव्यू में बोले CM विष्णु देव साय: नई औद्योगिक नीति बदल रही छत्तीसगढ़ की तस्वीर22 सितंबर से नई GST दर लागू होने के बाद कम प्रीमियम में जीवन और स्वास्थ्य बीमा खरीदना होगा आसानNepal Protests: सोशल मीडिया प्रतिबंध के खिलाफ नेपाल में भारी बवाल, 14 की मौत; गृह मंत्री ने छोड़ा पदBond Yield: बैंकों ने RBI से सरकारी बॉन्ड नीलामी मार्च तक बढ़ाने की मांग कीGST दरों में कटौती लागू करने पर मंथन, इंटर-मिनिस्ट्रियल मीटिंग में ITC और इनवर्टेड ड्यूटी पर चर्चाGST दरों में बदलाव से ऐमजॉन को ग्रेट इंडियन फेस्टिवल सेल में बंपर बिक्री की उम्मीद

ऊर्जा श​क्ति: किफायती इलेक्ट्रिक एयर टैक्सी के दिन दूर नहीं!

ब्राजील की एंब्रेयर की एक सहयोगी कंपनी इव अर्बन एयर मोबिलिटी को करीब 3000 ईवीटीओएल के ऑर्डर मिले हैं और ये विमान वर्ष 2026 से सेवाएं देने लगेंगे।

Last Updated- May 17, 2024 | 10:20 PM IST
किफायती इलेक्ट्रिक एयर टैक्सी के दिन दूर नहीं!, 'Affordable' electric air taxis

किफायती कीमत वाली इलेक्ट्रिक एयर टैक्सी की सेवाएं शहरी जीवन शैली के साथ-साथ रियल एस्टेट के मानकों को भी महत्त्वपूर्ण तरीके से बदल सकती हैं। विमानन उद्योग, वाहन क्षेत्र और प्रॉपर्टी डेवलपरों की तरफ से इस क्षेत्र में काफी दिलचस्पी दिखाई जा रही है।

जॉबी एविएशन के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी जोबेन बिवर्ट ने ब्लूमबर्गएनईएफ को बताया, ‘हम अगले कुछ वर्षों तक रियल एस्टेट के परिचालकों की इसमें ज्यादा दिलचस्पी देख सकते हैं।’ कैलिफोर्निया मुख्यालय वाली कंपनी जॉबी ने 2025 में इलेक्ट्रिक एयर टैक्सी सेवाएं शुरू करने की योजना बनाई है। यह एक इलेक्ट्रिक वर्टिकल टेक ऑफ एवं लैंडिंग या ईवीटीओएल विमान बनाती है जो पायलट के अलावा चार यात्रियों को ले जाने में सक्षम है और यही एयर टैक्सी सेवाएं भी देगी।

उन्होंने कहा, ‘रियल एस्टेट दुनिया का सबसे बड़ा परिसंपत्ति वर्ग है और यह पूरी तरह से किसी खास लोकेशन से जुड़ा मामला है। ईवीटीओएल के साथ आप बिना किसी बाधा के एक स्थान से दूसरे स्थान पर जा सकते हैं।’ इलेक्ट्रिक एयर टैक्सी की होड़ में अन्य ईवीटीओएल कंपनियां जैसे कि लिलियम (इस साल के अंत में पहले पायलट परीक्षण उड़ान का लक्ष्य लेकर चल रही है) वोलोकॉप्टर तथा आर्चर एविएशन शामिल हैं।

ब्राजील की एंब्रेयर की एक सहयोगी कंपनी इव अर्बन एयर मोबिलिटी को करीब 3000 ईवीटीओएल के ऑर्डर मिले हैं और ये विमान वर्ष 2026 से सेवाएं देने लगेंगे।

हुंडई की कंपनी, सुपरनल ने इस साल के अंत तक अपनी इलेक्ट्रिक एयर टैक्सी का शुरुआती प्रायोगिक परीक्षण शुरू करने का लक्ष्य रखा है और यह वर्ष 2028 से सेवाएं शुरू करेगी। जापान की स्काईड्राइव ने आधिकारिक उत्पादन साझेदार, सुजूकी मोटर कंपनी के स्वामित्व वाले संयंत्र में मार्च में इस तरह के एयर टैक्सी बनाने की शुरुआत की। अब तक ईवीटीओएल का कुल बकाया ऑर्डर 10,000 से अधिक हो चुका है।

स्वचालित ईवीटीओएल अगला नया प्रयोग होगा। बीवर्ट ने कहा, ‘हमारा यह मानना है कि आम जनता के बीच जल्द से जल्द ईवीटीओएल लाने के लिए पायलट वाला विमान सही रहेगा क्योंकि फिलहाल नियामकीय एजेंसियों ने पूर्ण रूप से स्वचालित विमानों को प्रमाणित करने की दिशा तय नहीं की है।’

जहां तक उत्सर्जन का सवाल है वे इस मामले में बैटरी से संचालित कारों को टक्कर दे सकती हैं। बीवर्ट ने कहा, ‘हमारा लक्ष्य प्रति यात्री किलोमीटर पर कार्बन डाइ ऑक्साइड की मात्रा कम करना है जो जमीन पर इलेक्ट्रिक कार चलाने की तुलना में कम हो। इसके अलावा आप अपने गंतव्य पर पांच गुना तेजी से जा सकते हैं।’

भारत की रिकॉर्ड नीलामी

बीएनईएफ की ताजा सूचना के मुताबिक भारत ने वर्ष 2024 की पहली तिमाही तक स्वच्छ ऊर्जा नीलामियों में पिछले वर्ष की समान अवधि में 1.2 गीगावॉट की तुलना में रिकॉर्ड 20 गीगावॉट क्षमता दी। तिमाही के दौरान शीर्ष विजेता जेएसडब्ल्यू, अवादा और रिन्यू रहे। कई तकनीकों के लिए नीलामियों की हिस्सेदारी बढ़ रही हैं और पहली तिमाही की नीलामी में इसका क्षेत्र का दबदबा कायम रहा और यह 9.7 गीगावॉट तक रहा। केवल सौर नीलामी कुल 9.2 गीगावॉट तक रही जबकि पवन ऊर्जा परियोजनाओं से 1.2 गीगावॉट तक की क्षमता जुड़ी।

बीएनईएफ द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार कुल अक्षय ऊर्जा क्षमता नीलामी (पूरे और घोषित) के मामले में भारत, चीन के बाद दूसरे स्थान पर है वहीं जर्मनी, डेनमार्क और फ्रांस जैसे देश शीर्ष पांच में शामिल हैं। भारत की कुल स्थापित सौर क्षमता 80 गीगावॉट के स्तर को पार कर गई है और यह लगभग 440 गीगावॉट की कुल स्थापित क्षमता का लगभग 20 प्रतिशत हिस्सा है।

ऊर्जा भंडारण

दीर्घकालिक ऊर्जा भंडारण को बीएनईएफ ने छह घंटे से अधिक चार्ज और डिस्चार्ज वाले ऊर्जा भंडारण के रूप में परिभाषित किया है और यह एक बढ़ता हुआ बाजार है। हाइड्रोस्टोर द्वारा पेश किया गया एक अत्याधुनिक कॉम्प्रेस्ड वायु ऊर्जा भंडारण समाधान लागत के लिहाज से काफी किफायती लगता है।

कंपनी के सीईओ और सह-संस्थापक कर्टिस वैनवालेघम ने कहा, ‘इस नए तरीके की लागत लिथियम आयन बैटरी से कम है। एक घंटे का भंडारण जोड़ने के लिए प्रति किलोवाट-घंटा केवल 50 डॉलर का खर्च आता है, जबकि लीथियम आयन बैटरी के लिए पूरे इंस्टॉलेशन सहित लागत 200 डॉलर से 300 डॉलर या उससे भी ज्यादा हो सकती है।’

उनका कहना है, ‘जब आप कुल मूल्य पेशकश को देखते हैं तब कम लागत, लंबी अवधि, बेहतर प्रदर्शन, कम प्रभाव के साथ ही हाइड्रोस्टोर कॉम्प्रेस्ड वायु ऊर्जा भंडारण तकनीक को लगाने के लिए उपयुक्त जगह ढूंढना और उस जगह पर इसे लगाने की सरकारी अनुमति लेना आसान होता है। ऐसे में निश्चित तौर पर यह बेहद आकर्षक विकल्प है।’

हाइड्रोस्टोर के पाइपलाइन में एक दर्जन से अधिक परियोजनाएं हैं जिनमें ऑस्ट्रेलिया और कैलिफॉर्निया में दो परियोजनाएं बेहद उन्नत चरण में हैं। कंपनी में प्रमुख निवेशकों में गोल्डमैन सैक्स संपत्ति प्रबंधन और कनाडा पेंशन योजना निवेश बोर्ड शामिल हैं।

सोलर पैनल की कीमतें

सौर पैनलों की कीमतें कम हो रही हैं और यह उन देशों के लिए चुनौतियां पैदा कर रही है जो घरेलू विनिर्माण उद्योग को विकसित करने की कोशिश कर रहे हैं। शांघाई स्टॉक एक्सचेंज द्वारा आयोजित एक संयुक्त प्रेजेंटेशन में जिंकोसोलर के अध्यक्ष ली श्यांदे कहा कि मौजूदा मंदी ‘अतार्किक’ है और इसके आगे बने रहने की संभावना कम है। वहीं ट्रिना के अध्यक्ष गाओ जिफान ने कहा, ‘फोटोवोल्टिक मॉड्यूल की कीमत वर्तमान में निम्न स्तर पर है और आगे गिरावट की सीमित गुंजाइश है।’

सस्ते सौर पैनल आयात करने से सौर ऊर्जा का उत्पादन बहुत कम कीमत में किया जा सकता है, लेकिन इसका एक नुकसान ये है कि इससे सौर पैनल बनाने वाली कंपनियां और सौर ऊर्जा परियोजना के डेवलपर एक-दूसरे के खिलाफ हो जाते हैं। अमेरिका में सौर पैनल निर्माताओं के एक समूह ने दक्षिण पूर्व एशिया में सौर आपूर्ति श्रृंखला के मकसद से अतिरिक्त शुल्क की मांग की है। बीएनईएफ का अनुमान है कि नए शुल्क अमेरिका में सौर पैनल कीमतों को वैश्विक मुक्त बाजार मूल्य से लगभग तीन गुना बढ़ा सकते हैं। इससे अमेरिका में सौर ऊर्जा परियोजना की लागत बढ़ जाएगी और सौर ऊर्जा डेवलपरों को नुकसान होगा।

(लेखिका न्यूयॉर्क में ब्लूमबर्गएनईएफ की वरिष्ठ संपादक वैश्विक नीति हैं)

First Published - May 17, 2024 | 9:55 PM IST

संबंधित पोस्ट