ऐसे वक्त में जब म्यूजिक इंडस्ट्री इंटरनेट और मुफ्त में गानों की डाउनलोडिंग के खिलाफ पूरा अभियान चला रखा है, कुछ बैंड्स ने उल्टी गंगा बहा रखी है।
ये बैंड्स खुली बांहों के साथ इंटरनेट का स्वागत करने में जुटे हुए हैं और मुफ्त में अपने संगीत को बांट भी रहे हैं। मजे की यह है कि वह इससे मोटी कमाई भी कर रहे हैं।
वैसे इस नए ट्रैंड के बारे में जानने के लिए आपको पहले इतिहास को जानना पड़ेगा। 1998 में संगीत जगत की जानी-मानी कंपनियों ने दुनिया भर में 1,52,000 करोड़ रुपए यानी 38 अरब डॉलर की मोटी ताजी कमाई की थी। लेकिन बस दस सालों में यही कमाई घटकर आधी रह गई। 2008 में उनकी कमाई का स्तर केवल 68 हजार करोड़ रुपए (करीब 17 अरब डॉलर) रह गई थी। जानते हैं इसकी वजह?
जी हां, कमाई में इस कमी की असल वजह इंटरनेट पर गानों का मुफ्त में लेन देन ही है। यह एक ऐसा काम है, जिसे हम में से अधिकतर लोगों ने कभी न कभी तो किया ही होगा। एक सर्वे संस्था, जूपिटर रिसर्च का कहना है कि दुनिया में एक गाना जो खरीदा जाता है, उसके बदले में इंटरनेट पर 100 गाने गैरकानूनी तौर से लिए-दिए जाते हैं। जिन लोगों के बीच इस संस्था ने सर्वे किया था, उनमें 94 फीसदी लोगों के खुले तौर पर स्वीकारा था कि उन्हें गानों के लिए पैसे खर्च करने से परहेज है।
वकाई यह काफी बुरा है, लेकिन इससे भी बुरा यह है कि म्यूजिक कंपनियां इस ट्रेंड को नहीं पहचान पा रही हैं। वह एक बार नहीं समझ रही हैं कि आप उस चीज का मुकाबला नहीं कर सकते हैं, जिसे मुफ्त में बांटा जा रहा है। खुशकिस्मती यह है कि कुछ बैंड्स की नए जमाने के इन नए वसूलों को पहचान लिया है और उनके मुताबिक चल रही हैं। आप यही सोच रहे होंगे कि इसके लिए वह क्या कर रहे हैं? वे गानों को मुफ्त में बांट रही हैं। इस पर भरोसा नहीं रहा?
मिसाल के तौर पर ‘नाइन इंच नेल्स’ नामक एक म्यूजिक बैंड को ही ले लीजिए। आपकी तरह मैंने भी इसके बारे में हाल ही में सुना है। पिछले हफ्ते इन्होंने अपने नए अल्बम ‘घोस्ट 1’ को अपने वेबसाइट पर लॉन्च किया था। इस अल्बम को जो चाहे, वो फ्री में डॉउनलोड कर सकता था। इसके बारे में साइबर दुनिया में काफी चर्चा भी हुई। एक ही हफ्ते में आठ लाख से ज्यादा लोग-बाग उनके अल्बम को डॉउनलोड कर चुके हैं। अब वह बात, जिस जानकर आप चौंक जाएंगे। पहले ही हफ्ते में वह 16 लाख डॉलर (6.4 करोड़ रुपए) कमा चुके हैं। है न जबरदस्त?
अपने अल्बम को फ्री में बांटने के बावजूद वह इतनी मोटी कमाई करने में कैसे कामयाब रहे? हम बताते हैं।उन्होंने अपनी वेबसाइट पर फ्री डॉउनलोड का ऑपसन तो दिया था, लेकिन उन्होंने लोगों को विकल्प भी दिए थे। लोग-बाग केवल पांच डॉलर (करीब 200 रुपए) देकर ऑनलाइन शॉपिंग वेबसाइट अमेजन.कॉम से चार डिजीटल अल्बम खरीद सकते हैं। तीन हजार रुपए चुका कर आप दो ऑडियो सीडी, 36 गानों की एक डीवीडी, एक ब्लू रे डिस्क और दो किताबें खरीद सकते हैं।
लोगों के रिपॉन्स को देखकर तो यही लगता है कि उन्हें यह प्रयोग काफी पसंद आया है। आखिर एक हफ्ते में 6.4 करोड़ रुपए की कमाई को बुरा थोड़ा ही कहेंगे। लेकिन असल मुद्दा यहां कमाई नहीं है। असल फायदा तो उन्हें पब्लिसिटी को लेकर मिला है। लोगों को उनका संगीत काफी पसंद आया है। इंटरनेट और ब्लॉग पर जल्दी में किए गए एक सर्च में पता चला कि इस बैंड के बारे में काफी चर्चा चल रही है। इस बैंड ने काफी सारे कद्रदान जुटा लिए हैं, जो इनके भविष्य के अल्बमों के लिए काफी जरूरी हैं। कंपनियां तो इस प्रकार की पब्लिसिटी और प्रचार के लिए मरती रहती हैं।
ऐसी तरह का एक और रॉक बैंड है ‘रेडियोहेड’। इसने तो म्यूजिक कंपनी के साथ किए गए अपने कॉन्ट्रैक्ट को ही तोड़ दिया और अपने नए अल्बम ‘इन रेनबोज’ को इंटरनेट पर डाल दिया। आप इसे जो दिल चाहे उस कीमत पर डॉलनलोड कर सकते हैं। अगर पैसे न भी चुकाना चाहें तो फ्री में डॉउनलोड कर सकते हैं। आप यकीन नहीं करेंगे, लेकिन इस अल्बम से उन्होंने 60 लाख डॉलर (24 करोड़ रुपए) की मोटी कमाई कर ली। इससे मुझे चेन्नई के अन्नालक्ष्मी रेस्तरां की याद आ गई।
अपने स्थापना दिवस के मौके पर यह रेस्तरां मीनू से कीमत को हटा देता है। इस दिन आप जो दिल कर खा सकते हैं और जितना ठीक लगे पैसे दे सकते हैं। मजे की बात है कि उस दिन रेस्तरां आम दिनों से दोगुनी ज्यादा कमाई कर लेता है। मुझे कैसे पता है यह बात? भाई साहब मैंने उस रेस्तरां में काम किया है। मेरी दुआ है कि म्यूजिक इंडस्ट्री की नींद जल्दी टूटे।
(लेखक बिजनेस ब्लॉगिंग के सीईओ और फाइव टेक्नोलॉजिज के संस्थापक निदेशक हैं। वह रॉक म्यूजिक के बड़े कद्रदानों में से एक हैं।)