वर्ष 2023 की दूसरी तिमाही में टेस्ला (Tesla) ने इलेक्ट्रिक कार (EV) बाजार में 4,66,140 कारों की आपूर्ति कर सुर्खियां बटोर लीं। यह आंकड़ा पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 83 प्रतिशत अधिक था।
हालांकि, प्लग-इन हाइब्रिड ईवी के आंकड़ों पर भी विचार करें तो चीन की बीवाईडी ने अप्रैल-जून अवधि में कुल 7,00,244 वाहनों की बिक्री की। इस मायने में बीवाईडी टेस्ला से आगे निकल गई है। बीवाईडी में वारेन बफेट की बर्कशर हैथवे की भी हिस्सेदारी है।
ईवी बाजार अभी पूरी तरह परिपक्व नहीं हुआ है और पारंपरिक पेट्रोल-डीजल इंजन (आईसीई) बनाने वाली कंपनियों की तरफ से कई नए मॉडल इस बाजार में दस्तक देने की तैयारी कर रहे हैं। कई दूसरी वाहन निर्माता कंपनियां भी पेट्रोल-डीजल इंजन वाहनों का विनिर्माण धीरे-धीरे बंद करने की तैयारी कर रही हैं।
ब्लूमबर्ग एनईएफ को लगता है कि 2023 तक कुल यात्री वाहनों में लगभग आधी हिस्सेदारी ईवी की होगी। 2022 में इनकी हिस्सेदारी महज 14 प्रतिशत दर्ज की गई। कुल मिलाकर, 2026 तक सड़कों पर 10 करोड़ से अधिक यात्री वाहन होंगे। यह संख्या इस साल की शुरू की 2.7 करोड़ से चार गुना अधिक होगी।
ईवी बाजार में हलचल तेज होने का असर यह हुआ है कि दुनिया भर में बैटरी चार्जिंग बाजार में भी गतिविधियां तेज हो गई हैं। फोर्ड और जनरल मोटर्स और ईवी बैटरी चार्जिंग कंपनियां जैसे चार्ज पॉइंट होल्डिंग्स, इलेक्ट्रिफाई अमेरिका (फोक्सवैगन नियंत्रित) और ईवीगो ने टेस्ला के नॉर्थ अमेरिकन चार्जिंग स्टैंडर्ड (एनएसीएस) के अनुरूप ढांचा तैयार करने का निर्णय लिया है।
हालांकि, बीएनईएफ के चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर एनालिस्ट रायन फिशर का कहना है कि अभी यह तय नहीं है कि भविष्य में यह मानक बाजार में अपनी उपस्थिति किस हद तक मजबूत कर लेगा। फिशर ने इसलिए ऐसा कहा है क्योंकि बाजार में ऐसी दूसरी वाहन कंपनियां भी हैं जिन्होंने पूरा तरह मन नहीं बनाया है और बाजार में कई नए मॉडल उतार रही हैं।
टेस्ला और भारतः पिछले महीने अमेरिका में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद ईलॉन मस्क ने भारत को लेकर अपनी नीतियों का एक खाका पेश किया था।
मस्क ने कहा था, मुझे पूरा विश्वास है कि मानव संसाधन के स्तर पर सब कुछ संभव होते ही टेस्ला आ जाएगी। हम इस संबंध में जल्दबाजी में कोई घोषणा नहीं करना चाहते मगर मुझे लगता है कि भारत के साथ अमेरिका के संबंधों को देखते हुए एक बड़ा निवेश किया जाएगा। दोनों देशों के बीच इस संबंध के कई आयाम हो सकते हैं और ये वाहन कारोबार से भी आगे जा सकते हैं।
भारत में अन्य सभी परिवहन खंडों में यात्री कारों के विद्युतीकरण (बैटरी आधारित बनाना) का काम धीमा चल रहा है। इसमें तिपहिया वाहनों ने सबसे अधिक प्रगति की है और बीएनईएफ के अनुसार पिछले साल इन वाहनों में लगभग दो तिहाई वाहन इलेक्ट्रिक संस्करण वाले थे। लगभग 5 प्रतिशत इलेक्ट्रिक बसों की भी बिक्री हुई थी। इलेक्ट्रिक दोपहिया एवं यात्री कारों की हिस्सेदारी 5 प्रतिशत से कम थी। इसे देखते हुए भारत में चार्जिंग ढांचा स्थापित करने को लेकर उत्साह थोड़ा कमजोर रह सकता है।
बीएनईएफ इंडिया के शोध प्रमुख शांतनु जायसवाल ने कहा कि भारतीय बाजार कीमतों को लेकर काफी संवेदनशील है इसलिए यहां चीजें अलग तरीके से काम करती हैं। उन्होंने कहा कि काफी तेज गति से चार्ज होने वाली अधिक बैटरियों के लिए भारत में ग्रिड की क्षमता भी पर्याप्त नहीं है।
दुनिया के कई अन्य देशों की तरह भारत में भी ईवी बाजार तेजी से बदल सकते हैं। गैसोलिन की तेजी से बढ़ती कीमतें ईवी वाहनों की बिक्री को बढ़ावा दे रही हैं। अमेरिका में महंगाई नियंत्रण अधिनियम जैसे प्रोत्साहनों के तरह टैक्स क्रेडिट से ईवी वाहनों की खरीदारी बढ़ रही है।
सार्वजनिक परिवहन के विद्युतीकरण से जुड़े अनिवार्य दिशानिर्देशों की वजह से भी ईवी की बिक्री रफ्तार पकड़ रही है। बैटरी की कीमतें कम रहने से भी मदद मिलती है क्योंकि ईवी की कीमत में एक बड़ा हिस्सा बैटरी का ही होता है।
2022 में पहली बार लीथियम-आयन बैटरियों की कीमतें बढ़ गईं। इसके बावजूद बीएनईएफ का मानना है कि बैटरी ईवी ज्यादातर खंडों और देशों में आईसीई वाहनों के साथ अग्रिम मूल्य समानता हासिल कर सकती है। इसके साथ ही अगली पीढ़ी की बैटरियां जल्द ही आने वाली हैं।
परिवहन के साधनों के विद्युतीकरण से तेल की मांग पर भी असर हो रहा है।
बीएनईएफ ने हाल में जारी इलेक्ट्रिक वाहनों का परिदृश्य, 2023 में कहा कि सभी तरह के इलेक्ट्रिक वाहनों से तेल की मांग प्रति दिन 15 लाख बैरल प्रति कम हो रही है। ईवी क्षेत्र से जुड़े तीन अन्य समाचार भी हैं जिन पर ध्यान दिया जा सकता है।
पहली खबर यह है कि बीवाईडी ने एशिया के बाहर अपना पहला इलेक्ट्रिक कार संयंत्र लगाने की पहल की है। कंपनी यह निर्माण परिसर तैयार करने पर 62.4 करोड़ डॉलर रकम खर्च करेगी। यह संयंत्र 2024 तक तैयार हो जाएगा। कंपनी देश में लीथियम की आपूर्ति सुनिश्चित करने की दिशा में भी काम कर रही है।
दूसरी खबर यह है कि ओला ने पिछले महीने तमिलनाडु में अपनी गीगाफैक्टरी का निर्माण शुरू कर दिया। इसके अलगे वर्ष के शुरू तक तैयार होने की उम्मीद है। इस संयंत्र की शुरुआती क्षमता 5 लाख गीगावॉट-घंटा होगी।
तीसरी खबर यह है कि रिवियन ऑटोमोटिव फैक्टरी ने कहा कि इस साल 50,000 वाहन तैयार करने के लिए उसने कमर कस ली है। यह आंकड़ा 2022 की तुलना में दोगुना होगा। कंपनी ने एमेजॉन डॉट कॉम के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों की आपूर्ति यूरोप में करनी शुरू कर दी है। एमेजॉन कंपनी की सबसे बड़ी हिस्साधारक एवं ग्राहक है। एमेजॉन ने अमेरिका में रिवियन के 3,000 वैन तैनात कर रखे हैं।
(लेखिका ब्लूमबर्गएनईएफ में वरिष्ठ संपादक- वैश्विक नीति- हैं)