उत्तर प्रदेश में नौ विधानसभा सीटों के लिए 13 नवंबर को होने जा रहे उपचुनाव के लिए उत्साह इतना ज्यादा है कि कर्नाटक की तीन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के बारे में ज्यादा चर्चा ही नहीं हो रही है। वास्तव में ये चुनाव बहुत अहम हैं क्योंकि इनके नतीजे ही तय करेंगे कि मुश्किलों से जूझ रहे मुख्यमंत्री सिद्धरमैया सियासी तौर पर कितने विश्वसनीय रह गए हैं। कांग्रेस इन सीटों पर चुनाव हारी तो उन्हें पद से हटाए जाने की मांग और तेज हो जाएगी।
कहने की बात नहीं है कि मैसूरु अरबन डेवलपमेंट अथॉरिटी (मुडा) भूमि घोटाले ने मुख्यमंत्री का दबदबा बहुत कम कर दिया है। उनकी पत्नी ने मैसूरु के विकास के लिए मुडा को अपनी जो जमीन दी, उसके बदले उन्हें मैसूरु में भूखंड दे दिए गए। लेकिन उन्हें मुआवजे में जो जमीन मिली, उसका सर्कल रेट बहुत अधिक था। सूचना के अधिकार के तहत एक जांच के समय यह मामला अचानक सामने निकल आया।
अब भ्रष्टाचार और काले धन को सफेद बनाने के आरोपों में मुख्यमंत्री की जांच हो रही है तब उन्होंने जमीन लौटाने के अपनी पत्नी के सार्वजनिक प्रस्ताव पर ‘अचरज’ जताया है। मजे की बात है कि ज्यादातर लोगों को मुख्यमंत्री के इस अचरज पर ही अचरज हो रहा है!
इन सबके बीच ही उपचुनाव चले आए। सबसे दिलचस्प चुनाव चन्नपटना में होने वाले हैं, जो जनता दल सेक्युलर के एचडी कुमारस्वामी की सीट थी। लोक सभा चुनाव के पहले जब जनता दल सेक्युलर ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के साथ गठबंधन किया और कुमारस्वामी मांड्या लोक सभा सीट से चुनाव जीतकर केंद्र में मंत्री बन गए तब उन्होंने चन्नपटना विधानसभा सीट से इस्तीफा दे दिया।
माना यही जा रहा था कि इस सीट से भाजपा के सीपी योगेश्वर चुनाव लड़ेंगे, जिन्हें कुमारस्वामी ने बतौर राजग प्रत्याशी हराया था। भाजपा ने इसके लिए बार-बार अनुरोध भी किया मगर कुमारस्वामी ने ऐलान कर दिया कि राजग के प्रत्याशी के तौर पर इस सीट से उनके बेटे निखिल चुनाव लड़ेंगे। योगेश्वर ने भाजपा छोड़ दी है और वह कांग्रेस के टिकट पर चुनाव मैदान में उतर गए हैं। इसलिए यह सीट राजग और मुख्यमंत्री दोनों के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गई है। यहां वोक्कालिगा समुदाय का दबदबा है, जहां कांग्रेस और जनता दल सेक्युलर कटु प्रतिद्वंद्वी हैं।
भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की शिग्गांव सीट भी उतनी ही महत्त्वपूर्ण है। कांग्रेस ने अगर यह सीट जीत ली तो उसकी जीत किसी तख्तापलट से कम नहीं होगी। बोम्मई 2008 से इस सीट पर जीतते आ रहे हैं और अब उनके बेटे तथा अभिनेता भरत इस सीट से दावेदार हैं।
संदूर सीट बेल्लारी क्षेत्र में है। जब कांग्रेस के ई तुकाराम बेल्लारी के सांसद बने तो उनकी ख्वाहिश थी कि उनकी बेटी इस विधानसभा सीट से चुनाव लड़े। मगर यहां से उनकी पत्नी लड़ रही हैं और खुद मुख्यमंत्री कह चुके हैं कि कांग्रेस यहां से चुनाव जीतेगी।
इससे मुख्यमंत्री पर दबाव बहुत बढ़ गया है, जो अपने पद पर बने रहने के लिए कड़ा संघर्ष कर रहे हैं। मगर ज्यादातर विश्लेषकों का कहना है कि उनके खिलाफ सबूत बहुत ठोस हैं।
बहरहाल सिद्धरमैया के लिए यह नई बात नहीं है। जनता दल सेक्युलर से नाता तोड़कर कांग्रेस की सदस्यता उन्होंने 2005 में ही ले ली थी मगर अब भी उन्हें कांग्रेस में नवागत ही माने जाते हैं। उन्हें राजनीति में राह दिखाने वाले एच डी देवेगौड़ा इस विलक्षण राजनेता और शानदार वक्ता के बड़े प्रशंसक थे। जनता दल सेक्युलर की सरकार में देवेगौड़ा ने उन्हें उप मुख्यमंत्री तो बनाया लेकिन मुख्यंत्री बनाने से इनकार कर दिया। इस पद के लिए उन्होंने अपने बेटे को तरजीह दी, जो स्वाभाविक भी है।
सिद्धरमैया 2005 में पार्टी छोड़कर कांग्रेस में चले गए। उनके साथ कुछ विधायक भी गए और सभी को आगामी चुनाव में टिकट दिया गया। 2013 के विधानसभा चुनाव के बाद इन्हीं विधायकों के भरोसे उन्होंने दावा किया था कि उन्हें कांग्रेस विधायक दल के सभी 121 सदस्यों का भरोसा हासिल है। 2018 के चुनावों के बाद त्रिशंकु विधानसभा बनी।
कांग्रेस और कुमारस्वामी ने सरकार बनाई लेकिन एक साल के भीतर सरकार गिर गई और भाजपा सत्ता में आ गई। 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस आराम से जीती और सिद्धरमैया को मुख्यमंत्री बनाया गया। पिछले कई अवसरों की तरह इस बार यह पद उनके हाथ से निकला नहीं।
परंतु अब मुख्यमंत्री के लिए हालात सहज नहीं हैं। बाहरी होने की अपनी छवि का हवाला देने के बावजूद, पहले भ्रष्टाचार का कोई इल्जाम न होने के बावजूद और अपनी चतुराई और जबरदस्त कन्नड़ बोलने के बावजूद सिद्धरमैया जानते हैं कि उन्हें पद छोड़ना पड़ सकता है, जो सम्मानजनक विदाई होगी। कम से कम तीन मंत्री उन्हें हटाने के लिए बैठक कर चुके हैं।
उपचुनाव के नतीजे संख्या की दृष्टि से कांग्रेस सरकार की स्थिरता पर असर नहीं डालेंगे चाहे पार्टी तीनों सीट ही क्यों न हार जाए। परंतु मुख्यमंत्री की स्थिति पर इसका असर होगा? यह अलग मसला है।