अगले महीने टीवी चैनलों के विज्ञापनदाताओं को अपनी रणनीति में भारी फेरबदल करने को मजबूर होना पड़ सकता है।
दरअसल 18 अप्रैल से सेट मैक्स पर इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) का प्रसारण शुरू होने वाला है। इसके मद्देनजर विज्ञापन कंपनियां अपने विज्ञापन बजट का महत्वपूर्ण हिस्सा इस चैनल में झोंक सकती हैं। आईपीएल को बीसीसीआई प्रमोट कर रही है । इसके तहत ट्वेंटी-20 टूर्नामेंट का आयोजन किया जाएगा। लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या विज्ञापनदाता जी, स्टार प्लस और सोनी जैसे लोकप्रिय इंटरनेटमेंट चैनलों को छोड़कर आईपीएल पर बाजी लगाने को तैयार हैं?
मीडिया के जानकार इस सवाल पर काफी संतुलित राय पेश करते हैं। आईपीएल के कार्यक्रम के तहत, आईपीएल मैच शाम 7 बजे से रात 10 बजे के बीच खेले जाएंगे। इस अवधि को टेलिविजन चैनलों की भाषा में प्राइम टाइम माना जाता है। इसी दौरान स्टार प्लस, सोनी, जी और अन्य इंटरनेटमेंट चैनल दो हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा का विज्ञापन पाने में सफल हैं।
आईपीएल मैच ने विज्ञापन के मामले में इन चैनलों के लिए तगड़ी चुनौती पेश कर दी है। आईपीएल की योजना के मुताबिक, सैट मैक्स पर मैच दिखाए जाने के अलावा फिल्मी हस्तियां भी अपना कार्यक्रम पेश करेंगी। इसके मद्देनजर सेट मैक्स देखने वाले लोगों की तादाद में काफी इजाफा हो सकता है और यह बच्चों को भी अपनी ओर खींचने में सफल होगा।
इसके अलावा विज्ञापनदाताओं का मानना है कि सेट मैक्स की पहुंच काफी ज्यादा लोगों तक है। कुल सात करोड़ 60 लाख केबल कनेक्शनों में सेट मैक्स की पहुंच 80 फीसदी उपभोक्ताओं तक है। आईपीएल टूर्नामेंट की अवधि 44 दिनों की होगी और इस दौरान खेले जाने वाले 59 मैचों के तहत 177 घंटों के मैच का सीधा प्रसारण किया जाएगा। विज्ञापनदाताओं के मुताबिक, इसे देखते हुए विज्ञापन बजट को इंटरनेनमेंट चैनलों से सैट मैक्स में स्थानांतरित करना बेहतर सौदा साबित हो सकता है। हालांकि, मीडिया प्लानर आईपीएल के बारे में कुछ अलग राय रखते हैं।
देश की सबसे बड़ी मीडिया एजेंसी ग्रुपएम इंडिया के प्रमुख कार्यकारी (चीफ एग्जिक्यूटिव) विक्रम सखूजा कहते हैं कि आईपीएल के जरिये ब्रांड स्पॉन्सरशिप को बढ़ावा मिलेगा। ऑलंपिक की तरह जिन ब्रांडों को यह लगेगा कि आईपीएल के जरिए उनकी ब्रांड वैल्यू बढ़ेगी, वो इसके लिए ज्यादा से ज्यादा राशि अदा करने को तैयार होंगे।
इस आयोजन के दौरान सैट मैक्स पर विज्ञानदाताओं को कुल 35 घंटे का वक्त लगेगा। हर स्पॉट 10 सेकंड का होगा। इंडस्ट्री की खबरों के मुताबिक, सेट मैक्स ने इस बाबत तीन और प्रायोजकों को तय कर लिया है। इनमें नोकिया, हीरो होंडा और कोका कोला शामिल हैं। आईपीएल के आयोजन में वोडाफोन (प्रेजेंटिंग स्पॉन्सर) और ह्यूंदे (एसोसिएट स्पॉन्सर) हैं।
सोनी टीवी के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, सेट मैक्स को जल्द ही दो और एसोसिएट स्पॉन्सर मिलने की उम्मीद है। इसके बाद सेट मैक्स के पास छह एसोसिएट और एक प्रेजेंटिंग स्पॉन्सर होंगे। प्रेजेंटिंग स्पॉन्सर वोडाफोन को इसके लिए 32 करोड़ रुपये अदा करने होंगे, जबकि छह एसोसिएट स्पॉन्सरों को 22 से 24 करोड़ रुपये के बीच अदा करने होंगे।
एक अन्य मीडिया एजेंसी इनोसिएन वर्ल्ड इंडिया के संयुक्त प्रबंध निदेशक विवेक श्रीवास्तव कहते हैं कि विज्ञापनदाताओं को सैट मैक्स से काफी फायदा पहुंचने की उम्मीद है। इनोसिएन ह्यूंदे मोटर्स की इन-हाउस विज्ञापन इकाई है। उन्होंने बताया कि चूंकि ह्यूंदे आईपीएल की एसोसिएट स्पॉन्सर है, इसलिए मैच के दौरान किसी भी दूसरी चारपहिया वाहन निर्माता कंपनी का विज्ञापन नहीं दिखाया जाएगा। सभी एसोसिएट स्पॉन्सरों को हर मैच के दौरान विज्ञापन के लिए 200 सेकंड का वक्त मिलेगा। इसके जरिए कंपनियां अपना संदेश पहुंचाने में कामयाब होंगी।
सैट मैक्स के अंदरुनी सूत्रों के मुताबिक चैनल को आईपीएल टूर्नामेंट के विज्ञापनों जरिए 300 करोड़ रुपये प्राप्त होने की उम्मीद है। इनमें 180 करोड़ रुपये फिक्स्ड एयर प्रायोजकों से प्राप्त होंगे। विज्ञापन कंपनियों के लिए सैट मैक्स पर 10 सेकंड का वर्तमान रेट 2.5 से 2.9 लाख रुपये के बीच है। इस रेट पर कंपनी 64 करोड़ रुपये और जुटाने में सफल होगी।
हालांकि सोनी के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि टूर्नामेंट के आगे बढ़ने के साथ-साथ ही रेट बढ़कर 6 से 8 लाख प्रति 10 सेकंड तक हो जाने की उम्मीद है। इसके जरिये 300 करोड़ का लक्ष्य हासिल किया जा सकेगा। हालांकि, मीडिया के जानकार सोनी की इस उम्मीद को आशंका भरी निगाहों से देख रहे हैं।
वरिष्ठ मीडिया प्लानरों की मानें तो आईपीएल के मद्देनजर सेट मैक्स पर 200 स्पॉट (प्रति 10 सेकंड) उपलब्ध होंगे। इनमें 160 स्पॉट प्रायोजकों को मिलना तय है और अन्य विज्ञापनदाताओं के लिए महज 40 स्पॉट उपलब्ध हो सकेंगे।
दोपहिया वाहन निर्माता कंपनी से जुड़ी मीडिया कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि जब तक कोई कंपनी 20-25 आईपीएल मैंचों में कम से कम 10 से 12 स्पॉट नहीं खरीदती, तब तक उपभोक्ताओं पर उस ब्रांड का अपेक्षित प्रभाव नहीं पड़ेगा।
उनके मुताबिक, ऐसे में विज्ञापनदाताओं को उसी सूरत में स्पॉट खरीदना चाहिए, जब सेट मैक्स की रेटिंग में लगातार बढ़ रही हो। सोनी एंटरनेटमेंट टेलिविजन और वर्ल्ड स्पोट्र्स ग्रुप ने मिलकर आईपीएल का 10 साल का प्रसारण अधिकार 4 हजार करोड़ रुपये में खरीदा है।