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हॉलिवुड की शोभा बढ़ा रहे हैं देहरादून में बने सामान

Last Updated- December 05, 2022 | 10:01 PM IST

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून के सुधीर विंदलास और उनके बेटे रजत को हॉलिवुड की आगामी फिल्म ‘आइरन मैन’ का बेसब्री से इंतजार है।


यह फिल्म अगले महीने रिलीज होगी। हालांकि ऐसा नहीं है कि ये दोनों हॉलिवुड फिल्मों के बहुत बड़े फैन हैं। दरअसल कॉमिक बुक के किरदारों पर आधारित इस फिल्म के लिए उनकी फैक्टरी विंदलास स्टीलक्राफ्ट से हेलमेट जैसी दिखने वाली सामग्री की सप्लाई की गई है। देहरादून के बालवाला इलाके में स्थित यह फैक्टरी आसपास के इलाकों में ‘खुखरी’ फैक्टरी के नाम से मशहूर है। 


विंदलास स्टीलक्राफ्ट ऐसी सामग्री का निर्माण कर इसे निर्यात करती है। हालांकि ऐसा नहीं है कि कंपनी ने पहली बार किसी हॉलिवुड फिल्म के लिए इस तरह की सामग्री मुहैया कराई है। इससे पहले रिडले स्कॉट की फिल्म ‘किंगडम ऑफ हेवेन’, ‘ग्लैडिएटर’, ‘द लार्ड ऑफ रिंग्स’, ‘ट्रॉय’और ‘ममी’ जैसी फिल्मों के लिए विंदलास स्टीलक्राफ्ट ऐसे हेलमेट और अन्य उपकरणों की सप्लाई कर चुकी है।


कंपनी के मालिक 54 वर्षीय सुधीर विंदलास ने बताया कि उनकी कंपनी लंबे अर्से से हॉलिवुड इंडस्ट्री को युध्द से जुड़ी सामग्री मसलन हेलमेट, तलवार जैस दिखने वाले उपकरण सप्लाई करती रही है। स्टीलक्रॉफ्ट की हॉलिवुड से दोस्ती पहली बार 1979 में शुरू हुई, जब कंपनी ने अमेरिकी स्टूडियो को तलवार की सप्लाई शुरू की। इसके बाद से सुधीर ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।


वह कहते हैं कि उनकी कंपनी द्वारा निर्मित तलवार सिर्फ सजावट के काम में नहीं आता, बल्कि आप इससे युध्द भी कर सकते हैं। मुस्लिम कट्टरपंथियों की धमकियों की वजह से ‘किंगडम ऑफ हेवेंस’ विवादों में फंस गई थी, लेकिन इसमें दिखाए गए हेलमेट, तलवार और सुरक्षा कवच की वजह से फिल्म लोगों के खासा आकर्षण का केंद्र रही थी।


फिलहाल कंपनी के पास 20 करोड़ की संपत्ति है और यह 3 तरह के उत्पादों का निर्माण करती है। इन उत्पादों में संग्रहनीय चीजें, दुनिया की प्रमुख सेनाओं के लिए धारदार हथियार और हॉलिवुड के लिए हेलमेट शामिल हैं। कंपनी हर साल 40 से 50 हजार तलवार और 10 हजार हेलमेटों का निर्यात करती है।


सुधीर कहते हैं कि लोग इतिहास की चीजों को इकट्ठा करना चाहते हैं। लोगों के पास अमूमन इसकी प्रतिकृति संग्रह करने के अलावा दूसरा कोई विकल्प नहीं होता। इस वजह से उनकी कंपनी ऐसी चीजों का निर्माण करती है।


जहां तक रक्षा क्षेत्र की बात है, कंपनी अमेरिकी नौसेना की आधिकारिक सप्लायर है। सुधीर ने बताया कि विंदलास स्टीलक्राफ्ट अमेरिकी नौसेना को अब तक करीब 50 हजार तलवारों की सप्लाई कर चुकी है। कंपनी फिलहाल अपने बिजनेस के लिए काफी हद तक अमेरिका पर निर्भर है।


विदलास स्टीलक्रॉफ्ट अटलांटा कटलेरी कोर और म्यूजियम रेप्लिका लिमिटेड के जरिये अपने उत्पाद बेचती है। हालांकि अब कंपनी पूरी दुनिया में अपना कारोबार फैलाना चाहती है। इसके तहत कंपनी की योजना जर्मनी के हैमबर्ग शहर में नया दफ्तर खोलने की है, जहां से यह ऐतिहासिक यूरोपीय तलवारों और अन्य ऐसी सामग्रियों की सप्लाई करेगी।


विंदलास स्टीलक्राफ्ट के जनरल मैनेजर (ऑपरेशंस) आई. के. चङ्ढा ने बताया कि कंपनी ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, कोलंबिया,चिली, ब्रुनेई, सिंगापुर, श्रीलंका, मलेशिया समेत कई देशों में अपने उत्पाद की सप्लाई करती है।


इस बीच कंपनी का दावा कि इस तरह की ब्रिटेन स्थित कंपनी विलकिन्सन के बंद हो जाने से विदंलास स्टीलक्राफ्ट के लिए बाजार बिल्कुल खाली हो गया है। हाल में कंपनी को ‘स्टार वॉर्स’ और वॉल्ट डिजनी की सीरीज ‘नार्निया-2’ के लिए लाइसेंस प्राप्त हुआ है। यह कंपनी आईएसओ 2000 मान्यता प्राप्त है और क्वॉलिटी कंट्रोल के तहत हर साल 1 करोड़ रुपये खर्च करती है।


सुधीर विंदलास का कहना है कि हमारे उत्पाद बिल्कुल वास्तविक लगते हैं। कंपनी अपने प्रतिनिधियों को दुनिया के विभिन्न म्यूजियमों में भी भेजती है, ताकि उत्पाद के लिए आइडिया प्राप्त किया जा सके। अगले 5 साल में कंपनी ने अपना कारोबार दोगुना (40 करोड़ रुपये) करने का लक्ष्य तय किया है।

First Published - April 18, 2008 | 12:43 AM IST

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