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Editorial: टेलीमार्केटिंग कॉल- TRAI के हालिया आदेश को प्रभावी ढंग से लागू करना जरूरी, तभी मिलेगी स्पैम से निजात

Telemarketing calls: आदेश के अनुसार अगर शिकायत किसी गैरपंजीकृत टेलीमार्केटर से संबंधित हो तो मूल सेवा प्रदाता संदेश भेजने वाले को पहले उल्लंघन के बारे में एक चेतावनी भेजेगा।

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बीएस संपादकीय   
Last Updated- August 16, 2024 | 9:40 PM IST

भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने इस सप्ताह के आरंभ में एक आदेश जारी किया जिसका उद्देश्य स्पैम फोन कॉल पर अंकुश लगाना है। इसमें रिकॉर्डेड संदेश भी शामिल हैं। टेलीमार्केटिंग करने वालों की ओर से अवांछित और स्पैम कॉल हाल के महीनों में तेजी से बढ़ी हैं जिससे मोबाइल उपभोक्ताओं की निजता का हनन हो रहा है और इस समस्या का कोई हल भी नजर नहीं आ रहा है।

दूरसंचार नियामक और सरकार दोनों ने अतीत में अवांछित कॉल से निपटने के कई तरीके अपनाने का प्रयास किया और इसके लिए कानून भी बनाया। इनमें से अंतिम था टेलीकॉम कमर्शियल कम्युनिकेशंस कस्टमर प्रिफरेंस रेग्युलेशंस, 2018। परंतु जो भी उपाय अपनाए गए वे अक्सर मनचाहे परिणाम पाने में नाकाम रहे। गैर पंजीकृत टेलीमार्केटिंग कंपनियां जहां तकनीक की मदद से उपभोक्ताओं पर ऐसी कॉल की बमबारी कर रही हैं, वहीं दूरसंचार सेवा प्रदाता भी अक्सर इस विषय पर गंभीरता नहीं दिखाते।

ट्राई का ताजा निर्देश इन स्थितियों को बदलना चाहता है। इसके लिए उसने दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को आदेश दिया है कि वे वाणिज्यिक कॉल करने वाले किसी भी गैर पंजीकृत टेलीमार्केटिंग करने वालों के सभी दूरसंचार संसाधनों को दो साल के लिए पूरी तरह रोक दे। यदि उपभोक्ता की शिकायत सही पाई जाती है तो किसी अन्य सेवा प्रदाता को भी टेलीमार्केटर का मौका नहीं देने दिया जाएगा।

ट्राई के आदेश के अनुसार अगर शिकायत किसी गैरपंजीकृत टेलीमार्केटर से संबंधित हो तो मूल सेवा प्रदाता संदेश भेजने वाले को पहले उल्लंघन के बारे में एक चेतावनी भेजेगा। दूसरे अवसर पर संदेश भेजने वाले पर छह महीने तक की रोक लगाई जाएगी और तीसरे या उसके बाद वाले अवसर पर संदेश भेजने वाले के सभी दूरसंचार संसाधनों को दो साल की अवधि के लिए रोक दिया जाएगा।

इसके बाद संदेश भेजने वाले को ब्लैकलिस्ट कर दिया जाना चाहिए और किसी भी अन्य सेवा प्रदाता द्वारा इन्हें नए दूरसंचार संसाधन नहीं मुहैया कराए जाने चाहिए। यह इस आदेश की एक महत्त्वपूर्ण बात है। ट्राई के निर्देश में एक और अहम बात यह है कि स्पैम कॉल करने वाली कंपनी के सभी दूरसंचार संसाधन समाप्त कर दिए जाएंगे, न कि कोई खास सिग्नल।

ट्राई ने स्पष्ट किया है कि कारोबारी ग्राहक अक्सर सैकड़ों संकेतकों के साथ प्रोटोकॉल प्राइमरी रेट इंटरफेस लाइन के माध्यम से वाणिज्यिक वॉयस कॉल करते हैं। परंतु अब तक सेवा प्रदाताओं द्वारा कारोबारी ग्राहकों के खिलाफ की गई कार्रवाई आमतौर पर उनके सभी दूरसंचार संसाधनों के बजाय एक विशेष संकेतक को बंद करने तक सीमित है।

स्पैम का आकार और उनका पैमाना बहुत बड़ा है और उसका अंदाजा दूरसंचार नियामक द्वारा समर्थित अनुमानों से लगाया जा सकता है। वर्ष 2023 में देश में गैर पंजीकृत टेलीमार्केटर्स के खिलाफ 12 लाख से अधिक शिकायतें की गईं और 2024 में शुरुआती छह महीनों में ही 7.90 लाख से अधिक शिकायतें की जा चुकी हैं। चूंकि यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू है इसलिए यह ठोस है परंतु इसके प्रभाव का आकलन केवल समय के साथ ही किया जा सकता है।

ट्राई का काम है कुछ अन्य लक्ष्यों की प्राप्ति के अलावा दूरसंचार सेवाओं के उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करना। उसके अन्य लक्ष्यों में दूरसंचार सेवाओं का नियमन और कंपनियों के लिए सेवा गुणवत्ता के मानक तय करना है। उस संदर्भ में स्पैम संचार को रोकना नियामक के लिए पहले ही प्राथमिकता वाला काम होना चाहिए था।

अब जबकि एक ठोस कदम उठा लिया गया है तो उपभोक्ता भी बिना किसी बाधा के आसानी से अपनी शिकायत दर्ज करा सकेंगे। उसके लिए ट्राई, दूरसंचार विभाग और सेवा प्रदाताओं को साथ मिलकर और सक्रिय होकर काम करना होगा।

First Published : August 16, 2024 | 9:40 PM IST