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दिग्गज कारोबारी गोपीचंद हिंदुजा का 85 वर्ष की आयु में निधन, उद्योग जगत ने दी श्रद्धांजलि

गोपीचंद हिंदुजा (जिन्हें 'जीपी' के नाम से जाना जाता था) और उनके बड़े भाई श्रीचंद 'एसपी') 1980 के दशक में लंदन चले गए थे

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देव चटर्जी   
Last Updated- November 04, 2025 | 10:33 PM IST

अरबपति कारोबारी गोपीचंद हिंदुजा का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। हिंदुजा समूह के प्रमुख संरक्षकों में एक और उसे दुनिया में एक खास मुकाम तक पहुंचाने वाले गोपीचंद हिंदुजा 85 वर्ष के थे।

गोपीचंद हिंदुजा (जिन्हें ‘जीपी’ के नाम से जाना जाता था) और उनके बड़े भाई श्रीचंद ‘एसपी’) 1980 के दशक में लंदन चले गए थे। दोनों भाइयों ने हिंदुजा समूह को एक मामूली व्यापारिक संगठन से वैश्विक उद्यम में तब्दील होने का ताना-बाना तैयार किया।

पिछले पांच दशकों में एसपी और जीपी के नेतृत्व में उनके छोटे भाइयों प्रकाश और अशोक के साथ समूह ने वाहन, वित्तीय सेवाओं, मनोरंजन और रसायन क्षेत्रों में विस्तार किया। जीपी के परिवार में उनकी पत्नी सुनीता हिंदुजा, दो पुत्र संजय और धीरज और एक बेटी रीता हैं।

संडे टाइम्स रिच लिस्ट के अनुसार हिंदुजा परिवार की अनुमानित शुद्ध परिसंपत्ति 35.3 अरब पाउंड है। एसपी और जीपी के नेतृत्व में समूह ने भारत में 1984 में गल्फ ऑयल और 1987 में अशोक लीलैंड जैसे अधिग्रहणों के माध्यम से अपनी वैश्विक उपस्थिति को और दमदार बना दिया। हिंदुजा भारत के नई पीढ़ी के निजी बैंकों में सबसे पहले निवेश करने वालों निवेशकों में शुमार थे। उन्होंने 1994 में इंडसइंड बैंक की स्थापना में अहम भूमिका निभाई थी।

मई 2023 में श्रीचंद के निधन के बाद परिवार कानूनी और वित्तीय विवाद में उलझ गया जिसमें एसपी की संतान और तीन भाइयों के बीच अनबन शुरू हो गई। यह विवाद अब सुलझा लिया गया है मगर परिवार ने सुलह को लेकर विस्तार से कुछ नहीं बताया है।

एसपी की मृत्यु के बाद हिंदुजा समूह के अध्यक्ष बने जीपी मुंबई के जय हिंद कॉलेज से स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के तुरंत बाद 1959 में पारिवारिक व्यवसाय में शामिल हो गए। बाद में उन्होंने 1996 में वेस्टमिंस्टर विश्वविद्यालय से कानून में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की।

हिंदुजा समूह के कार्यकारी उपाध्यक्ष अबिन कुमार दास और एक करीबी विश्वासपात्र ने जीपी के बुनियादी बिजनेस दर्शन को याद किया जिसके पीछे मूल मंत्र था स्थायी संबंध बनाना। दास ने कहा,‘उनके गुण, उनकी ईमानदारी, विनम्रता और आत्मा की उदारता काफी सराहनीय थे। उन्होंने गरीबों, वंचितों और जरूरतमंदों की दिल खोलकर मदद की।’

जीपी की मृत्यु के बाद शोक संवेदनाएं उमड़ पड़ीं। आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने उन्हें एक दूरदर्शी उद्योगपति बताया जिन्होंने हिंदुजा समूह को एक वैश्विक ताकत के रूप में आकार देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, ‘उनके नेतृत्व में ऐतिहासिक उपलब्धियां देखी गईं। 1984 में गल्फ ऑयल के अधिग्रहण से लेकर अशोक लीलैंड के पुनरुद्धार तक उन्होंने कई उपलब्धियां हासिल कीं। उन्होंने बिजली और अधोसंरचना क्षेत्रों में कदम रखने में भी समूह का मार्गदर्शन किया।’

जेएसपीएल समूह के अध्यक्ष नवीन जिंदल ने हिंदुजा को एक वैश्विक नेता और भारत का गौरव बताया। उन्होंने कहा,‘उनके उल्लेखनीय नेतृत्व के दम पर हिंदुजा समूह भारतीय उद्यम और वैश्विक उत्कृष्टता का प्रतीक बन गया। ईमानदारी, नवाचार और सेवा की उनकी विरासत पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।‘

कई पुराने दिग्गजों ने जीवन और संगीत के प्रति जीपी के जुनून को याद किया। दास ने कहा,‘गोपी को जीवन से प्यार था। संगीत उनका जुनून था। वह अपने जीवन के दृष्टिकोण को उन गीतों में व्यक्त करते थे जिन्हें वे संजोते थे और उनके माध्यम से खुशी, दुख, प्यार और दोस्ती की अपनी भावनाओं को व्यक्त करते थे।’

First Published : November 4, 2025 | 10:19 PM IST