भारत 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन प्राप्त कर लेगा, तथा 2032 तक संभवतः 650 गीगावाट तक पहुंच जाएगा। भारत में नवीकरणीय ऊर्जा (RE) की दीर्घकालिक सफलता के लिए आपूर्ति श्रृंखला के स्थानीयकरण और घरेलू निर्माण के प्रमुख क्षेत्रों को सतत सरकारी समर्थन की आवश्यकता होगी। यह बात उद्योग के नेताओं ने शुक्रवार को बिजनेस स्टैंडर्ड के मंथन कार्यक्रम में कही।
‘क्या भारत खुद को नवीकरणीय ऊर्जा हब के रूप में स्थापित कर सकता है?’ विषय पर आयोजित सत्र में अदाणी ग्रीन एनर्जी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) अमित सिंह ने कहा कि भारत के पास 60 गीगावॉट से अधिक मॉड्यूल की आपूर्ति क्षमता है, लेकिन इनगट वेफर और पॉलीसिलिकॉन रिफाइनिंग जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में इसकी आपूर्ति श्रृंखला लचीली नहीं है।
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