अक्सर जब हम विदेश जाने की सोचते हैं तो सबसे पहले पासपोर्ट और वीजा की जरूरत पड़ती है। खासकर, वीजा पाने के लिए कई बार लंबा इंतजार करना पड़ जाता है। लेकिन क्या आपको पता है कि एक ऐसा भी डॉक्यूमेंट है जो पासपोर्ट की तरह काम करता है और जिसके सहारे कुछ लोगों को वीजा की भी जरूरत नहीं होती? इस दस्तावेज को सीमैन बुक (Seaman Book) कहा जाता है।
क्या है सीमैन बुक?
सीमैन बुक को कंटीन्यूअस डिस्चार्ज सर्टिफिकेट (CDC) भी कहा जाता है। यह दस्तावेज खास तौर पर मर्चेंट नेवी, क्रूज लाइन या मछली पकड़ने वाले जहाजों में काम करने वाले लोगों को दिया जाता है। यह एक पहचान पत्र की तरह होता है जिसमें व्यक्ति का नाम, जन्मतिथि, राष्ट्रीयता, शैक्षणिक योग्यता, नौकरी का पद, जहाज का नाम और यात्रा की अवधि जैसी पूरी जानकारी होती है।
एयरपोर्ट पर कैसे होता है इसका इस्तेमाल?
आम यात्रियों को जब भी विदेश जाना होता है तो उन्हें पासपोर्ट और वीजा दिखाना जरूरी होता है। लेकिन मर्चेंट नेवी या क्रूज में काम करने वाले लोग जब ड्यूटी पर जाने के लिए एयरपोर्ट पहुंचते हैं, तो वे सीमैन बुक के साथ यात्रा कर सकते हैं। एयरपोर्ट पर इसे पासपोर्ट के बराबर मान्यता दी जाती है।
हालांकि, एयरपोर्ट की सुरक्षा जांच के दौरान इन्हें सीमैन बुक के साथ सीडीसी यानी सीफेरर आइडेंटिटी डॉक्यूमेंट भी दिखाना होता है।
क्या वीजा की जरूरत नहीं पड़ती?
सीमैन बुक वाले कर्मचारी अक्सर कई देशों से होकर यात्रा करते हैं। इस दौरान सीमैन बुक का इस्तेमाल ट्रांजिट वीजा की तरह किया जाता है। जब वे अपने जहाज पर ड्यूटी जॉइन करने जाते हैं तो सीमैन बुक और सीडीसी वीजा की तरह मान्य होते हैं।
लेकिन अगर यह यात्रा निजी कारणों से की जा रही हो, जैसे घूमने, इलाज या कारोबार के लिए, तो उन्हें भी सामान्य यात्रियों की तरह पासपोर्ट और वीजा की जरूरत होती है।