भारत सहित पूरी दुनिया के करीब सभी लोकतांत्रिक देशों में लड़कियों के विकास को लेकर सरकारें कई तरह की योजनाएं चला रही हैं, जिसका मकसद उनकी पढ़ाई-लिखाई से लेकर उनके आर्थिक स्थिति को मजबूत करना और समानता के अधिकार को तय करना होता है। इसी तर्ज पर भारत सरकार भी लड़कियों को आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाने के लिए देश भर में कई तरह की योजनाएं चला रही है, जो लड़कियों के मजबूत विकास में मददगार साबित हो।
इसी लक्ष्य से ही भारत सरकार ने 24 जनवरी, 2008 को राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाने का ऐलान किया था, तब से यह हर साल मनाया जाता है। इस बीच, आइये जानते हैं बेटियों से संबंधित कई योजनाएं, जो न केवल उन्हें अपने पैर पर खड़े होने के लिए स्वतंत्र बना सकती हैं, बल्कि उनके पालन-पोषण और पढ़ाई-लिखाई में लगने वाले खर्च में परिवार के लिए भी सहारा बन सकती हैं।
- Sukanya Samriddhi Yojana: यह योजना बेटियों के लिए भारत सरकार की सबसे अहम योजनाओं में एक मानी जाती है। यह एक छोटी बचत योजना यानी स्मॉल सेविंग स्कीम है, जिसके लिए अकाउंट भारत के अधिकृत बैंकों और पोस्ट ऑफिस में खोला जा सकता है। इस योजना के तहत 10 साल या उससे कम की बेटियों के नाम पर अकाउंट उनके किसी एक गॉर्जियन द्वारा खोला जा सकता है।अकाउंट में ज्यादा पैसे जमा करने का झंझट या बाध्यता भी नहीं है। कम से कम 250 रुपये या इससे ज्यादा (50 रुपये के गुणक में) का अमाउंट हर महीने आपको अपनी बेटी के नाम जमा करना है। अधिकतम जमा राशि साल भर के लिए 1,50,000 रुपये हो सकती है, यानी हर महीने 12,500 रुपये।
खुशखबरी यह है कि भारत सरकार ने जनवरी से इस चालू वित्त वर्ष की मार्च तिमाही के लिए ब्याज दर भी 8 फीसदी से बढ़ाकर 8.2 फीसदी कर दिया है। मार्च के बाद फिर इसमें सरकार परिवर्तन कर सकती है। यह अकाउंट ओपेनिंग की तारीख से 21 साल में परिपक्व यानी मैच्योर हो जाता है। उससे पहले भी अगर आप इसे क्लोज करना चाहें तो अकाउंट ओपेनिंग से 5 साल के बाद इसे क्लोज किया जा सकता है।
सबसे अलावा भी, अगर आपकी बेटी 18 साल की पूरी हो जाती है और उसकी शादी होने वाली है, तो शादी से 1 महीने पहले या 3 महीने बाद तक जमा पैसे को ब्याज सहित भुनाया जा सकता है।
- Pragati Scholarship Scheme: प्रगति स्कॉलरशिप योजना उन लड़कियों के लिए है, जो टेक्निकल क्षेत्र में अपने पंख फैलाना चाह रही है। भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय के तहत आने वाला AICTE (All India Council for Technical Education) इसके लिए उन लड़कियों को 4 साल तक हर साल 50,000 रुपये के हिसाब से स्कॉलरशिप देता है। शर्त यह है कि इस योजना का फायदा एक परिवार से सिर्फ 2 ही लड़कियों को मिल सकता है और उस परिवार की सालाना इनकम भी 8 लाख रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।ITI सॉर्टिफिकेट हासिल करने के बाद टेक्निकल पढ़ाई में दाखिला देने वाली लड़कियां टेक्निकल पढ़ाई शुरू करने के पहले साल या दूसरे साल में इस सिकीम के लिए अप्लाई कर सकती हैं, और स्कॉलरशिप का फायदा उठा सकती हैं।
- Beti Bachao Beti Padhao: 22 जनवरी, 2015 को केंद्र सरकार की तरफ से शुरू की गई योजना बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का मकसद देश में लैंगिक असमानता को कम करने और महिला सशक्तीकरण को मजबूत करने के उद्देश्य से किया गया है।यह घटते बाल लिंग अनुपात (CSR) और महिला सशक्तिकरण से संबंधित मुद्दों को सुलझाने के लिए बनाई गई है। योजना के तहत सरकार ने आगे चलकर डिजिटल गुड्डी-गुड्डा बोर्ड, उड़ान, लक्ष्य से रूबरू जैसे कई अभियान भी चलाए।
इसी योजना के मद्देनजर सरकार ने लड़कियों को आर्थिक सहायता देने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन से जुड़ी योजना-सुकन्या समृद्धि योजना की शुरुआत की थी।
- Scholarship Scheme for Girl Children of Jute Mills / MSMEs Workers: जूट मिलों/लघु मध्यम उद्योगों में काम करने वाले श्रमिकों की लड़कियों के लिए 2008 में केंद्र सरकार यह योजना लेकर आई थी। इस योजना के तहत इन श्रमिकों की बेटियों को सेंकंडरी स्कूल यानी हाई स्कूल के दौराम 5,000 रुपये सालाना और हायर सेंकडरी (इंटरमीडिएट) के दौरान 10,000 रुपये की स्कॉलरशिप मिलती है।
First Published - January 25, 2024 | 4:52 PM IST
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