Sovereign Gold Bond 2019-20 Series II: सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond) की 29वीं किस्त को दूसरी बार मैच्योरिटी से पहले भुनाने यानी प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन का मौका बॉन्ड धारकों को नए साल में 16 जनवरी को मिलेगा। लेकिन इसके लिए आपको 17 दिसंबर 2024और 6 जनवरी 2025 के बीच अप्लाई करना होगा। यदि इस अवधि के दौरान अप्लाई नहीं करते हैं तो आप 16 जनवरी 2025 को इसे मैच्योरिटी से पहले भुना नहीं सकते हैं।
वित्त वर्ष 2019-20 की दूसरी सीरीज यानी 29वां सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (IN00201900811) सब्सक्राइबर्स को 16 जुलाई 2019 को 3,443 रुपये के इश्यू प्राइस पर जारी किया गया था जबकि 16 जुलाई 2027 को यह बॉन्ड मैच्योर होगा। इससे पहले 5 साल की अवधि के पूरा होते ही इस बॉन्ड को मैच्योरिटी से पहले पहली बार बेचने का मौका बॉन्ड धारकों को 7,272 रुपये के प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन प्राइस पर 16 जुलाई 2024 को मिला था। बॉन्ड धारको ने इस मौके का फायदा उठाते हुए जुलाई में इस बॉन्ड के 4,817 यूनिट बेचे थे।
सेकेंडरी मार्केट में प्रीमियम पर कर रहे ट्रेड
सेकेंडरी मार्केट यानी स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर फिलहाल यह 6 फीसदी प्रीमियम के साथ 8,090 रुपये प्रति ग्राम के भाव पर ट्रेड कर रहा है। आईबीजेए (IBJA) के मुताबिक 24 कैरेट गोल्ड (999) का शुरुआती भाव आज 9 दिसंबर को 7,628 रुपये प्रति ग्राम दर्ज किया गया।
प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन प्राइस का कब ऐलान करेगा आरबीआई?
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के लिए इश्यू और रिडेम्प्शन प्राइस आईबीजेए (IBJA) से गोल्ड के लिए मिले रेट के आधार पर तय होते हैं। नियमों के अनुसार सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के लिए मैच्योरिटी से पहले रिडेम्प्शन प्राइस प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन की तारीख से ठीक पहले के 3 कारोबारी दिन के लिए आईबीजेए (IBJA) की तरफ से प्राप्त 24 कैरेट गोल्ड (999) के क्लोजिंग प्राइस का एवरेज होता है। इस बॉन्ड का दूसरी बार प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन 16 जनवरी 2025 को होना है इसलिए इस सीरीज का प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन प्राइस 13 जनवरी, 14 जनवरी और 15 जनवरी के क्लोजिंग प्राइस के आधार पर तय होगा। आरबीआई (RBI) इस बॉन्ड के लिए प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन प्राइस का ऐलान 15 जनवरी 2025 के क्लोजिंग प्राइस के आने के बाद यानी देर शाम करेगा।
इस बॉन्ड का अबतक कितना हुआ है प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन ?
अगले साल 16 जनवरी को होने वाले प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन से पहले भी बॉन्ड धारक 29वें बॉन्ड (2017-18 Series X) के 4,817 यूनिट बेच चुके हैं। आरबीआई के आंकड़े बताते हैं कि 4 दिसंबर 2024 तक इस बॉन्ड 4,817 यूनिट यानी 4,817 ग्राम सोने की वैल्यू के बराबर सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन हो चुका है । इससे पहले इस बॉन्ड के लिए कुल 5,35,947 यूनिट की खरीद की गई थी। इस तरह से इस बॉन्ड के 5,31,130 यूनिट अभी भी बचे हैं।
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प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन के मामले में क्या कहते हैं टैक्स नियम?
अगर आपने मैच्योरिटी पीरियड से पहले रिडीम किया तो टैक्स लिस्टेड फाइनेंशियल एसेट्स (listed financial assets) की तरह लगेगा। मतलब सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड खरीदने के बाद 12 महीने से पहले बेच देते हैं तो होने वाली कमाई यानी कैपिटल गेन को शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन (STCG) माना जाएगा। जो आपके ग्रॉस टोटल इनकम में जोड़ दिया जाएगा और आपको अपने टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स चुकाना होगा। लेकिन अगर आप 12 महीने बाद बेचते हैं तो 12.5 फीसदी लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्स चुकाना होगा। लेकिन यदि आप सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को उसकी मैच्योरिटी यानी 8 साल तक होल्ड करते हैं तो रिडेम्प्शन के समय आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा ।
कब कर सकते हैं प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन ?
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को मैच्योरिटी से पहले रिडीम करने का विकल्प भी निवेशकों के पास होता है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को आप उसके इश्यू होने के 5 साल बाद मैच्योरिटी से पहले रिडीम कर सकते हैं। आरबीआई प्रीमैच्योर रिडेम्प्शन की तारीख उस दिन तय करती है जिस दिन इस बॉन्ड पर इंटरेस्ट देय होता है। इस बॉन्ड पर इंटरेस्ट प्रत्येक छह महीने यानी साल में दो दफे मिलता है।