वित्त वर्ष 2017-28 और वित्त वर्ष 2022-23 के बीच फिनटेक कंपनियों द्वारा 1 लाख रुपये से कम के व्यक्तिगत ऋण 75 फीसदी चक्रवृद्धि वार्षिक दर से बढ़े हैं। डिजिटल लेंडर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (DLAI) के साथ एक्सपीरियन द्वारा जारी एक श्वेत पत्र के अनुसार, फिनटेक कंपनियों के ऋण पोर्टफोलियो में तनाव देखा जा रहा है। खासकर 50 हजार रुपये से कम ऋण श्रेणी में।
असुरक्षित ऋण (व्यक्तिगत ऋण अथवा क्रेडिट कार्ड बकाया) से चूक हो सकती है जो आपके क्रेडिट स्कोर पर प्रतिकूल असर डाल सकता है। इससे आगे चलकर ऐसी स्थिति भी खड़ी हो सकती है जहां आपके लिए कर्ज लेना कठिन अथवा असंभव हो सकता है। अगर फिर भी आपको कर्ज मिलता है उस पर उसकी ब्याज दर अधिक हो सकती है।
700 से कम यानी खराब क्रेडिट स्कोर
क्रेडिट ब्यूरो किसी भी व्यक्ति के कर्ज चुकाने के रिकॉर्ड और उधार लेने के पैटर्न के आधार पर क्रेडिट स्कोर बनाता है। कम क्रेडिट स्कोर यानी अधिकतम 900 अंकों में से 700 अंक से कम को माना जाता है। उससे आपके ऋण वादेन रद्द हो सकते हैं।
क्रेडिट स्कोर उस वक्त गिरता है जब आप ऋण नहीं चुकाते हैं, चुकाने में देर करते हैं अथवा कई ऋण के लिए आवेदन करते हैं। माय मनी मंत्र डॉट कॉम के संस्थापक और प्रबंध निदेशक राज खोसला कहते हैं, ‘खराब क्रेडिट स्कोर को सुधारने के लिए अनुशासित रहना पड़ता है और उसमें समय लगता है।’
सिक्योर क्रेडिट कार्ड लें
बेहतर क्रेडिट स्कोर बनाने के लिए आपको कर्ज लेना होगा और फिर उसे समय पर चुकाना होगा और इससे एक अच्छा ट्रैक भी रिकॉर्ड बनाना होगा। लेकिन अगर आप ऐसी स्थिति में हैं जहा खराब क्रेडिट स्कोर के कारण आपको कर्ज नहीं मिल रहा है और इसे सुधारने के लिए भी आपको कर्ज की जरूरत है तो आपको एक सिक्योर क्रेडिट कार्ड की दरकार है।
पैसा बाजार की मुख्य उत्पाद अधिकारी राधिका बिनानी कहती हैं, ‘जिन लोगों को खराब क्रेडिट स्कोर के कारण नहीं ले पा रहे हैं, वे अपने क्रेडिट स्कोर सुधारने के लिए सिक्योर क्रेडिट कार्ड का विकल्प चुन सकते हैं।’ सावधि जमा के अनुसार सिक्योर क्रेडिट कार्ड मिलता है।
क्रेडिट कार्ड जारी करने वाली संस्था सावधि जमा देखती है और उसके अनुसार क्रेडिट कार्ड जारी करती है। उस वक्त फिर ऋणदाता आपके क्रेडिट इतिहास और आमदमी को ज्यादा तवज्जो नहीं देते हैं। कार्ड लिमिट भी सावधि जमा का करीब 90 फीसदी निर्धारित किया गया है।
हर महीने के अंत में क्रेडिट कार्ड उपयोगकर्ता को बिल मिलता है। अगर पूरे बकाये का भुगतान नियमित रूप से समय पर किया जाने लगा तो क्रेडिट स्कोर में भी सुधार होता है। अगर उस वक्त भी क्रेडिट कार्ड उपयोगकर्ता बकाया राशि नहीं चुकाता है तो वह राशि उसके सावधि जमा से वसूली जाती है।
जितना जरूरी हो उतना ही कर्ज लें
सिक्योर क्रेडिट कार्ड का उपयोग करते वक्त क्रेडिट लिमिट का पूरा उपयोग करने से बचें। खोसला कहते हैं, ‘क्रेडिट कार्ड का बहुत ज्यादा उपयोग करने से ऋणदाता को लगता है कि आप कर्ज पर ही निर्भर हैं। उससे आपके क्रेडिट स्कोर पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। इसलिए यह सलाह दी जाती है कि कर्ज का उपयोग कम से कम करें।
आदर्श रूप से आपको कार्ड लिमिट का 30 फीसदी से कम ही उपयोग करना चाहिए। क्रेडिट कार्ड का कम उपयोग करने से ऐसा लगता है कि आपके वित्तीय प्रबंधन अच्छे हैं और इससे आपके क्रेडिट स्कोर पर भी सकारात्मक असर पड़ता है।’
ऋण के भूखे न रहें
सिक्योर क्रेडिट कार्ड लेते ही तुरंत कर्ज से खरीदारी नहीं करने लगें। ऐसी स्थिति में भी क्रेडिट स्कोर खराब हो सकता है और इससे ऐसा लगता है कि आप कर्ज के भूखे हैं।
बिनानी कहते हैं, ‘थोड़े-थोड़े दिनों में ही ऋण या क्रेडिट कार्ड के कई आवेदन करने करने पर ऐसा लगता है कि आप कर्ज पर अत्यधिक निर्भर हैं। ऐसे संकेत देने से भी बचना चाहिए।’
खोसला का कहना है, ‘हर बार जब आप ऋण के लिए आवेदन देते हैं तो ऋणदाता आपकी क्रेडिट योग्यता जानने के लिए एक कड़ी पूछताछ करते हैं। ऐसी हर पूछताछ आपके क्रेडिट स्कोर को थोड़ा कम करती है। लगातार ऐसा करने से भी नकारात्मक असर पड़ सकता है।’ एक बार जब क्रेडिट स्कोर बेहतर हो जाता है तो आप आसानी से नए ऋण के लिए आवेदन कर सकते हैं।
समय-समय पर अपना क्रेडिट स्कोर देखें
नियमित रूप से क्रेडिट रिपोर्ट की समीक्षा करने से न केवल गड़बड़ियों का पता चलता है बल्कि क्रेडिट स्कोर कम होने पर आप तुरंत सुधारात्मक कार्रवाई भी कर सकते हैं।
राइट होराइजंस के संस्थापक और मुख्य कार्य अधिकारी अनिल रेगो का कहना है, ‘किसी भी गड़बड़ी या अनधिकृत गतिविधि का पता लगाने के लिए ब्यूरो से अपनी क्रेडिट रिपोर्ट लें और साख बचाने के लिए तुरंत उसका समाधान करें।’