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Post Office की इस स्कीम में ₹3 लाख पर मिलेंगे ₹1.23 लाख ब्याज, जानें कौन कर सकता है निवेश

रिटायरमेंट के बाद सुरक्षित कमाई के लिए पोस्ट ऑफिस की सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम और सेवानिवृत्ति लाभों की पूरी जानकारी यहां पढ़ें।

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बीएस वेब टीम   
Last Updated- July 27, 2025 | 5:23 PM IST

Post Office Scheme: अगर आप रिटायरमेंट के बाद एक सुरक्षित और बेहतर रिटर्न वाली स्कीम की तलाश कर रहे हैं, तो पोस्ट ऑफिस की सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (SCSS) आपके लिए एक शानदार विकल्प साबित हो सकती है। इस सरकारी योजना में आप एकमुश्त निवेश करके हर तिमाही तय ब्याज पा सकते हैं।

मान लीजिए कोई व्यक्ति इस योजना में ₹3 लाख का निवेश करता है और इसमें 5 साल तक निवेशित रहता है, तो उसे कुल ₹1.23 लाख सिर्फ ब्याज के रूप में मिलेंगे। यानी, मैच्योरिटी पर उसे कुल ₹4.23 लाख मिलेंगे।

इस योजना की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें आपको 8.2% सालाना ब्याज मिलता है, जो तिमाही आधार पर दिया जाता है। अगर आप ₹3 लाख जमा करते हैं, तो हर तिमाही आपको ₹6,150 की ब्याज आय होगी।

इस योजना में पैसा सुरक्षित रहता है क्योंकि यह केंद्र सरकार द्वारा चलाई जाती है। साथ ही, इसमें आयकर की धारा 80C के तहत टैक्स छूट का फायदा भी मिलता है। यह योजना खासतौर पर 60 साल या उससे अधिक उम्र के लोगों के लिए है, लेकिन कुछ खास शर्तों के साथ 55 वर्ष से ऊपर के रिटायर्ड कर्मचारी भी इसमें निवेश कर सकते हैं। 50-60 साल के रिटायर्ड रक्षा कर्मियों के लिए भी योजना उपलब्ध है। इस अकाउंट को सिंगल या जॉइंट दोनों तरह से खोला जा सकता है।

समय से पहले बंद करने पर क्या होगा?

अगर आप योजना की अवधि से पहले खाता बंद करते हैं तो कुछ कटौती का सामना करना पड़ सकता है:

  • 1 साल से पहले बंद करने पर: कोई ब्याज नहीं मिलेगा, और अगर ब्याज मिला है तो वह मूलधन से काटा जाएगा।
  • 1 से 2 साल के बीच बंद करने पर: 1.5% राशि मूलधन से काटी जाएगी।
  • 2 से 5 साल के बीच बंद करने पर: 1% राशि कटेगी।
  • विस्तारित खाता: 1 साल पूरा होने के बाद बिना किसी कटौती के बंद किया जा सकता है।

जानिए रिटायरमेंट के समय मिलने वाली कौन-कौन सी राशि होती है शामिल

सेवानिवृत्ति लाभ (Retirement Benefits) का मतलब है वह समस्त भुगतान जो किसी कर्मचारी को रिटायरमेंट (सुपरएन्युएशन या अन्य कारणों से सेवा समाप्त होने) के समय मिलता है। इन लाभों में कई तरह की रकम शामिल होती हैं, जैसे:

  1. प्रोविडेंट फंड की देनदारी।
  2. सेवा निवृत्ति, सुपरएन्युएशन या मृत्यु पर मिलने वाला ग्रेच्युटी।
  3. पेंशन की एकमुश्त राशि (कम्युटेड पेंशन)।
  4. अवकाश नकदीकरण (Cash equivalent of leave) यानी छुट्टियों के बदले मिलने वाली राशि।
  5. ग्रुप सेविंग्स लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम में सेविंग्स का वह हिस्सा, जो रिटायरमेंट पर नियोक्ता द्वारा दिया जाता है।
  6. कर्मचारी पारिवारिक पेंशन योजना के तहत रिटायरमेंट या विदड्रॉल का लाभ और
    वॉलंटरी या स्पेशल वॉलंटरी रिटायरमेंट स्कीम के तहत मिलने वाली अनुग्रह राशि (ex-gratia)।

अगर किसी कर्मचारी की सेवा के दौरान मृत्यु हो जाती है, तो उपरोक्त सभी लाभ उसके परिजनों को दिए जाते हैं। ऐसे मामलों में भी इन्हें सेवानिवृत्ति लाभ के अंतर्गत माना जाता है।

First Published : July 27, 2025 | 5:23 PM IST