Post Office vs Bank: फाइनेंशियल ट्रांजैक्शंस के लिए लोग अक्सर बैंक में ही अपना सेविंग्स अकाउंट खुलवाते हैं। पोस्ट ऑफिस में सेविंग अकाउंट खुलवाने वालों की संख्या बैंक के मुकाबले काफी कम है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि पोस्ट ऑफिस सेविंग्स अकाउंट के कई ऐसे फायदे हैं, जो इसे बैंकों से बेहतर विकल्प बनाते हैं? यहां जानिए इस खाते से जुड़ी खास बातें—
अगर आप सेविंग्स अकाउंट में जमा रकम पर बेहतर ब्याज पाना चाहते हैं, तो पोस्ट ऑफिस सेविंग्स अकाउंट आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है। आमतौर पर बैंक अपने सेविंग्स अकाउंट पर 2.70% से 3.00% तक ही ब्याज देते हैं, जबकि पोस्ट ऑफिस अपने बचत खाताधारकों को 4.0% का फिक्स्ड ब्याज देता है, जो मौजूदा समय में कई बैंकों से बेहतर है।
बैंकों में क्या है ब्याज दर?
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Post Office vs Bank Saving Account: मिनिमम बैलेंस
चाहे आप बैंक में सेविंग्स अकाउंट खुलवाएं या पोस्ट ऑफिस में, हर जगह एक न्यूनतम बैलेंस (minimum balance) मेंटेन करना जरूरी होता है। अगर यह बैलेंस तय सीमा से नीचे चला जाए, तो आपको पेनल्टी चुकानी पड़ती है।
अधिकतर बैंकों में रेगुलर सेविंग्स अकाउंट के लिए मिनिमम बैलेंस की सीमा ₹1,000 या उससे ज्यादा होती है। प्राइवेट सेक्टर के बैंक जैसे HDFC और ICICI में यह सीमा ₹10,000 तक पहुंच जाती है, जिससे आम खाताधारकों पर अतिरिक्त बोझ पड़ता है।
वहीं, पोस्ट ऑफिस सेविंग्स अकाउंट की बात करें तो इसमें मिनिमम बैलेंस की लिमिट महज ₹500 है। यह राशि कोई भी आसानी से मेंटेन कर सकता है। इतना ही नहीं, इस अकाउंट से न्यूनतम निकासी (minimum withdrawal) की सीमा भी सिर्फ ₹50 रखी गई है, जो इसे आम लोगों के लिए और भी सुविधाजनक बनाती है।
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पोस्ट ऑफिस सेविंग अकाउंट बनाम बैंक सेविंग अकाउंट: कौन देता है ज्यादा सुविधाएं?
अगर आप पोस्ट ऑफिस में सेविंग अकाउंट खोलने की सोच रहे हैं या फिर पहले से आपका अकाउंट है, तो जानना जरूरी है कि इसकी सुविधाएं बैंक अकाउंट के मुकाबले कितनी और कैसी हैं। नीचे देखें कौन दे रहा है ज्यादा सुविधा-
पोस्ट ऑफिस सेविंग अकाउंट की सुविधाएं:
बैंक सेविंग अकाउंट की सुविधाएं: