प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के गैर-सरकारी (प्राइवेट सेक्टर) सब्सक्राइबर्स के लिए बड़ा बदलाव किया गया है। पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) ने PFRDA (एक्जिट्स एंड विदड्रॉल्स अंडर द नेशनल पेंशन सिस्टम) अमेंडमेंट रेगुलेशंस 2025 को नोटिफाई कर दिया है। इसके तहत अब गैर-सरकारी NPS सब्सक्राइबर्स रिटायरमेंट के समय अपनी जमा पूंजी का 80% तक हिस्सा एकमुश्त (Lump Sum) निकाल सकेंगे।
यह नियम ऑल सिटीजन मॉडल और कॉर्पोरेट NPS के तहत आने वाले सब्सक्राइबर्स पर लागू होगा। सबसे अहम बदलाव यह है कि अब अनिवार्य एन्युटी खरीदने की सीमा घटाकर 20% कर दी गई है। पहले एक्जिट के समय जमा पूंजी का बड़ा हिस्सा एन्युटी में लगाना जरूरी होता था। बता दें कि एन्युटी वह योजना होती है जिसमें रिटायरमेंट के बाद जमा की गई रकम के बदले हर महीने या तय समय पर नियमित पेंशन मिलती है।
ये नियम सामान्य एक्जिट की स्थिति में, जैसे 60 साल की आयु पूरी होने पर या न्यूनतम सब्सक्रिप्शन अवधि पूरी होने पर, लागू होंगे। इसके अलावा 60 से 85 वर्ष की उम्र के बीच एक्जिट करने की स्थिति में भी यही नियम मान्य रहेंगे।
Also Read: PFRDA का बड़ा फैसला: NPS के लिए लाएगा फंड ऑफ फंड्स प्लेटफॉर्म, पेंशन फंड AIFs में लगा सकेंगे पैसा
नए नियमों के अनुसार, अगर सब्सक्राइबर की कुल जमा पूंजी (Accumulated Pension Wealth) तय सीमा से अधिक है, तो कम से कम 20% हिस्सा एन्युटी खरीदने में लगाना अनिवार्य होगा। एन्युटी के जरिए नियमित अंतराल पर पेंशन आय मिलती रहेगी। बाकी पैसे को एकमुश्त या तयशुदा निकासी व्यवस्था के तहत निकाला जा सकता है।
हालांकि यह नियम सभी मामलों में एक जैसा नहीं है। जमा पूंजी के आधार पर अलग-अलग प्रावधान तय किए गए हैं—
नए संशोधित नियमों से गैर-सरकारी NPS सब्सक्राइबर्स को अपनी रिटायरमेंट पूंजी के इस्तेमाल में ज्यादा लचीलापन मिलेगा। अनिवार्य एन्युटी हिस्से को कम करने से सब्सक्राइबर्स अपनी जरूरत और योजना के मुताबिक निकासी का फैसला कर सकेंगे।