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NPS वात्सल्य vs म्यूचुअल फंड्स vs सुकन्या समृद्धि योजना: अपने बच्चे के भविष्य के लिए कौन सा चुनें?

माता-पिता या अभिभावक NPS वात्सल्य योजना में तीन साल बाद कुल जमा राशि का 25% तक निकासी कर सकते हैं।

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सुनयना चड्ढा   
Last Updated- September 24, 2024 | 8:08 PM IST

नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) के तहत ‘NPS वात्सल्य’ एक खास योजना है, जो बच्चों के लिए बनाई गई है। इस योजना के तहत माता-पिता अपने बच्चों की रिटायरमेंट के लिए पहले से ही बचत शुरू कर सकते हैं, भले ही बच्चे की उम्र 18 साल से कम हो। जब बच्चा 18 साल का हो जाता है, तो NPS वात्सल्य अपने आप सामान्य NPS योजना में बदल जाता है, जो वर्तमान में रिटायरमेंट के लिए सबसे बढ़िया निवेश विकल्प माना जाता है।

माता-पिता या अभिभावकों को इस योजना के तहत खाता खोलते समय 1,000 रुपये की शुरुआती राशि जमा करनी होती है। इसके बाद, हर साल कम से कम 1,000 रुपये का योगदान अनिवार्य है। हालांकि, इस योजना में निवेश की कोई अधिकतम सीमा नहीं है, यानी आप जितना चाहें उतना निवेश कर सकते हैं।

NPS वात्सल्य से निकासी के नियम

माता-पिता या अभिभावक NPS वात्सल्य योजना में तीन साल बाद कुल जमा राशि का 25% तक निकासी कर सकते हैं। यह निकासी निम्नलिखित कारणों के लिए की जा सकती है:

शिक्षा
गंभीर बीमारी
दिव्यांगता

हालांकि, बच्चे के 18 साल का होने तक माता-पिता केवल तीन बार ही निकासी कर सकते हैं। यह योजना माता-पिता को चक्रवृद्धि ब्याज के जरिए अपने बच्चे का भविष्य सुरक्षित करने का अवसर देती है, लेकिन इसमें कुछ सीमाएं भी हैं, खासकर अन्य निवेश विकल्पों की तुलना में, जैसे सुकन्या समृद्धि योजना (SSY), पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), और म्यूचुअल फंड्स।

NPS वात्सल्य vs म्यूचुअल फंड्स, सुकन्या समृद्धि योजना और पीपीएफ: कौन सा निवेश विकल्प चुनें?

जोखिम और रिटर्न: इक्विटी म्यूचुअल फंड्स में NPS वात्सल्य की तुलना में ज्यादा जोखिम और ज्यादा रिटर्न की संभावना होती है। NPS वात्सल्य में इक्विटी और डेट दोनों का मिश्रण होता है, जिससे यह कम जोखिम वाला विकल्प है।

लिक्विडिटी: इक्विटी म्यूचुअल फंड्स की लिक्विडिटी NPS वात्सल्य से बेहतर होती है क्योंकि आप किसी भी समय अपनी राशि निकाल सकते हैं। जबकि NPS वात्सल्य में बच्चे के 18 साल का होने तक लॉक-इन पीरियड होता है, और तब भी आप केवल एक हिस्से की ही निकासी कर सकते हैं।

रिटायरमेंट फोकस: NPS वात्सल्य मुख्य रूप से रिटायरमेंट बचत के लिए डिजाइन किया गया है, जबकि इक्विटी म्यूचुअल फंड्स का उपयोग विभिन्न वित्तीय लक्ष्यों के लिए किया जा सकता है।

बैंकबाजार.कॉम के सीईओ आदिल शेट्टी ने कहा, “उदाहरण के लिए, अगर आपका बच्चा अभी 10 साल का है और आप उसके लिए एक पेंशन खाता खोलते हैं, तो हर महीने ₹10,000 की जमा राशि अगले 50 साल में लगभग ₹10 करोड़ का कॉर्पस बना सकती है। हालांकि, 6% मुद्रास्फीति की दर से उस समय यह कॉर्पस केवल ₹50 लाख के बराबर होगा। लेकिन अगर आप निवेश को हर साल 10% बढ़ाते हैं, तो बच्चों के लिए एक अच्छा रिटायरमेंट फंड बिना ज्यादा प्रयास के तैयार हो सकता है।”

“दूसरी ओर, सुकन्या समृद्धि योजना या म्यूचुअल फंड्स के चाइल्ड प्लान्स इस तरह से डिजाइन किए गए हैं कि नियमित निवेश से आपके बच्चे के जीवन के प्रमुख पड़ावों, जैसे उच्च शिक्षा, उद्यमिता, विवाह आदि के लिए धन एकत्र किया जा सकता है। म्यूचुअल फंड्स, विशेष रूप से बच्चों के खर्चों के लिए बने फंड्स, सक्रिय रूप से प्रबंधित होते हैं और लंबी लॉक-इन अवधि रखते हैं ताकि 12-15% तक के उच्च रिटर्न मिल सके। हालांकि इनमें बाजार का जोखिम होता है, लेकिन लंबी अवधि में यह संतुलित हो जाता है। इसका मतलब यह है कि जब आपको सबसे ज्यादा जरूरत होती है, तब आपके पास एक बड़ा कॉर्पस और अच्छी लिक्विडिटी होती है।”

उन्होंने आगे कहा, उदाहरण के लिए, यदि आप ₹5000 दो म्यूचुअल फंड्स स्कीम्स में निवेश करते हैं, एक 8 साल के लिए और दूसरा 12 साल के लिए, तो आपको इनसे क्रमशः लगभग ₹8 लाख और ₹15 लाख की लिक्विडिटी मिलेगी। इसकी तुलना में, आप NPS वात्सल्य से अधिकतम 25% ही निकाल सकते हैं, और यदि आप यह निकासी 12वें वर्ष के अंत में करते हैं, तो आपको लगभग ₹6.3 लाख मिलेंगे।

शेट्टी कहते हैं, “अगर आप अपने चाइल्ड प्लान म्यूचुअल फंड्स की निवेश राशि को अपनी जरूरतों के अनुसार एडजस्ट करते हैं, तो आप अपने बच्चे की अंडरग्रेजुएट और पोस्टग्रेजुएट शिक्षा का खर्च बिना ज्यादा दबाव के उठा सकते हैं और आपके बच्चे को भी ज्यादा कर्ज लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी। जबकि NPS वात्सल्य में कम रिटर्न और सीमित लिक्विडिटी के कारण यह उतनी मददगार नहीं होगी। NPS वात्सल्य एक लंबी अवधि का निवेश प्लान है, लेकिन इसमें आवश्यक लचीलापन नहीं है। इसलिए यह हमेशा अच्छा रहेगा कि आप अपने निवेश को विविध करें और NPS वात्सल्य को अपने कुल निवेश पोर्टफोलियो का एक छोटा हिस्सा बनाएं, जिसमें म्यूचुअल फंड्स जैसी योजनाएं भी शामिल हों, न कि इसे बच्चों के लिए आपका एकमात्र निवेश बनाएं।”

NPS वात्सल्य vs फिक्स्ड डिपॉजिट्स

रिटर्न्स: फिक्स्ड डिपॉजिट्स आमतौर पर NPS वात्सल्य और इक्विटी म्यूचुअल फंड्स की तुलना में कम रिटर्न्स देते हैं।
लिक्विडिटी: फिक्स्ड डिपॉजिट्स में लिक्विडिटी ज्यादा होती है, क्योंकि आप किसी भी समय अपनी राशि निकाल सकते हैं।
जोखिम: फिक्स्ड डिपॉजिट्स को अपेक्षाकृत कम जोखिम वाला निवेश माना जाता है।

NPS वात्सल्य vs सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) और पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)

मान लीजिए कि आप NPS वात्सल्य में हर महीने ₹1000, यानी सालाना ₹12,000 का निवेश 18 सालों के लिए करते हैं। NPS के ऐतिहासिक प्रदर्शन और 75% इक्विटी सीमा के आधार पर, वात्सल्य से लगभग 10% रिटर्न मिलने की उम्मीद है। इसका मतलब 18 साल बाद आपके पास ₹6,05,568 का कॉर्पस होगा। लेकिन समस्या यह है कि आप केवल 20% ही निकाल सकते हैं, यानी आपको लगभग ₹1,21,000 मिलेगा, जो आपके बच्चे की उच्च शिक्षा के लिए होगा। दूसरी तरफ, यदि आप पूरी तरह से इक्विटी-आधारित निवेश करते हैं और 12% की न्यूनतम दर से रिटर्न मिलता है, तो आपको 18 साल बाद ₹7,65,439 मिलेंगे, जिसे आप पूरी तरह से अपने बच्चे की शिक्षा या अन्य आवश्यकताओं के लिए निकाल सकते हैं। बस ध्यान रखें कि इन पर टैक्स लगेगा।

उसी निवेश राशि और 15 साल की अवधि के लिए, PPF लगभग ₹4,41,000 का रिटर्न देगा। सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) में लगभग ₹4,94,100 जमा होंगे, जिसमें से आप 18वें साल में केवल 50% ही निकाल पाएंगे। PPF और SSY, दोनों ही NPS वात्सल्य से बेहतर हैं, क्योंकि ये आपके लक्ष्यों को पूरा करने, निवेश पर टैक्स बचाने और टैक्स-फ्री ब्याज का लाभ देते हैं।

इन्वेस्ट4एडु के सह-संस्थापक तुषार बोपचे ने कहा, “वात्सल्य एक पेंशन योजना है जो लंबे समय तक निवेश के लिए बनाई गई है और इसका स्वभाव रूढ़िवादी (कंजरवेटिव) है; इसे उसी तरह से उपयोग करना चाहिए। बच्चे की भविष्य की योजनाओं, जैसे माध्यमिक और विश्वविद्यालय शिक्षा के लिए, माता-पिता को म्यूचुअल फंड्स और PPF जैसे अन्य विकल्पों में निवेश करने पर विचार करना चाहिए, क्योंकि ये बेहतर रिटर्न और अधिक लिक्विडिटी प्रदान करते हैं।”

इन्फिनिटी ग्रुप के संस्थापक विनायक मेहता ने कहा, “NPS वात्सल्य का एक बड़ा फायदा है कि इसमें आपका पैसा समय के साथ बढ़ता जाता है, जिससे लंबे समय में अच्छी रकम जमा हो सकती है। PIB चंडीगढ़ के मुताबिक, हर महीने ₹10,000 का निवेश करने पर रिटायरमेंट तक ₹11 करोड़ से अधिक का कॉर्पस मिल सकता है। हालांकि, फंड तब तक बंद रहते हैं जब तक बच्चा 60 साल का नहीं हो जाता, और उससे पहले पैसा निकालने के बहुत कम विकल्प होते हैं, जिससे यह शिक्षा या जल्दी वित्तीय जरूरतों के लिए सही नहीं है।”

“इसके विपरीत, SSY और PPF अधिक लचीलापन और लिक्विडिटी प्रदान करते हैं, साथ ही टैक्स-फ्री रिटर्न भी मिलता है। उदाहरण के लिए, ₹10,000 प्रति माह SSY में 15 साल के लिए 7.6% ब्याज पर निवेश करने से लगभग ₹40 लाख मिलते हैं, जो बच्चे के 18 साल का होने पर शिक्षा या विवाह के लिए उपलब्ध होते हैं। म्यूचुअल फंड्स भी उच्च रिटर्न और पूरी निकासी की सुविधा प्रदान करते हैं। हालांकि NPS वात्सल्य एक मजबूत रिटायरमेंट टूल है, यह शिक्षा जैसे छोटे लक्ष्यों के लिए उपयुक्त नहीं है।”

सही विकल्प चुनना

आपके बच्चे के भविष्य के लिए सबसे अच्छा निवेश विकल्प आपके वित्तीय लक्ष्यों, जोखिम सहनशीलता और निवेश अवधि पर निर्भर करता है। यदि आप लंबी अवधि, रिटायरमेंट पर ध्यान केंद्रित करने वाले निवेश की तलाश कर रहे हैं जिसमें टैक्स लाभ और संतुलित जोखिम-रिटर्न प्रोफाइल हो, तो NPS वात्सल्य एक उपयुक्त विकल्प हो सकता है। लेकिन अगर आप उच्च रिटर्न और लिक्विडिटी को प्राथमिकता देते हैं, तो इक्विटी म्यूचुअल फंड्स या चिल्ड्रन म्यूचुअल फंड्स बेहतर हो सकते हैं।

First Published : September 24, 2024 | 8:08 PM IST