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अगर आपको यह जानकर हैरानी हो कि भारत में एक ऐसा राज्य भी है जहां के लोग करोड़ों रुपये की कमाई करने के बावजूद इनकम टैक्स नहीं देते, तो यह पूरी तरह सच है। वित्त वर्ष 2024-25 (FY25) में भी यह छूट जारी है। देश में यह विशेष सुविधा सिर्फ सिक्किम राज्य के कुछ योग्य निवासियों को मिलती है।
आइए, जानते हैं सिक्किम के लोगों को क्यों नहीं देना पड़ता इनकम टैक्स?
सिक्किम देश का इकलौता राज्य है जहां योग्य नागरिकों को इनकम टैक्स से पूरी तरह छूट मिली हुई है। चाहे नौकरी से कमाई हो या निवेश और वित्तीय संपत्ति से, अगर व्यक्ति इस छूट के दायरे में आता है तो उसे कोई टैक्स नहीं देना होता।
सिक्किम को यह छूट भारतीय संविधान के अनुच्छेद 371(F) और आयकर अधिनियम की धारा 10(26AAA) के तहत मिली हुई है। ये प्रावधान सिक्किम के मूल निवासियों को कानूनी तौर पर टैक्स से छूट देते हैं।
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सिक्किम वर्ष 1975 में भारत का हिस्सा बना था। उस समय जो समझौता हुआ था, उसके तहत सिक्किम को कुछ स्वायत्त अधिकार दिए गए थे। उसी समझौते की शर्तों के मुताबिक वहां के मूल निवासियों को टैक्स से छूट का प्रावधान आज भी जारी है।
सिर्फ वे लोग जो ‘सिक्किम सब्जेक्ट्स रेगुलेशन 1961’ के तहत पंजीकृत हैं, इस छूट के पात्र होते हैं। यानी यह सुविधा केवल उन्हीं लोगों को मिलती है जो 1975 से पहले के मूल निवासी हैं।
भारत के बाकी हिस्सों में जहां एक निश्चित सीमा से ज्यादा कमाने वालों को इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरना जरूरी होता है, वहीं सिक्किम के योग्य नागरिकों को ITR भरने की भी जरूरत नहीं होती। यहां तक कि अगर उनकी सालाना कमाई करोड़ों में भी हो, तब भी उन पर इनकम टैक्स लागू नहीं होता।
हालांकि सिक्किम की स्थिति देश में अनोखी है, फिर भी कुछ खास मामलों में भारत में टैक्स फ्री इनकम की व्यवस्था है। जैसे:
लेकिन ये छूटें सिर्फ विशेष आय के लिए होती हैं। जबकि सिक्किम में पात्र नागरिकों की पूरी आमदनी टैक्स फ्री होती है, जो इसे बाकी राज्यों से पूरी तरह अलग बनाती है।