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ITR Filing 2025: AIS से टैक्सपेयर के ट्रांजैक्शन की मिलेगी पूरी डिटेल, इनकम टैक्स पोर्टल से ऐसे करें डाउनलोड

टैक्सपेयर्स के लिए Annual Information Statement सिस्टम का सबसे बड़ा फायदा यह है कि उन्हें उनकी सारी वित्तीय जानकारी एक ही जगह मिल जाती है।

Last Updated- May 30, 2025 | 4:21 PM IST
Annual Information Statement
प्रतीकात्मक तस्वीर | फोटो क्रेडिट: Pixabay

Annual Information Statement: अभी देश में इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने का दौर चल रहा है। सैलरीड क्लास अपने एंप्लॉयर से Form 16 मिलने का इंतजार कर रहे हैं ताकि वह ITR फाइल कर सकें। इसी बीच बीते दिनों इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने वित्त वर्ष 25 के लिए ITR फाइल करने की तारीख 31 जुलाई 2025 से बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 कर दी है। इसके टैक्सपेयर्स को अब ITR फाइल करने के लिए 46 दिन का एक्स्ट्रा टाइम मिल गया है। लेकिन टैक्सपेयर्स को ITR फाइल करने से पहले एक खास बात पर ध्यान देना बेहद जरूरी है, और वह है एनुअल इन्फॉर्मेशन स्टेटमेंट (AIS) की जांच। यह एक ऐसा डॉक्यूमेंट है जो आपकी हिसाब-किताब की पूरी जानकारी रखता है। अगर आप इसे बिना जांचे ITR दाखिल करते हैं, तो आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट से नोटिस मिल सकता है। आइए समझते हैं कि AIS क्या है और इसे जांचना क्यों जरूरी है।

AIS क्या है और इसमें क्या होता है?

एनुअल इन्फॉर्मेशन स्टेटमेंट यानी AIS एक ऐसा डॉक्यूमेंट है जो आपके वित्तीय लेनदेन की पूरी जानकारी रखता है। इसे फॉर्म 26AS का एक विस्तृत रूप कहा जा सकता है। इसमें आपकी आय, टैक्स कटौती (TDS), टैक्स कलेक्टेड एट सोर्स (TCS) और बड़े वित्तीय लेनदेन की जानकारी शामिल होती है। उदाहरण के लिए, अगर आपने शेयर या म्यूचुअल फंड बेचे हैं, किराया लिया है, बचत खाते से ब्याज कमाया है या विदेश में पैसा भेजा है तो ये सारी जानकारी AIS में दर्ज होती है। इसके अलावा, प्रॉपर्टी खरीदने या बेचने जैसे बड़े लेनदेन भी इसमें दिखते हैं। यह डॉक्यूमेंट इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को आपके पूरे हिसाब-किताब का ब्योरा देता है।

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AIS की जांच क्यों जरूरी है?

इनकम टैक्स और फाइनेंस एक्सपर्ट बलवंत जैन कहते हैं, “ITR दाखिल करने से पहले AIS की जांच करना इसलिए जरूरी है क्योंकि यह सुनिश्चित करता है कि आपने अपनी सारी आय और लेनदेन को सही तरीके से रिटर्न में शामिल किया है। अगर आप कोई आय, जैसे कि शेयर बेचने से मिला मुनाफा या बैंक खाते का ब्याज, रिटर्न में शामिल करना भूल जाते हैं, तो टैक्स डिपार्टमेंट इसे गलत या छुपाई गई जानकारी मान सकता है। इससे आपको नोटिस मिल सकता है, और कई बार जुर्माना भी लग सकता है।”

वे आगे कहते हैं, “AIS में दर्ज जानकारी को आपके ITR से मिलान किया जाता है, इसलिए किसी भी तरह की गलती से बचने के लिए इसकी जांच जरूरी है।”

कैसे करें AIS की जांच?

AIS तक पहुंचना बहुत आसान है। आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की ई-फाइलिंग वेबसाइट पर जाना होगा। वहां लॉगिन करने के बाद ‘एनुअल इन्फॉर्मेशन स्टेटमेंट’ ऑप्शन पर क्लिक करें। इसके बाद ‘प्रोसीड’ बटन दबाएं, जिससे आप AIS पोर्टल पर पहुंच जाएंगे। वहां AIS टाइल पर क्लिक करके अपनी जानकारी देख सकते हैं। दूसरा तरीका यह है कि ई-फाइल मेन्यू में जाकर ‘इनकम टैक्स रिटर्न’ और फिर ‘व्यू AIS’ विकल्प चुनें।

AIS में दी गई जानकारी को ध्यान से देखें, खासकर आय, TDS, और बड़े लेनदेन से जुड़े हिस्सों को। अगर आपको कोई गलती दिखती है, जैसे कि गलत आय या लेनदेन का ब्योरा, तो आप AIS में ही शिकायत दर्ज कर सकते हैं। इसके लिए एक ऑनलाइन सिस्टम मौजूद है, जहां आप गलत जानकारी को सुधारने के लिए फीडबैक दे सकते हैं।

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गलत जानकारी हो तो क्या करें?

जैन कहते हैं, “कई बार AIS में गलतियां हो सकती हैं, जैसे कि कोई लेनदेन गलत तरीके से दर्ज हो या आपकी आय का ब्योरा सही न हो। अगर आपको ऐसी कोई गलती मिलती है, तो आप उसे सुधार सकते हैं। AIS में एक खास सुविधा है, जिसके जरिए आप गलत जानकारी के खिलाफ शिकायत दर्ज कर सकते हैं।”

वे आगे कहते हैं, “अगर आपके बैंक ने गलत ब्याज राशि दिखाई है या किसी और के लेनदेन का ब्योरा आपके AIS में गलती से जुड़ गया है, तो आप इसे ठीक करने के लिए ऑनलाइन फीडबैक दे सकते हैं। यह सुधार ITR दाखिल करने से पहले करना जरूरी है ताकि आपकी रिटर्न में कोई गलती न रहे।”

फॉर्म 26AS के साथ तालमेल

AIS के साथ-साथ फॉर्म 26AS की जांच भी उतनी ही जरूरी है। यह आपका टैक्स क्रेडिट स्टेटमेंट है, जिसमें TDS, TCS, और बड़े वित्तीय लेनदेन की जानकारी होती है। AIS में फॉर्म 26AS की सारी जानकारी शामिल होती है, लेकिन यह उससे ज्यादा विस्तृत है। दोनों डॉक्यूमेंट्स को मिलाकर देखने से आप यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि आपकी सारी आय और टैक्स से जुड़ी जानकारी सही है। अगर इनमें कोई अंतर दिखता है, तो उसे ठीक करना जरूरी है।

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क्या हो सकता है अगर AIS की जांच न करें?

अगर आप AIS की जांच किए बिना ITR दाखिल करते हैं, तो गलत या अधूरी जानकारी के कारण टैक्स डिपार्टमेंट आपकी रिटर्न की जांच कर सकता है। अगर कोई आय छुपी पाई जाती है, तो आपको नोटिस भेजा जा सकता है। इसके अलावा, अगर आपकी रिटर्न में गलती पाई जाती है, तो आपको जुर्माना देना पड़ सकता है। समय पर AIS की जांच करने से आप इन परेशानियों से बच सकते हैं और अपनी रिटर्न को सही और पूरी तरह से दाखिल कर सकते हैं।

टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि ITR दाखिल करने से पहले AIS और फॉर्म 26AS को अच्छी तरह जांच लें। अगर आपके पास शेयर, म्यूचुअल फंड, या प्रॉपर्टी से जुड़े लेनदेन हैं, तो उनके डॉक्यूमेंट भी तैयार रखें। साथ ही, अगर आपने कोई नया निवेश किया है या विदेश में पैसा भेजा है, तो उसकी जानकारी भी AIS में होनी चाहिए। समय से पहले इन डॉक्यूमेंट्स की जांच करने से आप अंतिम तारीख की हड़बड़ी से बच सकते हैं और अपनी रिटर्न को सही तरीके से दाखिल कर सकते हैं।

First Published - May 30, 2025 | 4:14 PM IST

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