प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
रिटायरमेंट की तैयारी कर रहे लोगों के लिए NPS अब पहले से कहीं ज्यादा दोस्ताना बनता नजर आ रहा है। जो सिस्टम कभी सख्त नियमों और लंबी शर्तों के लिए जाना जाता था, अब उसमें लचीलापन और आजादी की झलक दिखने लगी है। पेंशन से जुड़ी सोच बदल रही है और उसी के साथ बदल रहे हैं नियम भी। PFRDA ने NPS से जुड़े कई ऐसे बदलाव किए हैं, जो निवेशकों को अपने पैसों पर ज्यादा कंट्रोल देते हैं और भविष्य की प्लानिंग को आसान बनाते हैं। अब सवाल सिर्फ पैसा जमा करने का नहीं, बल्कि उसे अपनी जरूरत के मुताबिक संभालने और निकालने का भी है। यही वजह है कि NPS के नए नियम इस समय चर्चा में हैं। आइए अब हाल ही में NPS में हुए पांच जरूरी बदलाव पर बात करते हैं।
पहले NPS में पैसा 75 साल की उम्र तक ही लगा रह सकता था, लेकिन अब ये लिमिट बढ़ाकर 85 साल कर दी गई है। मतलब, आप चाहें तो रिटायरमेंट के बाद भी लंबे समय तक अपना पैसा मार्केट में निवेश कर रख सकते हैं। इससे कंपाउंडिंग का फायदा ज्यादा मिलेगा और आपका कॉर्पस धीरे-धीरे और बढ़ सकता है। ये नियम गवर्नमेंट और नॉन-गवर्नमेंट दोनों सब्सक्राइबर्स पर लागू होता है।
नॉन-गवर्नमेंट सब्सक्राइबर्स के लिए अब बड़ा फायदा ये है कि एन्युटी खरीदने की जरूरत सिर्फ 20% कॉर्पस से ही होगी। पहले अगर कुल पैसा 5 लाख से ज्यादा होता था तो कम से कम 40% से पेंशन प्लान लेना पड़ता था। अब आप 80% तक की रकम एकमुश्त अपने हाथ में ले सकते हैं। इससे रिटायरमेंट के समय बड़ा अमाउंट तुरंत इस्तेमाल करने की आजादी मिलती है।
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अगर आपका कुल NPS बैलेंस 8 लाख रुपये या उससे कम है, तो अब पूरा पैसा लंपसम निकाल सकते हैं वो भी बिना कोई एन्युटी खरीदे। ये सुविधा गवर्नमेंट और नॉन-गवर्नमेंट दोनों के लिए है। छोटी बचत वालों के लिए ये बहुत राहत की बात है, क्योंकि पहले छोटे अमाउंट पर भी कुछ हिस्सा पेंशन प्लान में फंस जाता था।
60 साल की उम्र से पहले अगर पैसे की जरूरत पड़े, तो अब आप 4 बार तक आंशिक निकासी कर सकते हैं। पहले ये सिर्फ 3 बार ही संभव था। हर दो निकासी के बीच कम से कम 4 साल का गैप रखना होगा। 60 साल के बाद भी निवेश जारी रखने पर हर 3 साल में एक बार निकासी की छूट है, वो भी अपनी कंट्रीब्यूशन का 25% तक। इससे इमरजेंसी में पैसा फंसने की टेंशन कम हो जाती है।
अब इसमें ‘सिस्टेमेटिक यूनिट रिडेम्पशन’ का एक नया ऑप्शन आ गया है । इसमें आप अपना पैसा कम से कम 6 साल की अवधि में किस्तों में निकाल सकते हैं। खासकर 8 लाख से 12 लाख तक के कॉर्पस वालों के लिए ये उपयोगी है। इससे एक बार में सारा पैसा निकालने की बजाय प्लानिंग के साथ खर्च कर सकते हैं।