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त्योहारों में बीमा की बढ़ती मांग: दही हांडी से गणेश पूजा तक सुरक्षा कवरेज में उछाल

इस साल 27 अगस्त को मनने वाले दही हांडी उत्सव के लिए बीमाकर्ताओं ने अब तक 90,000 से अधिक गोविंदाओं को कवर कर लिया है।

Last Updated- August 25, 2024 | 10:44 PM IST
Dahi Handi 2024: Govinda will break the pot with insurance cover, business of insurance companies increased बीमा कवर के साथ मटकी फोड़ने उतरेंगे गोविंदा, इंश्योरेंस कंपनियों का बढ़ा कारोबार

भारत में बढ़ते त्योहार और उससे जुड़े जोखिमों के बीच त्योहार आधारित बीमा के कवरेज और प्रीमियम में वृद्धि हुई है। यह रुझान दही हांडी, गणेश पूजा और दुर्गा पूजा जैसे बड़े त्योहारों के मौके पर देखने को अधिक मिलता है, जिससे बीमा कवरेज और लागत में वृद्धि हो रही है।

बीमा उद्योग के जानकारों के मुताबिक, इन त्योहारों की औपचारिकता के साथ-साथ सरकारी समर्थन से भी आयोजकों को अपनी संपत्ति और प्रतिभागियों की सुरक्षा के लिए बीमा पैकेज चुनने के लिए प्रोत्साहित किया है।

इस साल 27 अगस्त को मनने वाले दही हांडी उत्सव के लिए बीमाकर्ताओं ने अब तक 90,000 से अधिक गोविंदाओं को कवर कर लिया है। ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी के प्रबंधक सचिन खानविलकर ने कहा, ’25 अगस्त, 2024 तक 94, 753 गोविंदाओं का बीमा किया है। उत्सव भी एक-दो दिन बाकी हैं और उम्मीद है कि यह संख्या अभी बढ़ेगी क्योंकि हर दिन 5 से 8 हजार गोविंदाओं के प्रस्ताव मिल रहे हैं। पिछले साल कुल 95,000 गोविंदाओं का बीमा किया गया था।’

उन्होंने कहा, ‘प्रत्येक प्रतिभागी का महज 75 रुपये के प्रीमियम पर 10 लाख रुपये का बीमा किया जाता है। अब तक, राज्य सरकार और वसई विरार नगर निगम ने मिलकर प्रीमियम के तौर पर 60 लाख रुपये दिए हैं और मंडलों ने भी अलग से बीमा कराया है। अब तक 1,200 से अधिक मंडलों का बीमा किया जा चुका है और हमें उम्मीद है कि इस साल हम 1,500 का आंकड़ा छू लेंगे।’

बजाज जनरल इंश्योरेंस के मुख्य तकनीकी अधिकारी टीए रामलिंगम ने कहा, ‘कंपनी का त्योहारी बीमा के लिए प्रीमियम करीब पांच गुना बढ़ गया है। यह पांच साल पहले एकत्र किए गए 20 लाख रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2024 में करीब 1.5 करोड़ रुपये हो गया है।’ उन्होंने कहा कि कंपनी को बीते साल की तुलना में वित्त वर्ष 2025 में प्रीमियम में 15 से 20 फीसदी वृद्धि की उम्मीद है।

दही हांडी उत्सव के दौरान बीमा की मांग बढ़ने का एक बड़ा कारण राज्य सरकार का हस्तक्षेप भी माना जा रहा है। इंश्योरेंस ब्रोकर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईबीएआई) के अध्यक्ष सुमित बोहरा के मुताबिक, बड़े पैमाने पर होने वाले इन आयोजनों के दौरान प्रतिभागियों और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर महाराष्ट्र सरकार के विशेष ध्यान के कारण भी बीमा पॉलिसी को अधिक अपनाया जा रहा है।

सुमित ने कहा, ‘इसने अधिक आयोजकों ने भी आकस्मिक घटनाओं से जुड़े जोखिमों को कम करने के लिए व्यापक कवरेज पर विचार करने के लिए प्रोत्साहित किया है।’

उन्होंने कहा कि इस बीमा में दही हांडी के दौरान गोविंदाओं की टोली को चोट से बचाने अथवा मूर्तियों के विसर्जन के दौरान होने वाली आकस्मिक मौत की घटनाएं, मंडप में सजावट एवं अन्य संपत्तियों अथवा मूर्तियों की क्षति, बिजली से होने वाले जोखिमों, आग आदि से खतरे को कवर किया जाता है।

इसके अलावा, उद्योग के जानकारों का मानना है कि दही हांडी में राज्य सरकार के हस्तक्षेप ने त्योहारों के लिए बीमा की मांग बढ़ाई है, जबकि अब भी कुछ चुनिंदा बड़े मंडलों को छोड़कर अधिकतर मंडल के लिए भी गणेश पूजा के लिए बीमा की मांग में धीरे-धीरे इजाफा हो रहा है।

इस साल 7 सितंबर को होने वाले गणेशोत्सव (गणेश पूजा) के लिए बीमा दही हांडी के बाद शुरू की जाएगी। बीमाकर्ताओं को राज्य में होने वाले चुनावों से पहले गणेश पूजा के लिए बीमा में अच्छा रुझान देखने की उम्मीद की जा रही है, जो एक सामान्य प्रक्रिया भी है।

First Published - August 25, 2024 | 10:44 PM IST

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