प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
चलती ट्रेन में फोन हाथ से छूट जाए तो घबराहट होना स्वाभाविक है। लेकिन रेलवे अधिकारियों का कहना है कि घबराने की बजाय शांत और सही तरीके से कदम उठाना ही फोन वापस पाने में मदद करता है।
फोन गिरते ही ज्यादातर लोग इमरजेंसी चेन खींचने की सोचते हैं। लेकिन रेलवे अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि ऐसा करना सख्त मना है। यह चेन सिर्फ जानलेवा आपात स्थिति जैसे हादसा, आग या मेडिकल इमरजेंसी के लिए है। फोन ढूंढने के लिए इसका दुरुपयोग करने पर 5,000 रुपये तक का जुर्माना हो सकता है, ट्रेन में देरी हो सकती है, और फिर भी फोन मिलने की कोई गारंटी नहीं है।
घबराने की बजाय यह देखें कि फोन कहां गिरा। रेलवे ट्रैक के किनारे पोल और किलोमीटर मार्कर होते हैं, जो सामान ढूंढने में बहुत काम आते हैं। पोल का नंबर, पास का मार्कर या कोई और निशान याद रखें, इससे फोन मिलने की संभावना बढ़ जाती है।
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किसी सहयात्री का फोन उधार लेकर तुरंत 182 पर कॉल करें, यह रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स (RPF) की 24×7 हेल्पलाइन है। ये जानकारी दें:
RPF की टीम नजदीकी स्टेशन पर अलर्ट हो जाती है और फोन ढूंढने की कोशिश करती है। अगर 182 न मिले, तो 1512 (गवर्नमेंट रेलवे पुलिस हेल्पलाइन) या 138 (रेलवे पैसेंजर हेल्पलाइन) पर भी कॉल कर सकते हैं।
अगर फोन मिल जाता है, तो उसे नजदीकी RPF या GRP पोस्ट पर जमा कर दिया जाता है। आपको एक रेफरेंस या शिकायत नंबर मिलेगा, जिससे सर्च का स्टेटस पता कर सकते हैं। फोन लेने के लिए मालिक को वैध ID दिखानी होगी और डिवाइस के बारे में कुछ जरूरी जानकारी देनी होगी, जिसके बाद वेरिफिकेशन के बाद फोन वापस मिलेगा।
ट्रेन में फोन गिरने पर जल्दबाजी में कोई कदम न उठाएं। जगह का ध्यान रखें, हेल्पलाइन पर तुरंत संपर्क करें और अधिकारियों के साथ सहयोग करें। शांत और सही तरीके से काम करने से आपका फोन वापस मिल सकता है, बिना किसी की जान खतरे में डाले या ट्रेन की सेवा में रुकावट पैदा किए।