रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने इस महीने अपनी मौद्रिक नीति में बड़ा फैसला लेते हुए रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की कटौती की है। अब रेपो रेट घटकर 5.25 प्रतिशत हो गई है। इसके बाद कई सरकारी बैंकों ने भी अपने लोन की ब्याज दरें कम कर दी हैं। इस फैसले का सीधा फायदा उन लोगों को मिलेगा जिन्होंने घर, कार या पर्सनल लोन ले रखा है। ऐसे ग्राहकों की मासिक किस्त यानी EMI अब कम हो जाएगी या फिर उनका लोन पहले से जल्दी खत्म हो सकता है।
जिन ग्राहकों का लोन रेपो रेट या किसी दूसरे बाहरी बेंचमार्क से जुड़ा हुआ है, उन्हें किसी आवेदन की जरूरत नहीं होगी। जैसे ही RBI रेपो रेट घटाता है, वैसे ही इन लोन की ब्याज दर अपने-आप कम हो जाती है। इसका मतलब है कि EMI अपने-आप घटेगी। आजकल ज्यादातर नए होम लोन और कार लोन इसी सिस्टम से जुड़े होते हैं।
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कैनरा बैंक ने अपनी रेपो-लिंक्ड लेंडिंग रेट को 8.25 प्रतिशत से घटाकर 8.00 प्रतिशत कर दिया है। यह नई दर 12 दिसंबर से लागू हो चुकी है। इससे कैनरा बैंक से पहले से लोन ले चुके ग्राहकों की EMI अब कम हो जाएगी। इसी तरह पंजाब नेशनल बैंक ने भी अपनी रेपो से जुड़ी लोन दर को 8.35 प्रतिशत से घटाकर 8.10 प्रतिशत कर दिया है, जो 6 दिसंबर से लागू है।
इंडियन बैंक ने अपनी रेपो-लिंक्ड ब्याज दर को 8.20 प्रतिशत से घटाकर 7.95 प्रतिशत कर दिया है। यह फैसला 6 दिसंबर से लागू है। बैंक ऑफ इंडिया ने भी 5 दिसंबर से अपनी रेपो आधारित लेंडिंग रेट को 8.10 प्रतिशत कर दिया है। वहीं इंडियन ओवरसीज बैंक ने 15 दिसंबर से अपनी रेपो-लिंक्ड दर को 8.10 प्रतिशत कर दिया है। साथ ही बैंक ने एक साल की MCLR दर को 8.80 प्रतिशत पर रखा है।
देश के सबसे बड़े बैंक SBI ने 15 दिसंबर से अपनी लेंडिंग दरों में कटौती की है। हालांकि हर ग्राहक के लिए ब्याज दर अलग-अलग हो सकती है, लेकिन रेपो रेट में हुई कटौती का फायदा EMI में कमी के रूप में दिखेगा। बैंक ऑफ बड़ौदा ने भी 6 दिसंबर से अपनी बेंचमार्क से जुड़ी लोन दर को घटाकर 7.90 प्रतिशत कर दिया है, जिससे उसके ग्राहकों को भी थोड़ी राहत मिलेगी।
बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने आम ग्राहकों को ध्यान में रखते हुए होम और कार लोन की दरों में ज्यादा कटौती की है। बैंक का होम लोन अब 7.10 प्रतिशत से शुरू हो रहा है, जबकि कार लोन की शुरुआती दर 7.45 प्रतिशत रखी गई है। इसके साथ ही बैंक ने प्रोसेसिंग फीस भी माफ कर दी है, जिससे नए ग्राहकों के लिए लोन लेना और सस्ता हो गया है।
अगर कोई व्यक्ति 20 लाख रुपये का होम लोन 20 साल के लिए लेता है और उसे सबसे कम ब्याज दर 7.10 प्रतिशत (जैसे बैंक ऑफ महाराष्ट्र) पर लोन मिलता है, तो उसकी EMI करीब 15,626 रुपये प्रति माह होगी। वहीं अगर यही लोन किसी दूसरे बैंक से पहले 8.25 प्रतिशत ब्याज दर पर लिया गया होता, तो EMI करीब 17,041 रुपये प्रति माह बनती। यानी ब्याज दर घटने से हर महीने लगभग 1,500 रुपये की बचत होगी। पूरे साल में यह बचत करीब 18,000 रुपये तक पहुंच जाती है। बैंक और ग्राहक की प्रोफाइल के हिसाब से EMI में थोड़ा बहुत अंतर हो सकता है।
जिन लोगों ने पहले से लोन ले रखा है, उन्हें यह जांचना चाहिए कि उनका लोन रेपो रेट से जुड़ा है या नहीं। अगर लोन रेपो-लिंक्ड है, तो EMI अपने-आप कम हो जाएगी। वहीं जो लोग नया लोन लेने की सोच रहे हैं, उनके लिए यह समय अच्छा है क्योंकि बैंक एक-दूसरे से मुकाबला कर रहे हैं और कम ब्याज दर पर लोन दे रहे हैं।